Tuesday 24 June 2014

Eagle and serpent was mainly because of the hostility

अमूमन यह प्रश्न सदियों से उठता आ रहा है कि नागों की उत्पत्ति कैसे हुई। नाग और गरुड़ के बीच मतभेद सदियों से चला आ रहा है। दरअसल नागों के बारे में भागवत् पुराण में विस्तृत लेख मिलता है।

कहते हैं कि कश्यप ऋर्षि की दो पत्नियां थीं। एक का नाम बनिता और दूसरी पत्नी का नाम कद्रू था। एक बार कश्यप ने प्रसन्न होकर दोनों पत्नियों से वर मांगने को कहा। कद्रू ने एक हजार वीर नागों की माता होनें का वर मांगा और बनिता ने एक वर से दो पुत्र मांगे जो बाद में अरूण और गरुण के नाम से प्रसिद्ध हुए।

नागों की मां कद्रू को धरती का प्रतीक माना जाता है। गरुड़ और अरुण की मां बनिता को स्वर्ग की देवी माना जाता है।

एक दिन कश्यप दोनों पत्नियों में इस बात पर विवाद खड़ा हो गया कि सूर्य के अश्व श्यामवर्ण के हैं या श्वेत। बनिता ने उनका रंग श्वेत बताया, पर कद्रू नहीं मानीं। वह एक ही रट लगाए हुए थी कि अश्व श्याम वर्ण के हैं। बनिता ने आखिरी शर्त लगा दी कि अगर अश्वों का रंग श्वेत हुआ तो तुम और तुम्हारे पुत्र हमारे दास रहेगें। कद्रू ने स्वीकार कर लिया।

शाम हुई। जब कद्रू ने अपने पुत्रों से इसकी चर्चा की तब शेषनाग को छोड़कर शेष सभी पुत्रों ने कहा कि मां तुम चिंता मत करो। हम लोग जाकर अश्वों से लिपट जाएंगे जिससे वे दूर से श्यामवर्ण के दिखाई देने लगेंगे। यह बात सुनकर कद्रू प्रसन्न हो गई।

परंतु बाद में बनिता को यह भेद पता चल गया और तभी से गरुण और नागों की दुश्मनी चली आ रही है।

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