अगले बरस जल्दी आने की कामना के साथ प्रथमपूज्य, मंगलमूर्ति भगवान श्रीगणेश को विदा देने का सिलसिला शुरू हो गया है।
प्रदेश में प्रमुख नदियों और तालाबों को प्रदूषण से बचाने के अनुरोध और निर्देश के चलते इस बार लोग सार्वजनिक स्थानों पर बनाए गए पांडालों में विसर्जन के लिए गणेश प्रतिमाओं को रख रहे हैं। वहीं कुछ नदी, तालाब, पोखर के किनारे भी लोग गाजे-बाजों के साथ गणेश प्रतिमाएं लेकर पहुंच रहे हैं।
ओंकारे
श्वर, महेश्वर, खंडवा, बुरहानपुर, झाबुआ, आलीराजपुर, जोबट आदि क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। विसर्जन को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इंदौर में आज रात सांस्कृतिक रतजगा होगा। झिलमिलाती झांकियों को लोग रात भर निहारेंगे। हालांकि कल पूरी रात और आज सुबह हुई बारिश ने तैयारियों को प्रभावित कर आयोजकों को चिंतित कर दिया है।
प्रदेश में प्रमुख नदियों और तालाबों को प्रदूषण से बचाने के अनुरोध और निर्देश के चलते इस बार लोग सार्वजनिक स्थानों पर बनाए गए पांडालों में विसर्जन के लिए गणेश प्रतिमाओं को रख रहे हैं। वहीं कुछ नदी, तालाब, पोखर के किनारे भी लोग गाजे-बाजों के साथ गणेश प्रतिमाएं लेकर पहुंच रहे हैं।
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श्वर, महेश्वर, खंडवा, बुरहानपुर, झाबुआ, आलीराजपुर, जोबट आदि क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। विसर्जन को देखते हुए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इंदौर में आज रात सांस्कृतिक रतजगा होगा। झिलमिलाती झांकियों को लोग रात भर निहारेंगे। हालांकि कल पूरी रात और आज सुबह हुई बारिश ने तैयारियों को प्रभावित कर आयोजकों को चिंतित कर दिया है।
Source: Chhattisgarh Hindi News and MP Hindi News
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