प्रदेश में चार दिनों की मूसलाधार के बाद अब साधारण बारिश के आसार हैं। यहां बना अवदाब अब सरक कर महाराष्ट्र की ओर चला गया है, जिससे यहां भारी बारिश की संभावना कम हो गई है। छत्तीसगढ़ में पिछले चार दिनों में मूसलाधार बारिश हुई। जिससे खेत-खार लबालब और नदी-नाले उफान पर हैं। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि फिलहाल केवल हल्की से मध्यम बारिश होगी।
सप्ताहभर पहले तक सूखे की स्थिति थी। अचानक चार दिन में ही इतनी बारिश हुई कि सूखे खेतों के ऊपर से धार चल रही है। यही कारण है कि नदी-नालों का जल स्तर अब भी बढ़ा हुआ है। बारिश से प्रदेश के बांध और जलाशय भी लबालब हो गए हैं। धमतरी के गंगरेल बांध में चार दिन में जल स्तर 50 से 70 फीसदी तक पहुंच गया है। इसी तरह सभी बांधों में पानी भर गए हैं।
बुधवार को सुबह आसमान से बादल छंट गए। बारिश थमने से लोगों ने राहत की सांस ली। निचली बस्तियों में भरा पानी नीचे उतर गया। लेकिन दोपहर बाद आसमान फिर बादलों से घिर गया, हालांकि बारिश नहीं हुई। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के कई स्थानों में मध्यम से भारी बारिश हुई।
लालपुर केन्द्र के मौसम वैज्ञानिक एम गोपाल राव ने बताया कि छत्तीसगढ़ के ऊपर बना अवदाब सरक कर महाराष्ट्र की ओर चला गया है। प्रदेश के ऊपर से केवल द्रोणिका गुजर रही है, जिससे साधारण बारिश होने की संभावना है।
सप्ताहभर पहले तक सूखे की स्थिति थी। अचानक चार दिन में ही इतनी बारिश हुई कि सूखे खेतों के ऊपर से धार चल रही है। यही कारण है कि नदी-नालों का जल स्तर अब भी बढ़ा हुआ है। बारिश से प्रदेश के बांध और जलाशय भी लबालब हो गए हैं। धमतरी के गंगरेल बांध में चार दिन में जल स्तर 50 से 70 फीसदी तक पहुंच गया है। इसी तरह सभी बांधों में पानी भर गए हैं।
बुधवार को सुबह आसमान से बादल छंट गए। बारिश थमने से लोगों ने राहत की सांस ली। निचली बस्तियों में भरा पानी नीचे उतर गया। लेकिन दोपहर बाद आसमान फिर बादलों से घिर गया, हालांकि बारिश नहीं हुई। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश के कई स्थानों में मध्यम से भारी बारिश हुई।
लालपुर केन्द्र के मौसम वैज्ञानिक एम गोपाल राव ने बताया कि छत्तीसगढ़ के ऊपर बना अवदाब सरक कर महाराष्ट्र की ओर चला गया है। प्रदेश के ऊपर से केवल द्रोणिका गुजर रही है, जिससे साधारण बारिश होने की संभावना है।
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