बस्तर, जहां माओवाद से धरती लहुलुहान है वहां बालिकाओं की शिक्षा की चिंता एक बेटी कर रही है, मैं मानता हूॅ कि इस सवाल में देश को जगाने की ताकत है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह बात दंतेवाड़ा के बारसूर नवोदय विद्यालय की कक्षा ग्यारहवीं की कामर्स विषय की छात्रा अंजली दानचालक के सवाल के जवाब में कही।
अंजली दानचालक को छग की इकलौती छात्रा होने का गौरव प्राप्त हुआ, जिसने पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत की। अंजली बस्तर जैसे जनजातिय इलाकों की लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों की कमी के संबंध में प्रधानमंत्री से सवाल किया। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मैने बस्तर के इलाके का बहुत दौरा किया है।
मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए काफी कार्य किया है। दंतेवाड़ा में शिक्षा के क्षेत्र में जो मौलिक कार्य हुए है। आने वाले समय में देश के शिक्षाविदों का ध्यान इस ओर जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि देश को आगे बढ़ाना है तो बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना होगा।
उन्होंने महात्मा गांधी को उदृत करते हुए कहा कि अगर एक बालक पढ़ता है तो एक व्यक्ति पढ़ता है, लेकिन अगर एक बेटी पढ़ती है तो दो परिवार पढ़ते हैं। मायके वाले और ससुराल वाले। देश में खेल के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियां ही अव्वल है। मुझे खुशी हुई कि दंतेवाड़ा की बालिका ने यह प्रश्न पूछा। हम शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अनेक कार्य कर रहे है। जिसका अ सर जल्द दिखने लगेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अक्सर लड़कियां तीसरी-चौथी कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ देती थी। इसका कारण पता करने पर मैने पाया कि इन स्कूलों में लड़कियों के लिए टायलेट नहीं थे, इसके लिए हमने बेटियों के लिए अलग टायलेट को अभियान की तरह लिया है।
मेरे लिए सुखद अनुभव
अंजली नवोदय स्कूल बारसूर की ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा है। उसके पिता देवेंद्र दानचालक प्रायमरी स्कूल अंजेलगुड़ा ,मरकेल, जिला बस्तर में शिक्षक हैं। अंजली ने बताया कि उसे प्रधानमंत्री मोदी से बात कर बहुत सुखद अनुभव हो रहा है। उसने कहा कि मैने दूरस्थ क्षेत्र में रहने वाली लड़कियों को मिलने वाले अवसर के लिए आवाज उठाई। हमारे लिए महानगरों में शिक्षा प्राप्त करना कठिन है। मुझे आशा है कि प्रधानमंत्री हमारे लिए उच्च शिक्षा के संस्थान खोलेंगे जहां लड़कियों के लिए नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था हो सकेगी।
अंजली सीए बनना चाहती है और अभी कॉमर्स की पढ़ाई कर रही है। प्रधानमंत्री के साथ हुई वीडियों कांफ्र्रेंसिग के दौरान अंजली के साथ 20 अन्य बच्चों ने हिस्सा लिया, जिसमें से 15 बच्चे नवोदय विद्यालय बारसूर के थे। इसके अतिरिक्त आस्था गुरूकुल , कन्या आवासीय परिसर चितालूर, कस्तूरबा विद्यालय दंतेवाड़ा के बच्चे भी शामिल हुए।
अंजली दानचालक को छग की इकलौती छात्रा होने का गौरव प्राप्त हुआ, जिसने पीएम नरेंद्र मोदी से बातचीत की। अंजली बस्तर जैसे जनजातिय इलाकों की लड़कियों के लिए उच्च शिक्षा संस्थानों की कमी के संबंध में प्रधानमंत्री से सवाल किया। इस पर प्रधानमंत्री ने कहा कि मैने बस्तर के इलाके का बहुत दौरा किया है।
मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए काफी कार्य किया है। दंतेवाड़ा में शिक्षा के क्षेत्र में जो मौलिक कार्य हुए है। आने वाले समय में देश के शिक्षाविदों का ध्यान इस ओर जाएगा। आगे उन्होंने कहा कि देश को आगे बढ़ाना है तो बालिका शिक्षा को बढ़ावा देना होगा।
उन्होंने महात्मा गांधी को उदृत करते हुए कहा कि अगर एक बालक पढ़ता है तो एक व्यक्ति पढ़ता है, लेकिन अगर एक बेटी पढ़ती है तो दो परिवार पढ़ते हैं। मायके वाले और ससुराल वाले। देश में खेल के क्षेत्र में, शिक्षा के क्षेत्र में लड़कियां ही अव्वल है। मुझे खुशी हुई कि दंतेवाड़ा की बालिका ने यह प्रश्न पूछा। हम शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अनेक कार्य कर रहे है। जिसका अ सर जल्द दिखने लगेगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि अक्सर लड़कियां तीसरी-चौथी कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ देती थी। इसका कारण पता करने पर मैने पाया कि इन स्कूलों में लड़कियों के लिए टायलेट नहीं थे, इसके लिए हमने बेटियों के लिए अलग टायलेट को अभियान की तरह लिया है।
मेरे लिए सुखद अनुभव
अंजली नवोदय स्कूल बारसूर की ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा है। उसके पिता देवेंद्र दानचालक प्रायमरी स्कूल अंजेलगुड़ा ,मरकेल, जिला बस्तर में शिक्षक हैं। अंजली ने बताया कि उसे प्रधानमंत्री मोदी से बात कर बहुत सुखद अनुभव हो रहा है। उसने कहा कि मैने दूरस्थ क्षेत्र में रहने वाली लड़कियों को मिलने वाले अवसर के लिए आवाज उठाई। हमारे लिए महानगरों में शिक्षा प्राप्त करना कठिन है। मुझे आशा है कि प्रधानमंत्री हमारे लिए उच्च शिक्षा के संस्थान खोलेंगे जहां लड़कियों के लिए नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था हो सकेगी।
अंजली सीए बनना चाहती है और अभी कॉमर्स की पढ़ाई कर रही है। प्रधानमंत्री के साथ हुई वीडियों कांफ्र्रेंसिग के दौरान अंजली के साथ 20 अन्य बच्चों ने हिस्सा लिया, जिसमें से 15 बच्चे नवोदय विद्यालय बारसूर के थे। इसके अतिरिक्त आस्था गुरूकुल , कन्या आवासीय परिसर चितालूर, कस्तूरबा विद्यालय दंतेवाड़ा के बच्चे भी शामिल हुए।
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