Saturday, 6 September 2014

Central prisons preparation of prisoners detained in online

प्रदेश के पांच केंद्रीय जेलों में बंद कैदियों की पूरी कुंडली जेल प्रशासन ने तैयार की है। एनआईसी हेडक्वार्टर दिल्ली व छत्तीसगढ़ के सहयोग से कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर में कैदियों के रिकॉर्ड अपलोड किया गया है। जिस किसी कैदी के बारे में शासन, प्रशासन आदि को जानकारी चाहिए होगी, वह कम्प्यूटर पर एक क्लिक करते ही ऑन लाइन सामने आ जाएगी। फिलहाल जेल मुख्यालय ने अभी पांच सेंट्रल जेलों में इस हाईटेक योजना को लागू किया है, आने वाले समय में प्रदेश के सभी जेल, उपजेल में कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर की स्थापना प्रस्तावित की गई है।

बडे़ बैकरों का हो रहा निर्माण

प्रदेश की राजधानी रायपुर समेत बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर तथा अंबिकापुर के सेंट्रल जेल समेत जिला जेलों में झमता से दोगुने संख्या में कैदियों को रखा गया है। हालांकि जेल प्रशासन लगातार जेल के विस्तारीकरण भी कर रहा है। नए बैरकों के साथ पुराने बैरकों को तोड़कर बड़े बैरकों का निर्माण भी लगातार किया जा रहा है, ताकि क्षमता से अधिक संख्या में रखे गए कैदियों को किसी तरह की परेशानी न हो।

इसी क्रम में विभिन्न सरकारी विभागों की तर्ज पर जेलों को भी हाईटेक करने की कवायद सेंट्रल जेल से शुरू कर दी गई है। एनआईसी के दिल्ली हेडक्वार्टर की मदद से राज्य की एनआईसी द्वारा प्रदेश के पांच सेंट्रल जेलों में बहुउपयोगी कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर की स्थापना की जा चुकी है। इसका संचालन करने के लिए जेल प्रहरियों, कर्मचारियों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।

अधिकारी-कर्मचारियों को दिया प्रशिक्षण

जेल प्रशासन के मुताबिक गुरुवार को जेल मुख्यालय में दो दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का समापन किया गया। शिविर में एनआईसी दिल्ली हेडक्वार्टर से आए विकास अग्रवाल व राज्य एनआईसी से एचएस त्रिपाठी ने पांच सेंट्रल जेल के 36 अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया। शिविर का उद्घाटन जेल डीजी गिरधारी नायक ने किया तथा समापन अवसर पर उन्होंने जेलों में शुरू किए जा रहे बहुउपयोगी कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर की स्थापना पर विस्तृत प्रकाश डाला। शिविर में विजिटर मैनेजमेंट सिस्टम, हॉस्पिटल मैनेजमेंट, इन्वेंटरी मैनेजमेंट, प्रिजनर्स मैनेजमेंट, पुलिस इंटेलिजेंस सिस्टम तथा कोर्ट मॉनिटरिंग सिस्टम आदि के बारे में विस्तार से बताया गया। इस मौके पर डीआईजी केके गुप्ता, जेल अधीक्षक समेत अनेक अधिकारी मौजूद थे।

मिलने वालों के रिकॉर्ड भी

डीआईजी जेल केके गुप्ता ने बताया कि जेलों में बंद कैदियों के ऑनलाइन रिकॉर्ड अपडेट कर सॉफ्टवेयर में अपलोड किए जा चुके है। इसमें कैदियों की पूरी जन्मकुंडली तैयार की गई है। मसलन कैदियों से मिलने वालों से लेकर जेल में प्रवेश करने व निकलने तक के रिकॉर्ड ऑनलाइन उपलब्ध रहेंगे।

उन्होंने बताया कि हरेक जेल की यूनिक आईडी, नंबर, बंदी का आईडी नंबर टाइप कर सर्च करते ही संबंधित बंदी की ऑनलाइन कुंडली सामने आ जाएगी। इस सुविधा के शुरू होने से जेल प्रशासन को काम करने में और अधिक आसानी होगी। उन्होंने कहा कि सेंट्रल जेल के बाद प्रदेश के सभी जेलों को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा।

रायपुर समेत पांच सेंट्रल जेलों में कम्प्यूटर सॉफ्टवेयर की स्थापना की गई है। इसमें कैदियों के ऑनलाइन रिकॉर्ड उपलब्ध रहेगा और एक क्लिक पर सारी जानकारी मिल सकेगी।

-गिरधारी नायक, डीजी जेल

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