फिर एक निर्मोही मां ने अपने नवजात को मरने के लिए रात के अंधेरे में झाड़ियों में फेंक दिया। जिसे आसपास के लोगों ने सुबह हॉस्पिटल पहुंचाया। उसके हाथ में हल्की खरोच है और सांस लेने में तकलीफ हो रही है। चिकित्सक आईसीसीयू नर्सरी में विशेष निगरानी में रखा है।
जानकारी के अनुसार शहर के कुम्हारपारा भवानी चौक के पास गुरुवार की सुबह झाड़ियों में रोती एक नवजात को लोगों ने देखा और संजीवनी एंबुलेंस को बुलाकर मेकॉज भिजवाया। नवजात पूर्ण विकसित व ढाई किलो की कन्या है। मेकॉज के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. भगत बघेल के अनुसार नवजात के हाथ में हल्की खरोंच है और उसे सास लेने में तकलीफ हो रही है।
नवजात को 24 घंटे के विशेष निगरानी में रखा गया है। इसके बाद ही उसके संबंध में कुछ कहा जा सकता है। पूरे 9 माह के गर्भ के बाद शिशु का जन्म हुआ है। उसके नाम हॉस्पिटल में अलग किया गया। इधर हॉस्पिटल की सूचना के बाद कोतवाली पुलिस मामला दर्ज कर निर्मोही मां की तलाश में जुटी है। विवेचक एएसआई जीआर साहू के मुताबिक शाम तक आसपास के लोगों ने ऐसी गर्भवती महिला के संबंध में जानकारी नहीं दी है, जिसने बच्ची को जन्म दिया हो।
बावजूद पुलिस कुम्हारपारा के अलावा हाटकचोरा, अटल आवास, लालबाग, पथरागुड़ा क्षेत्र में पता-साजी कर रही है। लोगों का मानना है कि यह किसी के अवैध संबंधों का नतीजा है और लोक-लाज की वजह से नवजात को फेंक दिया गया। क्योंकि अब लोग बालक-बालिका में फर्क नहीं करते और शासन भी कन्या सुरक्षा में जोर दे रही है।
जानकारी के अनुसार शहर के कुम्हारपारा भवानी चौक के पास गुरुवार की सुबह झाड़ियों में रोती एक नवजात को लोगों ने देखा और संजीवनी एंबुलेंस को बुलाकर मेकॉज भिजवाया। नवजात पूर्ण विकसित व ढाई किलो की कन्या है। मेकॉज के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. भगत बघेल के अनुसार नवजात के हाथ में हल्की खरोंच है और उसे सास लेने में तकलीफ हो रही है।
नवजात को 24 घंटे के विशेष निगरानी में रखा गया है। इसके बाद ही उसके संबंध में कुछ कहा जा सकता है। पूरे 9 माह के गर्भ के बाद शिशु का जन्म हुआ है। उसके नाम हॉस्पिटल में अलग किया गया। इधर हॉस्पिटल की सूचना के बाद कोतवाली पुलिस मामला दर्ज कर निर्मोही मां की तलाश में जुटी है। विवेचक एएसआई जीआर साहू के मुताबिक शाम तक आसपास के लोगों ने ऐसी गर्भवती महिला के संबंध में जानकारी नहीं दी है, जिसने बच्ची को जन्म दिया हो।
बावजूद पुलिस कुम्हारपारा के अलावा हाटकचोरा, अटल आवास, लालबाग, पथरागुड़ा क्षेत्र में पता-साजी कर रही है। लोगों का मानना है कि यह किसी के अवैध संबंधों का नतीजा है और लोक-लाज की वजह से नवजात को फेंक दिया गया। क्योंकि अब लोग बालक-बालिका में फर्क नहीं करते और शासन भी कन्या सुरक्षा में जोर दे रही है।
Source: MP Hindi News and Chhattisgarh News
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