राजधानी में ई- सिगरेट के रूप में नशे का नया धंधा तेजी से पनपन रहा। शहर के कई पानठेलों में यह सिगरेट अवैध रूप से बेचा जा रहा है। बुधवार की देर शाम जिला प्रशासन की टीम ने अग्रसेन चौक स्थित चौरसिया पानठेला में छापा मारकर करीब दर्जनभर ई- सिगरेट जब्त किया। अफसरों के अनुसार यह सिगरेट देश के कई राज्यों में प्रतिबंधित है। अफसरों के अनुसार राजधानी में ई- सिगरेट के अवैध कारोबार की सूचना कलेक्टर ठाकुरराम सिंह को मिली थी।
बताया जाता है कि ई- सिगरेट स्कूली बच्चों को भी बेचे जाने की शिकायत मिली थी। इसी आधार पर कलेक्टर ने बुधवार की शाम आनन- फानन में तहसीलदार जीआर मरकाम, डिप्टी कलेक्टर दशरथ सिंह राजपूत और खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. अश्विनी देवांगन की एक टीम बनाकर कार्रवाई के लिए भेजा। टीम ने अग्रसेन चौक पर संचालित चौरसिया पानठेला में छापा मारकर वहां से ई- सिगरेट जब्त किया। अफसरों के अनुसार पानठेला संचालक धर्मेन्द्र चौरसिया के पास ई- सिगरेट बेचने का कोई लाइसेंस नहीं था। दुकान संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार चौरसिया ने पूछताछ के दौरान बताया है कि ई- सिगरेट शहर के कई पानठेलों में बेचे जा रहे हैं। अफसरों के अनुसार चौरसिया को ई- सिगरेट के सप्लायर के बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन वह जिस दुकान से ई- सिगरेट मंगाता था, उसकी जानकारी अफसरों को दी है।
सिगरेट में कौन-सा नशा?
जिला प्रशासन के अफसरों को फिलहाल यह नहीं मालूम है कि ई- सिगरेट में किस तरह के नशे का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी वजह से सिगरेट को प्रयोगशाला जांच के लिए भेजा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार ई- सिगरेट का नशा सामान्य सिगरेट से पूरी तरह अलग है।
एक सिगरेट का 5 से 7 बार इस्तेमाल
बैटरी से चलने वाले एक ई- सिगरेट का 5 से 7 बार इस्तेमाल किया जा सकता है। राजधानी में एक ई- सिगरेट की कीमत 250 रुपए तक है। बताया जाता है कि फ्लेवर के हिसाब से इसके रेट में अंतर आ जाता है।
अग्रसेन चौक के पास स्थित एक पान दुकान में छापे के दौरान ई- सिगरेट जब्त किए गए। जिला प्रशासन इस मामले में कार्रवाई कर रही है। सिगरेट में किस तरह के नशे का इस्तेमाल किया गया है, इसकी जांच व जानकारी के लिए इसे प्रयोगशाला भेजा जा रहा है।
संजय अग्रवाल, एडीएम, रायपुर
बताया जाता है कि ई- सिगरेट स्कूली बच्चों को भी बेचे जाने की शिकायत मिली थी। इसी आधार पर कलेक्टर ने बुधवार की शाम आनन- फानन में तहसीलदार जीआर मरकाम, डिप्टी कलेक्टर दशरथ सिंह राजपूत और खाद्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. अश्विनी देवांगन की एक टीम बनाकर कार्रवाई के लिए भेजा। टीम ने अग्रसेन चौक पर संचालित चौरसिया पानठेला में छापा मारकर वहां से ई- सिगरेट जब्त किया। अफसरों के अनुसार पानठेला संचालक धर्मेन्द्र चौरसिया के पास ई- सिगरेट बेचने का कोई लाइसेंस नहीं था। दुकान संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है।
सूत्रों के अनुसार चौरसिया ने पूछताछ के दौरान बताया है कि ई- सिगरेट शहर के कई पानठेलों में बेचे जा रहे हैं। अफसरों के अनुसार चौरसिया को ई- सिगरेट के सप्लायर के बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन वह जिस दुकान से ई- सिगरेट मंगाता था, उसकी जानकारी अफसरों को दी है।
सिगरेट में कौन-सा नशा?
जिला प्रशासन के अफसरों को फिलहाल यह नहीं मालूम है कि ई- सिगरेट में किस तरह के नशे का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसी वजह से सिगरेट को प्रयोगशाला जांच के लिए भेजा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार ई- सिगरेट का नशा सामान्य सिगरेट से पूरी तरह अलग है।
एक सिगरेट का 5 से 7 बार इस्तेमाल
बैटरी से चलने वाले एक ई- सिगरेट का 5 से 7 बार इस्तेमाल किया जा सकता है। राजधानी में एक ई- सिगरेट की कीमत 250 रुपए तक है। बताया जाता है कि फ्लेवर के हिसाब से इसके रेट में अंतर आ जाता है।
अग्रसेन चौक के पास स्थित एक पान दुकान में छापे के दौरान ई- सिगरेट जब्त किए गए। जिला प्रशासन इस मामले में कार्रवाई कर रही है। सिगरेट में किस तरह के नशे का इस्तेमाल किया गया है, इसकी जांच व जानकारी के लिए इसे प्रयोगशाला भेजा जा रहा है।
संजय अग्रवाल, एडीएम, रायपुर
Source: MP Hindi News and Chhattisgarh News
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