नक्सल क्षेत्र में रूके पड़े निर्माण कार्यो को शुरू या पूरा करने ठेकेदार अपनी शर्तों के साथ काम कर सकेंगे। दर कितनी होगी, काम कब तक पूरा करेंगे और उसका तरीका कैसा होगा, यह सब ठेकेदार खुद तय करेगा। प्रशासन को टारगेट सिर्फ और सिर्फ कामों को पूरा करना होगा। इसे लेकर शासन की नई गाइड लाइन मिलने के बाद प्रशासन ने ठेकेदारों से शर्तों के साथ मांग पत्र मंगवाना भी शुरू कर दिया है। उम्मीद की जा रही है कि इससे वनांचल में विकास में तेजी आएगी।
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन के अंर्तगत आने वाले स्कूलों के अटके कार्य को पूर्ण कराने विभाग अब ठेकेदारों की शर्त भी मानने को तैयार है। इन कार्यों का जिम्मा उठाने वाले ठेकेदारों से मांग पत्र मंगाया जा रहा है, जिसमें कार्य की दर व कार्य पूर्ण करने की तिथि ठेकेदार अपनी सुविधा के अनुसार अंकित करेंगे। जिला कार्यालय ठेकेदारों के इन मांग पत्रों को अपने उच्च कार्यालय में प्रेषित करेगा, जिसमें मुहर लगने के बाद ठेकेदारों की शर्तों पर कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
दरअसल आरएमएसए के अंर्तगत आने वाले लगभग 1900 कार्य जिलेभर में अटके पड़े हैं। जिनमें से 85 फीसदी कार्य वनांचल क्षेत्रों में नक्सली दहशत की वजह से पूर्ण नहीं हो पाए हैं। जिसे पूर्ण कराने अब विभाग इन ठेकेदारों की मर्जी भी मानने को तैयार है।
सात बार हो चुका है टेंडर
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के वनांचल क्षेत्र के स्कूलों में भवन निर्माण, अतिरिक्त कक्ष निर्माण, शौचालय, अहाता निर्माण के करीब 40 करोड़ रुपए के कार्यों के लिए सात बार टेंडर किया जा चुका है,लेकिन नक्सली दहशत के चलते इन ठेकेदारों द्वारा कार्य बीच में अधूरा छोड़ दिया जाता है। जिसकी वजह से मानपुर, मोहला व अंबागढ़ी चौकी के दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में करोड़ों के निर्माण कार्य अब भी अटके पड़े हैं।
दर बढ़ी, स्वीकृति नहीं
नक्सल क्षेत्रों के अटके कार्य को पूर्ण करने आरएमएसएस लोनिवि आरईएस के माध्यम से ठेकेदारों से संपर्क कर रही है लेकिन ठेकेदारों का पक्ष है कि सात 7-8 सालों से लंबित कार्यों के लिए स्वीकृत राशि से वर्तमान में कार्य पूर्ण करना संभव नहीं है। इन वर्षों में मटेरियल सहित मजदूरी दर में भारी बढ़ोतरी हो गई है, जिसे देखते हुए स्वीकृत राशि में भी बढ़ोतरी करने की आवश्यकता है।
पहुंचने लगे हैं मांग पत्र
अटके कार्यों का टेंडर लेने के पहले अब ठेकेदार अपनी मर्जी का रेट कार्ड तय कर आरएमएसए में पहुंचाने लगे है। मांग पत्रों को आरएमएसए के प्रदेश कार्यालय के माध्यम से दिल्ली भेजा जाएगा। वहां से निर्णय होने के बाद काम शुरू हो जाएंगे।
सालों से लंबित अधूरे पड़े कार्यों को पूर्ण कराने उच्च कार्यालय के निर्देश पर ठेकेदारों से मांग पत्र मंगाए जा रहे है। जिन्हें कार्यालय को प्रेषित किया जाएगा।
एके पंचभावे, सहायक परियोजना अधिकारी, आरएमएसए
राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन के अंर्तगत आने वाले स्कूलों के अटके कार्य को पूर्ण कराने विभाग अब ठेकेदारों की शर्त भी मानने को तैयार है। इन कार्यों का जिम्मा उठाने वाले ठेकेदारों से मांग पत्र मंगाया जा रहा है, जिसमें कार्य की दर व कार्य पूर्ण करने की तिथि ठेकेदार अपनी सुविधा के अनुसार अंकित करेंगे। जिला कार्यालय ठेकेदारों के इन मांग पत्रों को अपने उच्च कार्यालय में प्रेषित करेगा, जिसमें मुहर लगने के बाद ठेकेदारों की शर्तों पर कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
दरअसल आरएमएसए के अंर्तगत आने वाले लगभग 1900 कार्य जिलेभर में अटके पड़े हैं। जिनमें से 85 फीसदी कार्य वनांचल क्षेत्रों में नक्सली दहशत की वजह से पूर्ण नहीं हो पाए हैं। जिसे पूर्ण कराने अब विभाग इन ठेकेदारों की मर्जी भी मानने को तैयार है।
सात बार हो चुका है टेंडर
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक जिले के वनांचल क्षेत्र के स्कूलों में भवन निर्माण, अतिरिक्त कक्ष निर्माण, शौचालय, अहाता निर्माण के करीब 40 करोड़ रुपए के कार्यों के लिए सात बार टेंडर किया जा चुका है,लेकिन नक्सली दहशत के चलते इन ठेकेदारों द्वारा कार्य बीच में अधूरा छोड़ दिया जाता है। जिसकी वजह से मानपुर, मोहला व अंबागढ़ी चौकी के दूरस्थ वनांचल क्षेत्रों में करोड़ों के निर्माण कार्य अब भी अटके पड़े हैं।
दर बढ़ी, स्वीकृति नहीं
नक्सल क्षेत्रों के अटके कार्य को पूर्ण करने आरएमएसएस लोनिवि आरईएस के माध्यम से ठेकेदारों से संपर्क कर रही है लेकिन ठेकेदारों का पक्ष है कि सात 7-8 सालों से लंबित कार्यों के लिए स्वीकृत राशि से वर्तमान में कार्य पूर्ण करना संभव नहीं है। इन वर्षों में मटेरियल सहित मजदूरी दर में भारी बढ़ोतरी हो गई है, जिसे देखते हुए स्वीकृत राशि में भी बढ़ोतरी करने की आवश्यकता है।
पहुंचने लगे हैं मांग पत्र
अटके कार्यों का टेंडर लेने के पहले अब ठेकेदार अपनी मर्जी का रेट कार्ड तय कर आरएमएसए में पहुंचाने लगे है। मांग पत्रों को आरएमएसए के प्रदेश कार्यालय के माध्यम से दिल्ली भेजा जाएगा। वहां से निर्णय होने के बाद काम शुरू हो जाएंगे।
सालों से लंबित अधूरे पड़े कार्यों को पूर्ण कराने उच्च कार्यालय के निर्देश पर ठेकेदारों से मांग पत्र मंगाए जा रहे है। जिन्हें कार्यालय को प्रेषित किया जाएगा।
एके पंचभावे, सहायक परियोजना अधिकारी, आरएमएसए
Source: Chhattisgarh News and MP News in Hindi
No comments:
Post a Comment