प्रमुख सचिव हेल्थ प्रवीर कृष्ण ने शुक्रवार सुबह जिला अस्पताल पहुंचकर निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने दो टूक कहा कि विभाग के अधिकारी या कर्मचारी काम करें या घर बैठ जाएं। इस दौरान मरीजों से बात कर उन्होंने अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं का भी जायजा लिया।
निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव ने पाया कि अस्पताल में मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। प्रमुख सचिव के साथ आए अन्य अधिकारियों के अलावा कलेक्टर मोहनलाल मीणा तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीएन गौतम मौजूद रहे। जिला अस्प्ाताल का मुआयना करने के बाद प्रमुख सचिव की टीम अमरपाटन के लिए रवाना हो गई।
नहीं चलेगा आंकड़ों का खेल
निरीक्षण के बाद प्रमुख सचिव ने जिला अस्पताल में समस्त चिकित्सा अधिकारियों की बैठक ली। जहां पर उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को कहा कि यहां से फर्जी रिपोर्ट बनाकर भेजी जाती है। जबकि वास्तविकता कुछ और ही देखने को मिल रही है। ये फर्जी आंकडों का खेल अब नहीं चलेगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे आंकडों को मै फाड़कर फेंक देता हूं। मुझे आंकड़े नहीं काम चाहिए। पीएस प्रवीर कृष्ण चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि दीवारों का रंग रोगन करने से काम अच्छा नहीं होता है। इसके लिए मेहनत और लगन की जरूरत है।
सौ में एक दिन होता है काम
जिले में मातृशिशु मृत्युदर में लगातार हो रहे इजाफों को लेकर प्रमुख सचिव ने आपत्ति जताई। महिला डॉक्टरों से उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जननी सुरक्षा के लिए सौ दिन की योजना चलाई जा रही है। जिसमें हर रोज गर्भवती महिलाओं की जांच से लेकर उनकी दैनिक रिपोर्ट और पौष्टिक आहार जैसी अनेक सुविधाएं प्रदान किया जाना है। लेकिन सतना में यह सौ दिन की योजना महज एक दिन तक सिमटकर रह गई है। जिससे गर्भवती महिलाओं को समय पर उपचार व सही मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है। पीएस ने महिला डॉक्टरों से कहा कि तुम्हारा जमीर मर चुका है। जिससे महिला डॉक्टरों द्वारा प्रसूताओं की सही देखभाल नहीं की जा रही है।
बाजार से खरीद रहे खून
प्रमुख सचिव ने निरीक्षण के दौरान पाया कि ब्लड बैंक में ब्लड होने के बाद भी मरीजों के परिजनों को बाजार से खून खरीदना पड़ रहा है। खून की कमी से जूझ रहे मरीजों को हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए डॉक्टरों द्वारा समझाइश नहीं दी जाती। जिससे मरीज की हालत दिन प्रतिदिन और खराब होती चली जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसा हरगिज नहीं होना चाहिए। डॉक्टर पूरी जिम्मेदारी के साथ मरीजों की जांच करें और उन्हें खून बढाने के लिए उचित समझाइश व मार्गदर्शन दें।
क्या कर रहे हैं 118 डॉक्टर
जिला अस्पताल में आयोजित बैठक के दौरान प्रमुख सचिव ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से पूछा कि जिले के विभिन्न् अस्पतालों में पदस्थ 118 डॉक्टर क्या कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि यदि 10-10 डॉक्टर टीम बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करें और मौके पर जाकर ग्रामीणों को उपचार मुहैया कराएं तो मरीजों की संख्या में कमी लाई जा सकती है।
इस मामले में पीएस ने जिले के कोटर स्वास्थ्य केन्द्र की जमकर तारीफ की और कहा कि एक छोटे से गांव में जो सुविधाएं और व्यवस्था देखने को मिली वो पूरे प्रदेश में कहीं भी नहीं दिखाई पड़ रहा है।
निरीक्षण के दौरान प्रमुख सचिव ने पाया कि अस्पताल में मरीजों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। जिस पर उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त की। प्रमुख सचिव के साथ आए अन्य अधिकारियों के अलावा कलेक्टर मोहनलाल मीणा तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. डीएन गौतम मौजूद रहे। जिला अस्प्ाताल का मुआयना करने के बाद प्रमुख सचिव की टीम अमरपाटन के लिए रवाना हो गई।
नहीं चलेगा आंकड़ों का खेल
निरीक्षण के बाद प्रमुख सचिव ने जिला अस्पताल में समस्त चिकित्सा अधिकारियों की बैठक ली। जहां पर उन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों को कहा कि यहां से फर्जी रिपोर्ट बनाकर भेजी जाती है। जबकि वास्तविकता कुछ और ही देखने को मिल रही है। ये फर्जी आंकडों का खेल अब नहीं चलेगा।
उन्होंने कहा कि ऐसे आंकडों को मै फाड़कर फेंक देता हूं। मुझे आंकड़े नहीं काम चाहिए। पीएस प्रवीर कृष्ण चिकित्सा अधिकारियों से कहा कि दीवारों का रंग रोगन करने से काम अच्छा नहीं होता है। इसके लिए मेहनत और लगन की जरूरत है।
सौ में एक दिन होता है काम
जिले में मातृशिशु मृत्युदर में लगातार हो रहे इजाफों को लेकर प्रमुख सचिव ने आपत्ति जताई। महिला डॉक्टरों से उन्होंने कहा कि शासन द्वारा जननी सुरक्षा के लिए सौ दिन की योजना चलाई जा रही है। जिसमें हर रोज गर्भवती महिलाओं की जांच से लेकर उनकी दैनिक रिपोर्ट और पौष्टिक आहार जैसी अनेक सुविधाएं प्रदान किया जाना है। लेकिन सतना में यह सौ दिन की योजना महज एक दिन तक सिमटकर रह गई है। जिससे गर्भवती महिलाओं को समय पर उपचार व सही मार्गदर्शन नहीं मिल पा रहा है। पीएस ने महिला डॉक्टरों से कहा कि तुम्हारा जमीर मर चुका है। जिससे महिला डॉक्टरों द्वारा प्रसूताओं की सही देखभाल नहीं की जा रही है।
बाजार से खरीद रहे खून
प्रमुख सचिव ने निरीक्षण के दौरान पाया कि ब्लड बैंक में ब्लड होने के बाद भी मरीजों के परिजनों को बाजार से खून खरीदना पड़ रहा है। खून की कमी से जूझ रहे मरीजों को हिमोग्लोबिन बढ़ाने के लिए डॉक्टरों द्वारा समझाइश नहीं दी जाती। जिससे मरीज की हालत दिन प्रतिदिन और खराब होती चली जाती है। उन्होंने कहा कि ऐसा हरगिज नहीं होना चाहिए। डॉक्टर पूरी जिम्मेदारी के साथ मरीजों की जांच करें और उन्हें खून बढाने के लिए उचित समझाइश व मार्गदर्शन दें।
क्या कर रहे हैं 118 डॉक्टर
जिला अस्पताल में आयोजित बैठक के दौरान प्रमुख सचिव ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी से पूछा कि जिले के विभिन्न् अस्पतालों में पदस्थ 118 डॉक्टर क्या कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि यदि 10-10 डॉक्टर टीम बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों का दौरा करें और मौके पर जाकर ग्रामीणों को उपचार मुहैया कराएं तो मरीजों की संख्या में कमी लाई जा सकती है।
इस मामले में पीएस ने जिले के कोटर स्वास्थ्य केन्द्र की जमकर तारीफ की और कहा कि एक छोटे से गांव में जो सुविधाएं और व्यवस्था देखने को मिली वो पूरे प्रदेश में कहीं भी नहीं दिखाई पड़ रहा है।
Source: MP News in Hindi and Chhattisgarh News
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