ग्वालियर रेलवे स्टेशन को वाई-फाई बनाने के साथ-साथ ग्वालियर के आसपास के छोटे स्टेशनों को भी विकसित करने के लिए रेलवे ने तैयारी शुरू कर दी है। छोटे स्टेशनों को आधुनिक बनाने के लिए नॉर्थ सेन्ट्रल रेलवे ने प्रस्ताव तैयार कर रेलवे बोर्ड को भेज दिया है।
रेल बजट में देश के ए-1 और ए कैटेगरी के रेलवे स्टेशनों को वाई-फाई बनाने की घोषणा की गई। ग्वालियर रेलवे स्टेशन ए-1 कैटेगरी के रेलवे स्टेशनों में शामिल है। इसलिए ग्वालियर रेलवे स्टेशन को भी वाई-फाई बनाया जाएगा। इसके लिए रेलवे ने काम शुरू कर दिया है। पूरा प्लान बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजा जा रहा है।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म-1 पर एफओबी के पास सर्वर रूम रहेगा, जिसे चि-ति किया गया है। इसे लगाने से लेकर देखरेख तक का काम रेल टेल कॉर्पोरेशन देखेगा। दिसंबर तक रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को मुफ्त में वाई-फाई कनेक्टिविटी मिलेगी।
ग्वालियर के आसपास स्थित नैरोगेज के स्टेशनों को भी विकसित किया जाएगा। घोसीपुरा, मोतीझील, बानमोर, श्योपुर रेलवे स्टेशनों को विकसित करने का प्लान नॉर्थ सेन्ट्रल रेलवे ने रेलवे बोर्ड को भेज दिया है। स्वीकृति मिलने के बाद काम शुरू होगा।
छोटे स्टेशनों पर यह होगा विकास
-कम्पयूटरीकृत टिकट की सुविधा।
-ऑटोमैटिक सिग्नल की व्यवस्था।
-जर्जर हो चुके स्टेशन भवनों का निर्माण।
-पर्याप्त बिजली की व्यवस्था।
-कर्मचारियों की संख्या बढ़ेगी।
रेल बजट में देश के ए-1 और ए कैटेगरी के रेलवे स्टेशनों को वाई-फाई बनाने की घोषणा की गई। ग्वालियर रेलवे स्टेशन ए-1 कैटेगरी के रेलवे स्टेशनों में शामिल है। इसलिए ग्वालियर रेलवे स्टेशन को भी वाई-फाई बनाया जाएगा। इसके लिए रेलवे ने काम शुरू कर दिया है। पूरा प्लान बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजा जा रहा है।
रेलवे अधिकारियों के मुताबिक रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म-1 पर एफओबी के पास सर्वर रूम रहेगा, जिसे चि-ति किया गया है। इसे लगाने से लेकर देखरेख तक का काम रेल टेल कॉर्पोरेशन देखेगा। दिसंबर तक रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को मुफ्त में वाई-फाई कनेक्टिविटी मिलेगी।
ग्वालियर के आसपास स्थित नैरोगेज के स्टेशनों को भी विकसित किया जाएगा। घोसीपुरा, मोतीझील, बानमोर, श्योपुर रेलवे स्टेशनों को विकसित करने का प्लान नॉर्थ सेन्ट्रल रेलवे ने रेलवे बोर्ड को भेज दिया है। स्वीकृति मिलने के बाद काम शुरू होगा।
छोटे स्टेशनों पर यह होगा विकास
-कम्पयूटरीकृत टिकट की सुविधा।
-ऑटोमैटिक सिग्नल की व्यवस्था।
-जर्जर हो चुके स्टेशन भवनों का निर्माण।
-पर्याप्त बिजली की व्यवस्था।
-कर्मचारियों की संख्या बढ़ेगी।
Source: MP News in Hindi and Chhattisgarh News
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