समीपस्थ भातखेड़ा के बच्चे जान की बाजी लगाकर उफनती ताप्ती नदी से लकड़ियां पकड़ने का जोखिम भरा काम कर रहे हैं।
नदी में जंगल से बड़ी मात्रा में लकड़ियां बहकर आती हैं। इन लकड़ियों को पकड़ने के लिए भातखेड़ा गांव के बच्चे हतनुर भातखेड़ा के ताप्ती नदी के पुल पर लेटकर उफनती लहरों के बीच लकड़ियां पकड़ रहे हैं। ऐसे में अचानक लहरों की चपेट में आने से कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
बारिश के दिनोंं में कई बार जलस्तर बढ़ने पर पानी पुलिया के ऊपर से बहने लगता है। ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर पुलिया को पार करते हैं। इस दौरान पुलिया का आवागमन भी बंद नहीं किया जाता है और न ही सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम रहते हैं।
नदी में जंगल से बड़ी मात्रा में लकड़ियां बहकर आती हैं। इन लकड़ियों को पकड़ने के लिए भातखेड़ा गांव के बच्चे हतनुर भातखेड़ा के ताप्ती नदी के पुल पर लेटकर उफनती लहरों के बीच लकड़ियां पकड़ रहे हैं। ऐसे में अचानक लहरों की चपेट में आने से कोई बड़ा हादसा हो सकता है।
बारिश के दिनोंं में कई बार जलस्तर बढ़ने पर पानी पुलिया के ऊपर से बहने लगता है। ऐसे में लोग जान जोखिम में डालकर पुलिया को पार करते हैं। इस दौरान पुलिया का आवागमन भी बंद नहीं किया जाता है और न ही सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम रहते हैं।
Source: MP Hindi News and Chhattisgarh News
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