शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला की शिक्षिका तुलसी तिवारी शुक्रवार को राष्ट्रपति पुरस्कार मिला। इनका चयन शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में बेहतर योगदान को देखते हुए हुआ है।
शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षकों को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया है। यह पुरस्कार पाने वालों में जिले के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में पदस्थ उच्च वर्ग शिक्षिका श्रीमती तुलसी तिवारी भी शामिल थीं। जिन्होंने शिक्षा के साथ-साथ साहित्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पुरस्कार के एक दिन पूर्व श्रीमती तिवारी समेत अन्य शिक्षकों की मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई। इस दौरान श्री मोदी ने राष्ट्रपति प्राप्त शिक्षकों के प्रयासों को खूब सराहा।
बच्चों की दुआ मिली : तिवारी
श्रीमती तिवारी ने नईदुनिया से चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में समर्पण की भावना से काम किया है। उन्होंने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को कभी गैर नहीं समझा। जिनकी दुआ आज काम आई है। राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने उनके लिए नहीं पूरे जिले के लिए गर्व की बात है।
ये किताबें लिखीं
श्रीमती तिवारी ने 20 से अधिक किताबें लिखी हैं। जिसमें बच्चों की शिक्षा, पर्यावरण, उपान्यास, कहानी संग्रह आदि शामिल है। उनकी किताबों में प्रमुख रूप से वीर एकल्वय, मातृ भक्त गरूड़, राजकुमार भरत, राजलक्ष्मी, ममता, पर्यावरण चेतना, माटी का रिश्ता, उपान्यास कमला आदि शामिल हैं।
शुक्रवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले शिक्षकों को राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित किया है। यह पुरस्कार पाने वालों में जिले के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में पदस्थ उच्च वर्ग शिक्षिका श्रीमती तुलसी तिवारी भी शामिल थीं। जिन्होंने शिक्षा के साथ-साथ साहित्य के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। पुरस्कार के एक दिन पूर्व श्रीमती तिवारी समेत अन्य शिक्षकों की मुलाकात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हुई। इस दौरान श्री मोदी ने राष्ट्रपति प्राप्त शिक्षकों के प्रयासों को खूब सराहा।
बच्चों की दुआ मिली : तिवारी
श्रीमती तिवारी ने नईदुनिया से चर्चा करते हुए कहा कि उन्होंने शिक्षा एवं साहित्य के क्षेत्र में समर्पण की भावना से काम किया है। उन्होंने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को कभी गैर नहीं समझा। जिनकी दुआ आज काम आई है। राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने उनके लिए नहीं पूरे जिले के लिए गर्व की बात है।
ये किताबें लिखीं
श्रीमती तिवारी ने 20 से अधिक किताबें लिखी हैं। जिसमें बच्चों की शिक्षा, पर्यावरण, उपान्यास, कहानी संग्रह आदि शामिल है। उनकी किताबों में प्रमुख रूप से वीर एकल्वय, मातृ भक्त गरूड़, राजकुमार भरत, राजलक्ष्मी, ममता, पर्यावरण चेतना, माटी का रिश्ता, उपान्यास कमला आदि शामिल हैं।
Source: Chhattisgarh News and MP News in Hindi
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