Monday, 15 September 2014

Child will born with weak mind and heart if drink alchoal

अगर आप शराब पीने के शौकीन हैं तो संभल जाएं। यह आदत आपके अजन्मे शिशु के लिए घातक हो सकती है। उसे दिल और दिमाग की खतरनाक बीमारियां होने की बहुत ज्यादा आशंका रहेगी। हालिया रिसर्च में यह बात साबित हो चुकी है। यह कहना है दुनिया की जानी-मानी हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ.विजय लक्ष्मी का। वे बंगलौर में जयदेवा इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलाजी में पीडियाट्रिक कार्डियोलाजी की विशेषज्ञ हैं।

उन्होंने बताया कि अगर मां शराब का सेवन करती है तो प्लेसेंटा से और अगर पिता शराब पीता है तो स्पर्म से गर्भस्थ शिशु के शरीर में अल्कोहल की मात्रा पहुंचती है। इससे बच्चे को अल्कोहलिक फीटल सिंड्रोम नामक बीमारी हो जाती है। इससे बच्चे के हृदय में छेंद, छोटा सिर, अविकसित दिमाग जैसी कई दिक्कतें होती हैं। माता-पिता के सिंगरेट पीने से भी बच्चे को दिल की बीमारियां हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि आजकल 'फोर डी" मशीनें आ गई हैं, जिनसे गर्भस्थ शिशु की हृदय रोग संबंधी बीमारियों का पता लगाया जा सकता है।

डॉ. लक्ष्मी ने बताया कि दिल में सुराग वाले बच्चों की अब सर्जरी की जरूरत नहीं है। अंब्रेला तकनीक के जरिए एक डिवाइस लगाकर दिल का सुराक बंद किया जा सकता है। सर्जरी से यह बेहतर तकनीक है। यह डिवाईस करीब 70 हजार में आती है।

फोर डी मशीनों से जांच के बाद एंजियोग्राफी की जरूरत नहीं

ईकोकार्डियोंग्राफी के जनक डॉ. नवीन पी नंदा (अमेरिका) ने कहा कि 3 डी और 4 डी मशीनों से कोरोनरी आर्ट्री में ब्लाकेज आसानी से देखे जा सकते हैं। इसके लिए एंजियोग्राफी की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि कई बार दिल में कुदरती बाईपास सिस्टम बन जाता है, और मरीज को बाईपास से मुक्ति मिल जाती है।

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