आतंकवाद का मुकाबला करने में आत्मनिर्भर कहलाने वाले राज्यों की सूची में मध्यप्रदेश का नाम भी जुड़ने जा रहा है। सूची में नाम दर्ज कराने वाला मध्यप्रदेश देश का आठवां राज्य होगा। वर्ष 1990 में इस सूची में सबसे पहले राज्य के रूप में महाराष्ट्र का नाम दर्ज हुआ था। तब से गुजरात, राजस्थान, आंध्रप्रदेश, केरल, यूपी और बिहार सूची में जगह बना चुके हैं।
इन सभी राज्यों ने स्वयं के काउंटर इंसर्जेंसी एवं आतंकवाद विरोधी प्रशिक्षण केंद्र (सीआईएटीटी सेंटर) तैयार करने में कामयाबी हासिल की है, जिसके बाद इन्हें इस दर्जे से नवाजा गया। मध्यप्रदेश में पहली बार बनने जा रहा सीएट सेंटर राजधानी के निकट भौंरी में मौजूद 142 एकड़ जंगल में तैयार होगा।
एमपी पुलिस हाऊसिंग कार्पोरेशन द्वारा लगभग 180 करोड़ की लागत से बनाई जाने वाली नई इकाई एमपी पुलिस मुख्यालय के अधीन होगी। संस्थान में एमडी से लेकर ट्रेनर तक की नियुक्ति गृह विभाग की निगरानी में होगी। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों को भी यहां प्रशिक्षण दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने प्रोजेक्ट को वित्तीय सहायता देने के लिए केंद्र सरकार से भी मदद मांगी है।
सेना-एसपीजी की एडवांस ट्रेनिंग
सीआईएटीटी सेंटर में ट्रेनर के रूप में सेना और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के सेवानिवृत्त अधिकारियो की पदस्थापना की जाएगी। पहले चरण में गृह विभाग ने 96 कर्मचारियों और अधिकारियों के पद स्वीकृत किए हैं। सेंटर हर साल 200 जवानों के बैच तैयार करेगा।
नक्सल इलाकों में तैनात प्रदेश के हॉक कमांडो, स्पेशल टास्क फोर्स, एंटी टेरिरिस्ट स्क्वॉड और काउंटर टेरेरिज्म गु्रप के जवानों को यहां बेसिक की बजाए केवल एडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी जो कि आउटडोर और इंडोर होगी। आउटडोर ट्रेनिंग में गुरिल्ला वॉर तकनीक, वीआईपी सिक्योरिटी, बारूदी सुरंगों की खोज जैसे पाठ्यक्रम शामिल रहेंगे।
इंडोर ट्रेनिंग में जवानों को मेप रीडिंग, वॉर प्लानिंग, सिम्यूलेटर वेपन फायरिंग के गुर सिखाए जाएंगे। सायबर क्राइम में इस्तेमाल होने वाले नए सॉफ्टवेयर को चलाने की विधा भी एमपी सीएट सेंटर में सिखाई जाएगी। इसी ट्रेनिंग को हासिल करने एडीजी स्तर के चार अफसरों का दल इन दिनों अमेरिका गया हुआ है।
इनका कहना है
प्रशिक्षण संस्थान के बनने के बाद राज्य की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। इसके लिए केंद्र से भी वित्तीय सहायता मांगी गई है।
- बाबूलाल गौर, गृहमंत्री
इन सभी राज्यों ने स्वयं के काउंटर इंसर्जेंसी एवं आतंकवाद विरोधी प्रशिक्षण केंद्र (सीआईएटीटी सेंटर) तैयार करने में कामयाबी हासिल की है, जिसके बाद इन्हें इस दर्जे से नवाजा गया। मध्यप्रदेश में पहली बार बनने जा रहा सीएट सेंटर राजधानी के निकट भौंरी में मौजूद 142 एकड़ जंगल में तैयार होगा।
एमपी पुलिस हाऊसिंग कार्पोरेशन द्वारा लगभग 180 करोड़ की लागत से बनाई जाने वाली नई इकाई एमपी पुलिस मुख्यालय के अधीन होगी। संस्थान में एमडी से लेकर ट्रेनर तक की नियुक्ति गृह विभाग की निगरानी में होगी। पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ पुलिस के जवानों को भी यहां प्रशिक्षण दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। गृह मंत्री बाबूलाल गौर ने प्रोजेक्ट को वित्तीय सहायता देने के लिए केंद्र सरकार से भी मदद मांगी है।
सेना-एसपीजी की एडवांस ट्रेनिंग
सीआईएटीटी सेंटर में ट्रेनर के रूप में सेना और स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप के सेवानिवृत्त अधिकारियो की पदस्थापना की जाएगी। पहले चरण में गृह विभाग ने 96 कर्मचारियों और अधिकारियों के पद स्वीकृत किए हैं। सेंटर हर साल 200 जवानों के बैच तैयार करेगा।
नक्सल इलाकों में तैनात प्रदेश के हॉक कमांडो, स्पेशल टास्क फोर्स, एंटी टेरिरिस्ट स्क्वॉड और काउंटर टेरेरिज्म गु्रप के जवानों को यहां बेसिक की बजाए केवल एडवांस ट्रेनिंग दी जाएगी जो कि आउटडोर और इंडोर होगी। आउटडोर ट्रेनिंग में गुरिल्ला वॉर तकनीक, वीआईपी सिक्योरिटी, बारूदी सुरंगों की खोज जैसे पाठ्यक्रम शामिल रहेंगे।
इंडोर ट्रेनिंग में जवानों को मेप रीडिंग, वॉर प्लानिंग, सिम्यूलेटर वेपन फायरिंग के गुर सिखाए जाएंगे। सायबर क्राइम में इस्तेमाल होने वाले नए सॉफ्टवेयर को चलाने की विधा भी एमपी सीएट सेंटर में सिखाई जाएगी। इसी ट्रेनिंग को हासिल करने एडीजी स्तर के चार अफसरों का दल इन दिनों अमेरिका गया हुआ है।
इनका कहना है
प्रशिक्षण संस्थान के बनने के बाद राज्य की आत्मनिर्भरता बढ़ेगी। इसके लिए केंद्र से भी वित्तीय सहायता मांगी गई है।
- बाबूलाल गौर, गृहमंत्री
Source: MP News in Hindi & Chhattisgarh Hindi News
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