मवेशी चराने गए एक व्यक्ति का बाघों ने शिकार कर लिया। दूसरे दिन तलाश करने पर ग्रामीणों को उसकी क्षतविक्षत लाश जंगल में मिली। रविवार शाम को घर नहीं आने पर परिजनों व ग्रामीणों ने मिलकर उसकी तलाश की थी। लेकिन अंधेरा हो जाने के कारण उसकी तलाश नहीं की जा सकी थी। सोमवार दोपहर बाद ग्रामीणों को शुकदेव पिता रामदास बैगा (45) निवासी बगदरी मृत अवस्था में मिला।
ग्रामीणों ने बताया कि रविवार दोपहर शुकदेव मवेशी चराने गया था। जो देररात तक वापस नहीं लौटा, जिसके बाद ग्रामीणों ने उसकी तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद सोमवार सुबह करीब सात बजे 25 से 30 ग्रामीणों ने जाकर देखा तो उन्हें वहां बाघों के होने की जानकारी मिली। बाघ करीब तीन की संख्या में थे।
ग्रामीणों की आवाज व शोरगुल के कारण बाघ भाग गए। तब ग्रामीणों को घटना स्थल से लाश के छोटे-छोटे टुकड़े, सिर का भाग व हड्डियां व मृतक के कपड़े व छाता मिला। इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस व वन विभाग के अधिकारी घटना पर पहुंचे।
घटना से ग्रामीणों में आक्रोश
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने सतना से उमरिया की ओर जाने वाले मार्ग पर चकाजाम कर दिया। उन्होंने मांग की वन विभाग के उच्चाधिकारियों के आने के बाद ही जाम खोला जाएगा। ग्रामीणों की मांग थी कि आदमखोर बाघों को यहां से हटाया जाए।
ग्रामीणों की मांग को देखते हुए डिप्टी डायरेक्टर मुरली कृष्ण गुप्ता उमरिया से घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों आश्वासन दिया है कि बगदरी क्षेत्र में बाघों के होने की सूचना भोपाल दे दी गई है। जल्द वन विभाग द्वारा आदमखोर बाघों को वहां से हटा लिया जाएगा।
डिप्टी डायरेक्टर ने 10 हजार रुपए की राशि मृतक के परिजनों को देने की कोशिश की, लेकिन मृतक के पिता ने राशि लेने से इंकार कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। लेकिन ग्रामीण तत्काल आदमखोर बाघों को वहां से हटाए जाने की मांग करते रहे।
छात्रों में डर
ग्रामीणों ने बताया कि बगदरी से खितौली साइकिल से हाईस्कूल व हायरसेकंडर स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने घटना के बाद से ही स्कूल आना बंद कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग पर्याप्त सुरक्षा मुहैया न कराकर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। लोगों ने बताया कि इस तरह की घटनाओं से लोगों में डर का माहौल है। हाल के महीनों में इस तरह की 3 घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि रविवार दोपहर शुकदेव मवेशी चराने गया था। जो देररात तक वापस नहीं लौटा, जिसके बाद ग्रामीणों ने उसकी तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला। इसके बाद सोमवार सुबह करीब सात बजे 25 से 30 ग्रामीणों ने जाकर देखा तो उन्हें वहां बाघों के होने की जानकारी मिली। बाघ करीब तीन की संख्या में थे।
ग्रामीणों की आवाज व शोरगुल के कारण बाघ भाग गए। तब ग्रामीणों को घटना स्थल से लाश के छोटे-छोटे टुकड़े, सिर का भाग व हड्डियां व मृतक के कपड़े व छाता मिला। इसके बाद ग्रामीणों ने इसकी सूचना वन विभाग को दी। ग्रामीणों की सूचना पर पुलिस व वन विभाग के अधिकारी घटना पर पहुंचे।
घटना से ग्रामीणों में आक्रोश
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने सतना से उमरिया की ओर जाने वाले मार्ग पर चकाजाम कर दिया। उन्होंने मांग की वन विभाग के उच्चाधिकारियों के आने के बाद ही जाम खोला जाएगा। ग्रामीणों की मांग थी कि आदमखोर बाघों को यहां से हटाया जाए।
ग्रामीणों की मांग को देखते हुए डिप्टी डायरेक्टर मुरली कृष्ण गुप्ता उमरिया से घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने ग्रामीणों आश्वासन दिया है कि बगदरी क्षेत्र में बाघों के होने की सूचना भोपाल दे दी गई है। जल्द वन विभाग द्वारा आदमखोर बाघों को वहां से हटा लिया जाएगा।
डिप्टी डायरेक्टर ने 10 हजार रुपए की राशि मृतक के परिजनों को देने की कोशिश की, लेकिन मृतक के पिता ने राशि लेने से इंकार कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों ने मृतक के परिजनों को हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। लेकिन ग्रामीण तत्काल आदमखोर बाघों को वहां से हटाए जाने की मांग करते रहे।
छात्रों में डर
ग्रामीणों ने बताया कि बगदरी से खितौली साइकिल से हाईस्कूल व हायरसेकंडर स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों ने घटना के बाद से ही स्कूल आना बंद कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग पर्याप्त सुरक्षा मुहैया न कराकर छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहा है। लोगों ने बताया कि इस तरह की घटनाओं से लोगों में डर का माहौल है। हाल के महीनों में इस तरह की 3 घटनाएं पहले भी हो चुकी हैं।
Source: MP News in Hindi & Chhattisgarh Hindi News
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