राशन कार्ड निरस्तीकरण मामले में सरकार को घेरने वाली कांग्रेस ने एक बार फिर पलटवार किया है। पत्रकार वार्ता में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने आरोप लगाया कि सरकार ने विधानसभा में चुनावी लाभ लेने के लिए असंवैधानिक कार्य किया है और इसके लिए मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह सहित मंत्रिमंडल , मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और कलेक्टर जिम्मेदार हैं।
श्री बघेल ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2012 विधानसभा में पारित करने के बाद इसके लिए नियम को विधानसभा के पटल पर रखा जाना था, लेकिन इसका पालन न कर सरकार ने असंवैधानिक कार्य किया है। इस वजह से पिछले 10 महीने में जो राशन कार्ड बने और निरस्त किए गए हैं, वह पूरी तरह अवैधानिक है और यह स्वतः शून्य हो गया है। उन्होंने इस मामले में कोर्ट जाने की भी चेतावनी दी है। कांग्रेस ने दस्तावेजों के साथ आरोप लगाया।
श्री बघेल ने कहा कि राजपत्र में प्रकाशन के बाद इसके लिए नियम बनाने के लिए मंत्रिमंडल की उपसमिति बनानी थी । इस नियम की प्रति विधानसभा के पटल पर रखनी थी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया ।
श्री बघेल ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें सरकार के खिलाफ आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि करीब 10 महीने के भीतर जितने राशन कार्ड बने , निरस्त हुए और इस दौरान जो राशन बांटे गए हैं, वह भ्रष्टाचार के दायरे में आता है।
सत्ता हासिल करने राजनीतिक खेल
श्री बघेल ने आरोप लगाया कि राशन कार्ड बनाने और निरस्तीकरण का खेल राजनीतिक कारणों से किया गया। विधानसभा चुनाव में भाजपा के लाभ के लिए अफसरों ने नियम बनाकर उसे जारी कर दिया और इसी आधार पर राशन कार्ड बनाए गए। वहीं राशन का आवंटन भी 10 महीने तक चलता रहा। उन्होंने राशन के आवंटन में 14 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री इस्तीफा दें
श्री बघेल ने कहा कि इस मामले में सरकार को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने खाद्य सुरक्षा का देशभर में ढिंढोरा पीटा और संवैधानिक पद पर रहते हुए उन्होंने असंवैधानिक कृत्य किया है। ऐसे मुख्यमंत्री को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
बघेल ने मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगा है। इस मौके पर प्रदेश प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन, कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी, राजेश बिस्सा, महेन्द्र छाबड़ा, सुशील आनंद शुक्ला, आरपी सिंह, शिव ठाकुर सहित कांग्रेस पदाधिकारी मौजूद थे।
श्री बघेल ने कहा कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम 2012 विधानसभा में पारित करने के बाद इसके लिए नियम को विधानसभा के पटल पर रखा जाना था, लेकिन इसका पालन न कर सरकार ने असंवैधानिक कार्य किया है। इस वजह से पिछले 10 महीने में जो राशन कार्ड बने और निरस्त किए गए हैं, वह पूरी तरह अवैधानिक है और यह स्वतः शून्य हो गया है। उन्होंने इस मामले में कोर्ट जाने की भी चेतावनी दी है। कांग्रेस ने दस्तावेजों के साथ आरोप लगाया।
श्री बघेल ने कहा कि राजपत्र में प्रकाशन के बाद इसके लिए नियम बनाने के लिए मंत्रिमंडल की उपसमिति बनानी थी । इस नियम की प्रति विधानसभा के पटल पर रखनी थी, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया ।
श्री बघेल ने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश का भी हवाला दिया, जिसमें सरकार के खिलाफ आदेश दिया गया है। उन्होंने कहा कि करीब 10 महीने के भीतर जितने राशन कार्ड बने , निरस्त हुए और इस दौरान जो राशन बांटे गए हैं, वह भ्रष्टाचार के दायरे में आता है।
सत्ता हासिल करने राजनीतिक खेल
श्री बघेल ने आरोप लगाया कि राशन कार्ड बनाने और निरस्तीकरण का खेल राजनीतिक कारणों से किया गया। विधानसभा चुनाव में भाजपा के लाभ के लिए अफसरों ने नियम बनाकर उसे जारी कर दिया और इसी आधार पर राशन कार्ड बनाए गए। वहीं राशन का आवंटन भी 10 महीने तक चलता रहा। उन्होंने राशन के आवंटन में 14 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया है।
मुख्यमंत्री इस्तीफा दें
श्री बघेल ने कहा कि इस मामले में सरकार को स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने खाद्य सुरक्षा का देशभर में ढिंढोरा पीटा और संवैधानिक पद पर रहते हुए उन्होंने असंवैधानिक कृत्य किया है। ऐसे मुख्यमंत्री को अपने पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है।
बघेल ने मुख्यमंत्री से इस्तीफा मांगा है। इस मौके पर प्रदेश प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन, कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष शैलेष नितिन त्रिवेदी, राजेश बिस्सा, महेन्द्र छाबड़ा, सुशील आनंद शुक्ला, आरपी सिंह, शिव ठाकुर सहित कांग्रेस पदाधिकारी मौजूद थे।
No comments:
Post a Comment