पूरे प्रदेश में अब प्रॉपर्टी कारोबार में उथल-पुथल मचना शुरू हो जाएगी। क्योंकि पंजीयन अधिनियमों में कई माह से अटके संशोधन को लागू कर दिया गया है। इस बड़े बदलाव का सीधा असर भूमि, भवन खरीदने वालों से लेकर उन्हें बनाने वाले बिल्डरों पर देखने मिलेगा।
क्योंकि जो शपथपत्र अभी तक 10 रुपए का बन जाया करता था उसके लिए अब 50 रुपए देने होंगे। वहीं 5 डी एग्रीमेंट की जगह 6 डी एग्रीमेंट ने ले ली है। ऐसे तमाम बदलावों से जुड़े पंजीयन अधिनियम के संशोधनों का राजपत्र में 16 सितंबर को प्रकाशन कर दिया गया। इससे पहले अगस्त के आखिर में उपकर को लागू किया जा चुका है।
पंजीयन अधिनियम में अब 5 डी नहीं 6 डी चलेगा
- किसी के प्लॉट पर कोई बिल्डर भवन बनाता है तो अभी तक निर्माण लागत का एक प्रतिशत चुकाना होता था, लेकिन अब मार्केट वेल्यू का 5 प्रतिशत चुकाना होगा। वहीं कुल भूमि की मार्केट वेल्यू का 2.50 प्रतिशत लिया जाएगा। जो दोनों में ज्यादा होगा।
- बहुमंजिला भवन बनाने पर अभी तक निर्माण का 3 प्रतिशत लिया जाता रहा, लेकिन आने वाले दिनों में मार्केट वेल्यू का 5 फीसद चुकाना होगा।
- अभी तक बिल्डर जो बेचने वाला होता था उसको सामने नहीं लाते थे। नियमानुसार जमीन मालिक और डेवलप करने वाले के बीच शेयर होना चाहिए, जिससे अनुबंध के हिसाब से ड्यूटी दी जा सके। अब शेयर नहीं बताने पर सीधे 5 प्रतिशत ड्यूटी चुकाना होगा।
- कोई व्यक्ति अपनी भूमि बिल्डर को बनाने के लिए दे और उसके बाद वो विकसित प्लॉट उसी व्यक्ति को वापस कर दे तो ऐसे मामले में बाजार मूल्य का ढाई प्रतिशत देना होगा। पहले ये इस्टीमेट कास्ट का 1 प्रतिशत लिया जाता था।
कुछ फायदे तो नुकसान भी
- नए संशोधनों के मुताबिक परिवार के बीच कोई प्रॉपर्टी गिफ्ट करता है या बंटवारे में प्रॉपर्टी परिवार में रहती है तो अब 5 की जगह 2.5 फीसद ड्यूटी ही चुकाना पड़ेगी।
- शपथ पत्र अभी तक 10 रुपए का लगता आया है। ये अब 50 रुपए का लगेगा। यानि अब तमाम खर्चे मिलाकर एक शपथपत्र लगभग 100 रुपए में बनेगा।
- पावर ऑफ अटार्नी में एक साल की अवधि के दौरान लिमिट तय थी। अब परिवार के बीच होने वाली पावर ऑफ अटार्नी में 1 हजार रुपए देना होगा। पहले विक्रय पत्र पर 5 प्रतिशत मार्केट वेल्यू का चुकाना पड़ता था।
इनका कहना है
पंजीयन अधिनियम में हुए संशोधन को लागू किया जा रहा है। इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
-प्रभाकर चतुर्वेदी, वरिष्ठ जिला पंजीयक जबलपुर
क्योंकि जो शपथपत्र अभी तक 10 रुपए का बन जाया करता था उसके लिए अब 50 रुपए देने होंगे। वहीं 5 डी एग्रीमेंट की जगह 6 डी एग्रीमेंट ने ले ली है। ऐसे तमाम बदलावों से जुड़े पंजीयन अधिनियम के संशोधनों का राजपत्र में 16 सितंबर को प्रकाशन कर दिया गया। इससे पहले अगस्त के आखिर में उपकर को लागू किया जा चुका है।
पंजीयन अधिनियम में अब 5 डी नहीं 6 डी चलेगा
- किसी के प्लॉट पर कोई बिल्डर भवन बनाता है तो अभी तक निर्माण लागत का एक प्रतिशत चुकाना होता था, लेकिन अब मार्केट वेल्यू का 5 प्रतिशत चुकाना होगा। वहीं कुल भूमि की मार्केट वेल्यू का 2.50 प्रतिशत लिया जाएगा। जो दोनों में ज्यादा होगा।
- बहुमंजिला भवन बनाने पर अभी तक निर्माण का 3 प्रतिशत लिया जाता रहा, लेकिन आने वाले दिनों में मार्केट वेल्यू का 5 फीसद चुकाना होगा।
- अभी तक बिल्डर जो बेचने वाला होता था उसको सामने नहीं लाते थे। नियमानुसार जमीन मालिक और डेवलप करने वाले के बीच शेयर होना चाहिए, जिससे अनुबंध के हिसाब से ड्यूटी दी जा सके। अब शेयर नहीं बताने पर सीधे 5 प्रतिशत ड्यूटी चुकाना होगा।
- कोई व्यक्ति अपनी भूमि बिल्डर को बनाने के लिए दे और उसके बाद वो विकसित प्लॉट उसी व्यक्ति को वापस कर दे तो ऐसे मामले में बाजार मूल्य का ढाई प्रतिशत देना होगा। पहले ये इस्टीमेट कास्ट का 1 प्रतिशत लिया जाता था।
कुछ फायदे तो नुकसान भी
- नए संशोधनों के मुताबिक परिवार के बीच कोई प्रॉपर्टी गिफ्ट करता है या बंटवारे में प्रॉपर्टी परिवार में रहती है तो अब 5 की जगह 2.5 फीसद ड्यूटी ही चुकाना पड़ेगी।
- शपथ पत्र अभी तक 10 रुपए का लगता आया है। ये अब 50 रुपए का लगेगा। यानि अब तमाम खर्चे मिलाकर एक शपथपत्र लगभग 100 रुपए में बनेगा।
- पावर ऑफ अटार्नी में एक साल की अवधि के दौरान लिमिट तय थी। अब परिवार के बीच होने वाली पावर ऑफ अटार्नी में 1 हजार रुपए देना होगा। पहले विक्रय पत्र पर 5 प्रतिशत मार्केट वेल्यू का चुकाना पड़ता था।
इनका कहना है
पंजीयन अधिनियम में हुए संशोधन को लागू किया जा रहा है। इस संबंध में दिशा निर्देश जारी किए गए हैं।
-प्रभाकर चतुर्वेदी, वरिष्ठ जिला पंजीयक जबलपुर
Source: MP Hindi News and Chhattisgarh Hindi News
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