जिसके पास गुरु नहीं, उसका सच्चा हितेषी कोई नहीं होता, उसके पास सब कुछ होते हुए भी वह अनाथ है। इसलिए जीवन में सदगुरु अति आवश्यक हैं।
किंतु धर्माचार्यों की मान्यता है कि पूर्व जन्मों के फलसवरूप ही सदगुरु की प्राप्ति होती है। गुरु शिष्य को शिक्षा के साथ संस्कार भी देता है जोकि मनुष्य को पूर्ण बना देता है। एक चाणक्य सैकड़ों चंद्रगुप्त को सम्राट बना सकता है। एक अरस्तु हजारों सिकंदर को महान बना सकता है।
ऐसे ऐतिहासिक कई उदाहरण हैं जिनमें युवा नरेंद्र को गुरु रामकृष्ण परमहंस ने स्वामी विवेकानंद बना दिया और गुरु समर्थ रामदास ने तो छत्रपति शिवाजी को ओज और उत्साह से पूर्ण कर दिया।
गुरु की इससे अधिक महिमा और भी है जब धर्म ग्रंथ यह भी वर्णन करते हैं कि ईश्वरावतार भगवान राम भी ज्ञान प्राप्ति के लिए महर्षि वशिष्ठ और राजर्षि विश्वामित्र के श्रीचरणों में समर्पित हो गए। नंदबाबा ने भी बालकृष्ण को सन्दीपनी गुरु के पास गोकुल से उज्जयिनी तक भेज दिया।
ये ऐसे ऐतिहासिक प्रमाण हैं जो गुरु की सर्वज्ञाता और आवश्यकता को ज्ञापित करते हैं क्योंकि गुरु का दिया प्रत्येक मंत्र महामंत्र है इसे भगवान भी मान चुके हैं। इसलिए कहा भी कहा गया है कि-
गुरुब्रह्मा,गुरुविष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुसाक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवै नमः
किंतु धर्माचार्यों की मान्यता है कि पूर्व जन्मों के फलसवरूप ही सदगुरु की प्राप्ति होती है। गुरु शिष्य को शिक्षा के साथ संस्कार भी देता है जोकि मनुष्य को पूर्ण बना देता है। एक चाणक्य सैकड़ों चंद्रगुप्त को सम्राट बना सकता है। एक अरस्तु हजारों सिकंदर को महान बना सकता है।
ऐसे ऐतिहासिक कई उदाहरण हैं जिनमें युवा नरेंद्र को गुरु रामकृष्ण परमहंस ने स्वामी विवेकानंद बना दिया और गुरु समर्थ रामदास ने तो छत्रपति शिवाजी को ओज और उत्साह से पूर्ण कर दिया।
गुरु की इससे अधिक महिमा और भी है जब धर्म ग्रंथ यह भी वर्णन करते हैं कि ईश्वरावतार भगवान राम भी ज्ञान प्राप्ति के लिए महर्षि वशिष्ठ और राजर्षि विश्वामित्र के श्रीचरणों में समर्पित हो गए। नंदबाबा ने भी बालकृष्ण को सन्दीपनी गुरु के पास गोकुल से उज्जयिनी तक भेज दिया।
ये ऐसे ऐतिहासिक प्रमाण हैं जो गुरु की सर्वज्ञाता और आवश्यकता को ज्ञापित करते हैं क्योंकि गुरु का दिया प्रत्येक मंत्र महामंत्र है इसे भगवान भी मान चुके हैं। इसलिए कहा भी कहा गया है कि-
गुरुब्रह्मा,गुरुविष्णु गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुसाक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवै नमः
Source: Spiritual News & Rashifal 2014
No comments:
Post a Comment