Wednesday 18 June 2014

The glory of maa ganga

झारखंड का रामगढ़ जिला धार्मिक तीर्थ के रूप में जाना जाता है, क्यों कि यहां मां गंगा 24 घंटे महादेव का अभिषेक करती हैं। कहते हैं, जिसने भी मां के इस रूप के दर्शन कर लिए उसकी कोई भी मुराद बाकी नहीं रहती।

कलियुग में गंगा मां का यह रूप को देखकर मां नास्तिक को भी आस्तिक बना देती हैं। इस मंदिर में शिवलिंग के ठीक ऊपर मां गंगा विराजमान हैं। इनकी नाभि से 24 घंटे जल की धारा बहती है। यह धारा भोलेनाथ जो खंडित हैं उनके ऊपर गिरती है। ये जल कहां से आता है ये कोई नहीं जानता। सूखा हो या बरसात, सर्दी हो या गर्मी, गंगा की नाभि से जल बहना कभी बंद नहीं होता।

खंडित शिवलिंग

हिन्दू शास्त्रों के मुताबिक खंडित शिवलिंग की आराधना नहीं की जानी चाहिए, लेकिन यहां न केवल महादेव के इस चमत्कारी रूप की पूजा की जाती है बल्कि विधि-विधान का पालन भी किया जाता है। पूजा से पहले महादेव को शिवलिंग से निकलने वाले जल से ही स्नान कराया जाता है।

चमत्कार से कम नहीं

कहते हैं यह मंदिर 1925 में अस्तित्व में आया, जब अंग्रेज रेल लाइन बिछाने के लिए जमीन की खुदाई करवा रहे थे। खुदाई के दौरान उन्हें जमीन में गुंबदनुमा किसी चीज का अहसास हुआ। तभी से इसे भगवान शिव का चमत्कार मानते हैं।

गल्तेश्वर मंदिर में गुप्त गंगा

ऐसा ही एक मंदिर गुजरात के वडोदरा में है जिसे गल्तेश्वर मंदिर के नाम से जानते हैं। कहते हैं यहां गुप्त गंगा बहती है। जो गंगा महादेव के चरण धोती है। गंगा के यहां गलती नदी के नाम से पुकारते हैं भक्त।गल्तेश्वर महादेव के चरणों का स्पर्श करने के लिए मां गंगा यहां अपनी राह बदल कर आती हैं।

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