Monday 30 June 2014

Will only be met by myself alone

जब आप एकांत में अपने निर्णयों और जीवन के बारे में विचारते हैं तो अधिक बेहतर तरीके से आगे बढ़ पाते हैं। अकेले में विचार हमारी दूसरों पर निर्भरता भी खत्म करता है। अधिकतर लोग अकेले हो जाने से डरते हैं। यही कारण है कि वे दोस्त बनाते हैं, प्रियजनों के बीच रहना चाहते हैं और हर समय किसी न किसी संस्था या गतिविधि के साथ जुड़े रहना चाहते हैं।

तमाम तरह की सोशल नेटवर्किंग साइट्स की बढ़ती लोकप्रियता इसी तरफ इशारा करती है। इन सोशल प्लेटफॉर्म्स के कारण व्यक्ति आधा घंटा भी खुद पर खर्च नहीं करता लेकिन जब हम अपने साथ समय बिताते हैं, खुद से बातचीत करते हैं तो हमारे जीवन में शांति और निर्णयों में अधिक सहजता दिखाई देती है। खुद के साथ कुछ वक्त रहने पर हमारे मन की व्यग्रता और हड़बड़ी भी खत्म होती है।

अक्सर अकेले रहने वाले व्यक्ति की सामाजिकता पर सवाल उठाए जाते हैं लेकिन यह सच है कि जब हम अकेले होते हैं तभी हमें अपने व्यक्तित्व के आकलन का मौका मिलता है। अपनी जिंदगी की दिशा तय करने का यही सबसे उपयुक्त समय होता है। खुद के साथ बिताए जाने वाले लम्हें अपने रिश्तों, अपनी खूबियों और अपने जीवन के बड़े निर्णयों के तमाम पहलुओं पर सोचने का मौका देते हैं। आइए देखें खुद के साथ बिताए जाने वाले लम्हों का हासिल क्या है।

सरलता से परिचय

इस समय जीवन बहुत आपाधापी और व्यस्तता के बीच है। ऐसे में हमने खुद को हम यह करना चाहते हैं, हमें यह करना चाहिए, हमें यह करने की जरूरत है और हमें यह नहीं करना चाहिए, जैसे बहुत सारे प्रश्नों के बीच खड़ा कर लिया है। इस तरह के तमाम प्रश्न हमारे भीतर एक खिंचाव पैदा करते हैं।

हम पर अतिरिक्त दबाव डालते हैं। माना कि हमारे जीवन में बहुत सारी चीजें चल रही हैं लेकिन हमें थोड़ा रुककर यह देखने की जरूरत तो है कि कहीं हम सिर्फ प्रतियोगिता को ही तो नहीं जीने लगे हैं। प्रतियोगिता से मुक्ति के लिए और अपनी खुशी को बेहतर तरीके से समझने के लिए अकेलापन बहुत मददगार होता है। वह बताता है कि आपकी सही जरूरतें क्या हैं।

सूचनाओं से मुक्ति

इन दिनों जिस तरह का जीवन हमारे आसपास है उसमें लोगों के दिमाग में बहुत सारी सूचनाएं और चीजें भरी रहती हैं। याद रखिए कि हम सिर्फ सूचनाएं इकट्ठा ही नहीं करते हैं बल्कि उन सूचनाओं के आधार पर प्रतिक्रिया की कोशिशें भी करते हैं। लगातार सूचनाओं के बीच आप प्रतिक्रिया ही व्यक्त करते रह जाते हैं और अपने मन की बात नहीं सुन पाते हैं। समय-समय पर इन सूचनाओं से दूर होने की जरूरत होती है। जब हम एकांत में समय बिताते हैं तो बहुत सारी नई सूचनाओं से भी बच जाते हैं और इनके प्रभाव से दूर होकर चीजों को देख पाते हैं।

सटीक निर्णय की ओर

दुनिया को देखने की हमारी दृष्टि अक्सर निकट के लोगों द्वारा प्रभावित होती है। हमारे मित्र, रिश्तेदार, शिक्षक और माता-पिता उनके अनुभवों के द्वारा हमारे हमारे निर्णयों और जरूरतों को प्रभावित करते हैं इसलिए यह जरूरी है कि हम अकेले में कुछ समय बिताकर अपनी सही और असल आवश्यकताओं से परिचित हों। जिस भी दिशा में हम आगे

बढ़ने जा रहे हों उसके बारे में अपने दिल पर हाथ रखकर पूछें कि क्या यही हम चाहते हैं। इस उत्तर के साथ आगे बढ़ना आपके मन की दुविधा खत्म कर देगा।

चिंताओं से मुक्ति

जब हमारे विचारों और हमारे आगे बढ़ने की दिशा के बीच कोई दुविधा नहीं होती है तो हमारे मन में किसी भी तरह की चिंता नहीं होगी। यह तभी होगा जब हम अकेले रहकर अपने विचार और दिशा के बीच एकरूपता बनाएं। जब तक हम एकांत में अपने बारे में और अपने निर्णयों के बारे में ठीक से नहीं सोचेंगे तो मन कई तरह की चिंताओं से भरा रहेगा। चिंताओं से मुक्ति के लिए खुद के साथ समय बिताना बहुत ही जरूरी है।

खत्म होती निर्भरता

बहुत से लोग इस कारण एकांत में समय नहीं बिताते क्योंकि उन्हें दूसरों का साथ अच्छा लगता है, उनके साथ बातचीत करना अच्छा लगता है। इससे उनके निर्णयों को दूसरों से सहारा मिलता है। यह मानव स्वभाव है। दूसरों के साथ बिताए जाने वाले लम्हों के कारण हमारी खुशी उन पर निर्भर हो जाती है।

हम ऐसे किसी साथ का उपयोग अपनी समस्याओं से दूर जाने के लिए करते हैं। हम खुद से दूर जाने के लिए भी दूसरों का सहारा लेते हैं। लेकिन यह समझना होगा कि तब हमारे निर्णय पूरी तरह अपने नहीं होते और हमारी दूसरों पर निर्भरता बढ़ती जाती है। एकांत में अपने निर्णयों पर विचार हमारी निर्भरता को खत्म करता है।

सक्रियता में बढ़ोतरी

अक्सर हम अपनी जिंदगी में खालीपन को भरने के लिए तरह-तरह की गतिविधियों में शामिल होते रहते हैं। कभी गौर कीजिएगा कि जब आप कुछ नहीं कर रहे हैं तब भी कुछ तो आप कर ही रहे होते हैं। रोजमर्रा के जीवन में अतिरिक्त गतिविधियों को हटाने की जरूरत है। गैर-जरूरी चीजों को अगर हम कम करते रहेंगे तो हमारी सक्रियता में बढ़ोतरी होगी। तब हम पाएंगे कि हमारे पास अधिक समय है और अधिक ऊर्जा भी।

छोटे पलों का आनंद

अक्सर प्रतियोगिता में बने रहने पर हम अपने आसपास की बहुत छोटी चीजों का आनंद नहीं ले पाते हैं, इसलिए जब अकेले हों तो उन चीजों के बारे में सोचें। उन छोटी चीजों के बारे में जो आपको सहज उपलब्ध हैं और जो आपके ध्यान से दूर रहती हैं। इन चीजों पर ध्यान देने पर आप पाएंगे कि जीवन कितने रूपों में बंटा हुआ है और हर रूप आपको विस्मित करने की क्षमता से परिपूर्ण है।

प्राथमिकता में मदद

जब हम एकांत तलाश पाते हैं तो यह भी देख पाते हैं कि हमारी प्राथमिकताएं क्या हैं और उन प्राथमिकताओं की दिशा में आगे बढ़ने के लिए किन-किन प्रयासों की जरूरत है। एकांत में हम शांत मन से अपनी प्राथमिकताओं के बारे में सोच पाते हैं।

ऐसा करते हुए आप जीवन के तमाम पक्षों को देखते हुए प्राथमिकताएं तय करते हैं। हमारा लक्ष्य तब सफल ही नहीं होता बल्कि अपने लिए सुकून और सहजता की तलाश भी होता है।

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