हाईकोर्ट की डिवीजन बैंच ने भ्रष्टाचार के आरोपी कटड़ा म्यूनिसिपल कमेटी के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर रवि कुमार का तबादला रियासी म्यूनिसिपल कमेटी के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के पद पर किए जाने को गंभीरता से लिया। उन्होंने सरकार को निर्देश दिए हैं कि उन्हें रियासी मुख्यालय में महत्वपूर्ण पद न दिया जाए। अगर कोर्ट के निर्देश पर अमल नहीं हुआ तो शहरी विकास विभाग के डायरेक्टर स्वयं अदालत में पेश हो।
इसके लिए कोर्ट ने दो सप्ताह का समय दिया है। यह मामला एक गैर सरकारी एसओएस इंटरनेशनल के चेयरमैन राजीव चुन्नी द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सामने आया। जिसमें कटड़ा म्यूनिसिपल कमेटी के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की वकालत की गई। मामले में कहा गया कि रवि कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दो एफआईआर दर्ज हैं और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक विशेष अदालत में मुकदमा चल रहा है। दरअसल एसओएस की ओर से दायर जनहित याचिका में यह अदालत से यह गुहार की गई थी कि माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए आने वाले वो श्रद्धालुओं जो पालकी वालों, पिट्ठुओं की सेवाएं लेते हैं, और उनसे टैक्स वसूला जा रहा है। यह टैक्स केवल कटड़ा म्यूनिसिपल कमेटी ही श्रद्धालुओं से ले सकती है, न कि जिला प्रशासन उन पर कोई और टैक्स लगा सकती है। यह टैक्स म्यूनिसिपल लिमिट कटड़ा में ही होना चाहिए लेकिन रियासी के डिप्टी कमिश्नर ने श्रद्धालुओं के लिए टैक्स की दरों में कुछ समय पहले संशोधन किया था और इन्हें लागू कर दिया था। दलील में कहा गया कि कटड़ा म्यूनिसिपल कमेटी के एग्जीक्यूटिव आफिसर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
इसके लिए कोर्ट ने दो सप्ताह का समय दिया है। यह मामला एक गैर सरकारी एसओएस इंटरनेशनल के चेयरमैन राजीव चुन्नी द्वारा दायर जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान सामने आया। जिसमें कटड़ा म्यूनिसिपल कमेटी के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने की वकालत की गई। मामले में कहा गया कि रवि कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत दो एफआईआर दर्ज हैं और उनके खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक विशेष अदालत में मुकदमा चल रहा है। दरअसल एसओएस की ओर से दायर जनहित याचिका में यह अदालत से यह गुहार की गई थी कि माता वैष्णो देवी के दर्शनों के लिए आने वाले वो श्रद्धालुओं जो पालकी वालों, पिट्ठुओं की सेवाएं लेते हैं, और उनसे टैक्स वसूला जा रहा है। यह टैक्स केवल कटड़ा म्यूनिसिपल कमेटी ही श्रद्धालुओं से ले सकती है, न कि जिला प्रशासन उन पर कोई और टैक्स लगा सकती है। यह टैक्स म्यूनिसिपल लिमिट कटड़ा में ही होना चाहिए लेकिन रियासी के डिप्टी कमिश्नर ने श्रद्धालुओं के लिए टैक्स की दरों में कुछ समय पहले संशोधन किया था और इन्हें लागू कर दिया था। दलील में कहा गया कि कटड़ा म्यूनिसिपल कमेटी के एग्जीक्यूटिव आफिसर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
Source: Spiritual News in Hindi & Aaj Ka Rashifal
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