आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जो माता-पिता अपने युवा हो रहे बच्चों पर तरफ ध्यान नहीं दे रहे उसके घातक परिणाम उनके सामने आ सकते हैं। मप्र के गुना शहर में स्मैक कारोबार पैर पसार चुका रहा है, जिसकी चपेट में सर्वाधिक युवा वर्ग आ रहा है। अवैध कारोबार को फैलाने के लिए माफिया बकायदा चेन सिस्टम चला रहे हैं जिसमें भोले-भाले युवकों को फंसाकर नशे की प्रवृति डाल रहे हैं।
कारोबार बढ़ाने माफिया चार ग्राहक लाने वाले एक व्यक्ति को मुफ्त में नशीला पदार्थ दे रहे हैं। एक बार जो युवा नशे की जकड़ में आ गया, फिर बाहर निकलना असंभव है।
सूत्रों के अनुसार शहर के अंदर प्रतिबंधित स्मैक का अवैध कारोबार बड़े पैमाने चोरी-छुपे चल रहा है। स्मैक सहित चरस और गांजा का भी नशाखोरी में खूब किया जा रहा है।
यह नशीले पदार्थ दूसरे राज्यों से जिले में खफाए जा रहे हैं। नगरीय क्षेत्र सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नशा कारोबार बढ़ता देख पुलिस के भी हाथ पैर फूलते दिख रहे हैं। यही वजह है कि पुलिस जिले से अवैध्ा नशा कारोबार पर अंकुश लगाने व्यापक अभियान चलाने की बात कह रही है।
सौ स्र्पए में बिक रहा टिकट
शहर में स्मैक का अवैध कारोबार टिकिट के नाम से जोरों पर चल रहा है। शहर में चुनिंदा पान की गुमठियों पर यह चोरी-छुपे उपलब्ध कराया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि एक टिकट की कीमत सौ स्र्पए वसूली जा रही है। टिकटनुमा कागज पर स्मैक के अंश रहते हैं जिसे नशेड़ी कागज के नोट पर डालकर गर्म कर सुगंध लेते हैं और फिर मदहोशी में डूब जाते हैं। वहीं चरस और गांजा भी शौकीनों को सहज मुहैया हो रहा है।
स्मैक से पीड़ित 80 फीसदी
नशाखोरी से बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे में से 80 फीसदी स्मैक का सेवन करने वाले सामने आ रहे हैं। शेष 20 फीसदी एल्कोहल और तंबाकू का सेवन करने वाले शामिल रहते हैं। चिकित्सक सूत्रों की मानें तो स्मैक का ओवरडोज लेने से बीमारी हुए शहर में 2 लोग दम तोड़ भी चुके हैं। स्मैक का नशा लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।
राजस्थान से बेखौफ सप्लाई
मध्यप्रदेश के गुना जिले की सीमा राजस्थान से जुड़ी है। राजस्थान से स्मैक, चरस और गांजा कारोबारी गुना शहर सहित जिले में जमकर खपा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि शहर के कारोबारी सीमा पर पहुंचकर यह मौत का सामान लेकर आते हैं और फिर नशे के आदि लोगों को बेच देते हैं। इस अवैध कारोबार में कमीशन खोरी भी चल रही है जिससे यह कारोबार हर माह लाखों में पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। राजस्थान के अलावा उड़ीसा और उत्तर प्रदेश से भी ड्रग्स शहर में आ रहा है।
युवा इस तरह लगा रहे मौत को गले
मेडिकलों पर उपलब्ध एविल इंजेक्शन का सर्वाधिक स्मैक नशे में उपयोग हो रहा है। नशेड़ी 10 एमएल में एक पैकेट स्मैक पाउड़र मिलाकर लगभग 10 डोज तैयार करते हैं। हाथ में इंजेक्शन लगाते ही खून में डोज घुल जाता है और व्यक्ति पूरी तरह मदहोशी में डूब जाते हैं। भूल से यदि ज्यादा डोज हो गए तो जान तक चली जाती है। एक ही इंजेक्शन का ज्यादा लोग उपयोग करते हैं तो इनफेक्शन के साथ एचआईवी एड्स जैसी जानलेवा बीमारी भी आसानी से फैल जाती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बदतर हालात
ग्रामीण क्षेत्रों में नशा कारोबार से हालात बदतर हो चुके हैं। जिले से 80 किमी दूर मधुसूदनगढ़ और जामनेर में स्मैक और गांजे की दुकानें बढ़ रही है। मधुसूदनगढ़ में सुठालिया रोड़, लटेरी रोड़ और गुना रोड़ पर नशे का सामान धड़ल्ले से बिक रहा है। इसी तरह आरोन, बमौरी, बीनागंज, चांचौड़ा, कुंभराज, बजरंगढ़, आवन, राघौगढ़ सहित आसपास के गांवों में प्रतिबंधित नशीले पदार्थ आसानी से मिल रहे हैं।
युवाओं में बढ़ती नशावृत्ति को रोकने अवैध नशा कारोबारियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। थाना प्रभारियों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। नशावृत्ति पर अंकुश के लिए सामाजिक सहभागिता भी आवश्यकता है, इसलिए सामाजिक संस्थाओं से भी जन जागरूकता फैलाने की अपील की जा रही है।
- पीएस विष्ट, पुलिस अधीक्षक जिला गुना
एल्कोहल और तंबाकू सेवन से ज्यादा स्मैक, चरस और गांजा इंसान के लिए कहीं ज्यादा घातक है। आजकल बच्चे इसकी चपेट में ज्यादा आ जाते हैं। स्मैक का ज्यादा डोज लोगों की जान तक ले लेता है। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों की तरफ ध्यान दें और उनकी प्रवत्ति को समझकर गलत राह पर जाने से बचाएं। समय रहते कदम नहीं उठा पाए तो जीवन भर पछताने के सिवाए कुछ नहीं रहेगा।
- डॉ राजेन्द्र सिंह भाटी विशेषज्ञ, जिला चिकित्सालय गुना
कारोबार बढ़ाने माफिया चार ग्राहक लाने वाले एक व्यक्ति को मुफ्त में नशीला पदार्थ दे रहे हैं। एक बार जो युवा नशे की जकड़ में आ गया, फिर बाहर निकलना असंभव है।
सूत्रों के अनुसार शहर के अंदर प्रतिबंधित स्मैक का अवैध कारोबार बड़े पैमाने चोरी-छुपे चल रहा है। स्मैक सहित चरस और गांजा का भी नशाखोरी में खूब किया जा रहा है।
यह नशीले पदार्थ दूसरे राज्यों से जिले में खफाए जा रहे हैं। नगरीय क्षेत्र सहित ग्रामीण क्षेत्रों में नशा कारोबार बढ़ता देख पुलिस के भी हाथ पैर फूलते दिख रहे हैं। यही वजह है कि पुलिस जिले से अवैध्ा नशा कारोबार पर अंकुश लगाने व्यापक अभियान चलाने की बात कह रही है।
सौ स्र्पए में बिक रहा टिकट
शहर में स्मैक का अवैध कारोबार टिकिट के नाम से जोरों पर चल रहा है। शहर में चुनिंदा पान की गुमठियों पर यह चोरी-छुपे उपलब्ध कराया जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि एक टिकट की कीमत सौ स्र्पए वसूली जा रही है। टिकटनुमा कागज पर स्मैक के अंश रहते हैं जिसे नशेड़ी कागज के नोट पर डालकर गर्म कर सुगंध लेते हैं और फिर मदहोशी में डूब जाते हैं। वहीं चरस और गांजा भी शौकीनों को सहज मुहैया हो रहा है।
स्मैक से पीड़ित 80 फीसदी
नशाखोरी से बीमारियों की गिरफ्त में आ रहे में से 80 फीसदी स्मैक का सेवन करने वाले सामने आ रहे हैं। शेष 20 फीसदी एल्कोहल और तंबाकू का सेवन करने वाले शामिल रहते हैं। चिकित्सक सूत्रों की मानें तो स्मैक का ओवरडोज लेने से बीमारी हुए शहर में 2 लोग दम तोड़ भी चुके हैं। स्मैक का नशा लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है।
राजस्थान से बेखौफ सप्लाई
मध्यप्रदेश के गुना जिले की सीमा राजस्थान से जुड़ी है। राजस्थान से स्मैक, चरस और गांजा कारोबारी गुना शहर सहित जिले में जमकर खपा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि शहर के कारोबारी सीमा पर पहुंचकर यह मौत का सामान लेकर आते हैं और फिर नशे के आदि लोगों को बेच देते हैं। इस अवैध कारोबार में कमीशन खोरी भी चल रही है जिससे यह कारोबार हर माह लाखों में पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। राजस्थान के अलावा उड़ीसा और उत्तर प्रदेश से भी ड्रग्स शहर में आ रहा है।
युवा इस तरह लगा रहे मौत को गले
मेडिकलों पर उपलब्ध एविल इंजेक्शन का सर्वाधिक स्मैक नशे में उपयोग हो रहा है। नशेड़ी 10 एमएल में एक पैकेट स्मैक पाउड़र मिलाकर लगभग 10 डोज तैयार करते हैं। हाथ में इंजेक्शन लगाते ही खून में डोज घुल जाता है और व्यक्ति पूरी तरह मदहोशी में डूब जाते हैं। भूल से यदि ज्यादा डोज हो गए तो जान तक चली जाती है। एक ही इंजेक्शन का ज्यादा लोग उपयोग करते हैं तो इनफेक्शन के साथ एचआईवी एड्स जैसी जानलेवा बीमारी भी आसानी से फैल जाती है।
ग्रामीण क्षेत्रों में बदतर हालात
ग्रामीण क्षेत्रों में नशा कारोबार से हालात बदतर हो चुके हैं। जिले से 80 किमी दूर मधुसूदनगढ़ और जामनेर में स्मैक और गांजे की दुकानें बढ़ रही है। मधुसूदनगढ़ में सुठालिया रोड़, लटेरी रोड़ और गुना रोड़ पर नशे का सामान धड़ल्ले से बिक रहा है। इसी तरह आरोन, बमौरी, बीनागंज, चांचौड़ा, कुंभराज, बजरंगढ़, आवन, राघौगढ़ सहित आसपास के गांवों में प्रतिबंधित नशीले पदार्थ आसानी से मिल रहे हैं।
युवाओं में बढ़ती नशावृत्ति को रोकने अवैध नशा कारोबारियों के खिलाफ अभियान चला रहे हैं। थाना प्रभारियों को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। नशावृत्ति पर अंकुश के लिए सामाजिक सहभागिता भी आवश्यकता है, इसलिए सामाजिक संस्थाओं से भी जन जागरूकता फैलाने की अपील की जा रही है।
- पीएस विष्ट, पुलिस अधीक्षक जिला गुना
एल्कोहल और तंबाकू सेवन से ज्यादा स्मैक, चरस और गांजा इंसान के लिए कहीं ज्यादा घातक है। आजकल बच्चे इसकी चपेट में ज्यादा आ जाते हैं। स्मैक का ज्यादा डोज लोगों की जान तक ले लेता है। माता-पिता को चाहिए कि वे अपने बच्चों की तरफ ध्यान दें और उनकी प्रवत्ति को समझकर गलत राह पर जाने से बचाएं। समय रहते कदम नहीं उठा पाए तो जीवन भर पछताने के सिवाए कुछ नहीं रहेगा।
- डॉ राजेन्द्र सिंह भाटी विशेषज्ञ, जिला चिकित्सालय गुना
Source: MP News in Hindi and Chhattisgarh News
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