Friday, 18 July 2014

Accused wife committ suicide in bhilai

आशीष नगर रिसाली में डकैती का षड्यंत्र रचने वाले छह आरोपियों में से एक प्रकाश रंजन की पत्नी ने मंगलवार की रात उमरपोटी स्थित अपने घर में आत्मदाह कर लिया। उसने गैस सिलेंडर चालू कर आग लगा ली। घटना में मृतका के छह वर्षीय बेटे ने किसी तरह भागकर अपनी जान बचाई। पति के जेल जाने की घटना से परेशान महिला ने दो दिनों से खाना-पीना भी बंद कर दिया था और परेशान थी। उतई पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर लिया है।

पाटन एसडीओपी बीएल पाल ने बताया कि उमरपोटी (नेवई) निवासी जूली रंजन पति प्रकाश रंजन (38) ने मंगलवार की रात आग लगाकर खुदकुशी कर ली। घटना रात करीब डेढ़ बजे की है। जूली अपने छह वर्षीय बेटे आदित्य के साथ कमरे में थी। दूसरे कमरे में जूली के ससुर विश्वरंजन सोए हुए थे। वहीं जेठ सुभाष रंजन अपने परिवार के साथ ऊपर कमरे में थे।

जूली ने अपने कमरे में रसोई से सिलेंडर लाकर गैस खोल दिया और माचिस मार ली। घटना में 90 फीसदी झुलसने के कारण मौके पर ही जुली की मौत हो गई। घटना स्थल और परिस्थितियों के देखते हुए यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि रसोई से गैस सिलेंडर लाने के बाद जूली ने पेचकस से कुछ देर तक नाब को खोले रखा था। कमरे में गैस भरने के बाद संभवतः उसने माचिस जलाई।

कमरे से बाहर भागा बेटा

जूली के साथ कमरे में उसका बेटा और शंकरा विद्यालय का छात्र आदित्य (6) सोया हुआ था। अचानक कमरे में तेज गर्मी लगने व बिस्तर पर लगी मच्छरदानी आदित्य पर गिरने से उसकी आंख खुल गई और वह कमरे से भागकर बाहर निकला और उसने अपने दादा विश्वरंजन प्रताप को कमरे में आग लगने की जानकारी दी। आदित्य ने बताया कि जब वह भागा तब कमरे में एक कोने में तेज आग लगी हुई थी। उस समय मां जूली नजर नहीं आ रही थी।

सब कुछ खत्म हो गया

पुलिस ने बताया कि आदित्य ने जब अपने दादा को जगाया तो उन्हें कुछ समझ में नहीं आया। दूसरे कमरे से तेज धुआं निकलता देखकर जब वे बहू के कमरे में पहुंचे तो दहल उठे। बहू का शरीर नीचे फर्श पर प़ डा हुआ था और उसमें आग लगी हुई थी। विश्वरंजन ने तुरंत अपने ब़ डे बेटे सुभाष रंजन को जगाया। दोनों ने किसी तरह कमरे में लगी आग बुझाई परंतु तब तक सब कुछ खत्म हो गया था। सुभाष रंजन ने उतई पुलिस को रात में ही घटना की सूचना फोन पर दी। जानकारी के बाद उतई पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने मामले में मर्ग कायम कर लिया है।

परेशान थी जूली

परिजनों ने बताया कि आशीष नगर रिसाली में फर्जी डकैती कांड में प्रकाश रंजन के फंसने के बाद से जूली परेशान थी। पूरे परिवार वाले को समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो गया। प्रकाश रंजन मरोदा में कम्प्यूटर सेंटर चलाता है। पुलिस ने फर्जी डकैती कांड में उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। पति के जेल जाने के बाद से जूली का हाल-बेहाल था। उसने खाना-पीना भी बंद कर दिया था। इसे लेकर परिवार के अन्य सदस्य भी परेशान थे। जेठ सुभाष रंजन व जेठानी सुशीला रंजन ने बताया कि छोटे भाई के परिवार से उनकी बहुत कम बातचीत होती थी।

चल रही जांच

मामले में मर्ग कायम कर लिया गया है। घटना स्थल से किसी तरह का सुसाइडल नोट नहीं मिला है। परिजनों का बयान लिया जा रहा है।

बीएल पाल, एसडीओपी पाटन

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