2050 तक ग्वालियर शहर की प्यास बुझाने के स्थायी समाधान के लिए चंबल नदी से पानी लाने की योजना को सर्वसम्मति से सहमति प्रदान कर दी गई है। सभापति बृजेन्द्र सिंह जादौन ने निगमायुक्त को यह निर्देश दिए हैं कि डीपीआर अधिकतम तीन माह में तैयार कर शासन को भेज दी जाए। परिषद ने इसके लिए दो करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की।
नगर निगम परिषद की बैठक में इंदौर की कंसल्टेंट कंपनी मेहता एण्ड मेहता ग्रुप के प्रतिनिधि ने बताया कि 2050 तक शहर की आबादी 26 लाख से अधिक हो जाएगी। इस समय तक शहर की प्यास बुझाने के लिए 480 एमएलडी पानी की आवश्यकता होगी। कान्सेप्ट प्लान के प्रेजेंटेशन में ककेटो-पेहसारी, सिंध नदी से पानी लाने का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया गया।
कंसल्टेंट और पार्षदों से एकमत से तय किया गया कि चंबल से पानी लाना सबसे बेहतर उपाय है। निष्कर्ष के बाद सभापति ने फैसला सुनाया कि महापौर समीक्षा गुप्ता के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृत किया जाता है। हालांकि प्रेजेंटेशन के बाद परिषद की बैठक में चंबल के पानी को लेकर राजनीतिक श्रेय की लड़ाई छिड़ गई। कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों ने एक-दूसरे पर पर आरोप लगाए।
सभापति ने ये भी कहा कि सत्ता एवं विपक्ष के पार्षदों का एक दल प्रदेश एवं केन्द्र सरकार के उन संबंधित विभागों से संपर्क स्थापित करे जो इस योजना के लिए आवश्यक है। इसके अलावा डीपीआर के लिए 2 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान भी रखा गया है, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।
नगर निगम परिषद की बैठक में इंदौर की कंसल्टेंट कंपनी मेहता एण्ड मेहता ग्रुप के प्रतिनिधि ने बताया कि 2050 तक शहर की आबादी 26 लाख से अधिक हो जाएगी। इस समय तक शहर की प्यास बुझाने के लिए 480 एमएलडी पानी की आवश्यकता होगी। कान्सेप्ट प्लान के प्रेजेंटेशन में ककेटो-पेहसारी, सिंध नदी से पानी लाने का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत किया गया।
कंसल्टेंट और पार्षदों से एकमत से तय किया गया कि चंबल से पानी लाना सबसे बेहतर उपाय है। निष्कर्ष के बाद सभापति ने फैसला सुनाया कि महापौर समीक्षा गुप्ता के प्रस्ताव को सर्वसम्मति से स्वीकृत किया जाता है। हालांकि प्रेजेंटेशन के बाद परिषद की बैठक में चंबल के पानी को लेकर राजनीतिक श्रेय की लड़ाई छिड़ गई। कांग्रेस और भाजपा के पार्षदों ने एक-दूसरे पर पर आरोप लगाए।
सभापति ने ये भी कहा कि सत्ता एवं विपक्ष के पार्षदों का एक दल प्रदेश एवं केन्द्र सरकार के उन संबंधित विभागों से संपर्क स्थापित करे जो इस योजना के लिए आवश्यक है। इसके अलावा डीपीआर के लिए 2 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान भी रखा गया है, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार किया गया।
Source: MP Hindi News & Chhattisgarh Hindi News
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