Thursday, 11 September 2014

Paper leak case each candidate was fixed at 25 million deal

मप्र लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) 2013 के पेपर लीक मामले में बुधवार को 5 आरोपियों के खिलाफ जिला अदालत में चालान पेश किया गया। एसटीएफ ने सीजेएम पंकज सिंह माहेश्वरी की अदालत में आरोपी राजीव प्रसाद, मोहम्मद इलियास, अवधेश पाराशर, सुमित शिवहरे और विपिन शर्मा के खिलाफ 325 पन्नों का चालान पेश किया। इसके साथ में 52 गवाहों की सूची पेश की गई है।

चालान में आरोपी राजीव प्रसाद ने अपने इकबालिया बयान में बताया है कि उसने ब्रजेन्द्र शाह, बब्लू पांडे और इलियास के साथ मिलकर एमपीपीएससी 2013 की मुख्य परीक्षा के पेपर लीक किए थे। उसने करीब एक दर्जन अभ्यर्थियों को पास कराने के लिए सामान्य ज्ञान और हिन्दी के पेपर लीक कर उनकी तैयारी कराई थी। इसके लिए उसने अभ्यर्थियों को इन्दौर और बनारस बुलाकर परीक्षा की तैयारी कराई थी। उसने प्रति छात्र 25 लाख रुपए में सौदा तय किया था। एसटीएफ को अन्य आरोपियों ने भी ये बातें बताई हैं। मामले में पूर्व में डॉ. सुख सागर के खिलाफ चालान पेश किया जा चुका है।

क्या है मामला

एसटीएफ को सूचना मिली थी कि कुछ व्यक्ति मिलकर एमपीपीएससी मुख्य परीक्षा के पेपर लीक कर अभ्यर्थियों को बेच रहे हैं। इस आधार पर पुलिस ने झारखण्ड निवासी राजीव प्रसाद को गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ में पता चला था कि इस काम में उसके साथ मंदसौर निवासी मोहम्मद इलियास, विपिन शर्मा, शिवपुरी निवासी अवधेश पाराशर और सुमित शिवहरे भी शामिल हैं। मामले में 21 जुलाई 2014 को प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई। पुलिस ने आरोपी राजीव के बताए अनुसार इंदौर स्थित उदय पैलेस होटल के कमरा नंबर 107 से सामान्य ज्ञान और हिन्दी के हस्तलिखित लीक पेपर भी बरामद किए थे।

राज्य ओपन परीक्षा फर्जीवाड़े मामले में चालान पेश

राज्य ओपन परीक्षा की फर्जी अंकसूची के आधार पर फेल छात्रों को पास कराने के मामले में दो आरोपियों के खिलाफ बुधवार को चालान पेश किया गया। एसटीएफ ने सीजेएम पंकज सिंह माहेश्वरी की अदालत में मामले के मास्टर माइंड राजस्थान निवासी कांतिलाल निममा, म्यूरेश राठौर के खिलाफ मप्र परीक्षा अधिनियम, जालसाजी और धोखाधड़ी के अपराध में चालान पेश किया है।

गौरतलब है कि पुलिस को 20 अक्टूबर, 2013 को सूचना मिली थी कि कुछ लोग राज्य ओपन परीक्षा की फर्जी अंकसूची और माइग्रेशन बेच रहे हैं। इस आधार पर पुलिस ने कांतिलाल निममा और म्यूरेश राठौर को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में कांतिलाल ने बताया था कि उसने बलदेव पांचाल, म्यूरेश राठौर के साथ मिलकर राज्य ओपन स्कूल की फर्जी अंकसूची और माइग्रेशन बनाने का काम शुरू किया था। वे इनके आधार पर फेल छात्रों को पास कराते थे। इस काम में राज्य ओपन परीक्षा केन्द्र के कर्मचारियों की मिलीभगत से छात्रों से मोटी रकम भी वसूली जाती थी। पुलिस ने आरोपियों के पास से 521 फर्जी अंकसूची, 121 फर्जी माईग्रेशन, चार पहिया वाहन, रबर स्टाम्प, प्रिंटर मशीन सहित अन्य सामान बरामद किया था।

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