Friday, 11 July 2014

In the coming three days the political upheaval occurring

गुरुपूर्णिमा के दिन गुरु अस्त होगा। इसी दिन राहु और केतु अपनी राशि परिवर्तन कर दूसरे ग्रह में प्रवेश करेंगे। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि राहु तुला राशि को छोड़कर दोपहर 3.45 को कन्या राशि में प्रवेश करेगा। कन्या का राहु शत्रुहंता योग बना रहा है।

यह योग 18 वर्ष पूर्व 1996 में बना था। वहीं केतु भी मेष को छोड़कर मीन राशि में प्रवेश करेगा। राहु केतु के इस परिवर्तन से सभी राशियों में प्रभाव पड़ेगा।

    12 जुलाई को गुस्र्पूर्णिमा

    राहू केतु बदलेंगे राशि

    बनेगा शत्रुहंता योग

ज्योतिषमठ संस्थान के संचालक पं विनोद गौतम ने बताया कि इसके पूर्व राहु केतु ने 23 दिसंबर 2012 में राशि परिवर्तन किया था। अब कन्या राशि में वैद्यति योग एवं धनु के चंद्रमा के समय उत्तरा अषाढ़ नक्षत्र में राशि परिवर्तन करेगा। वक्री रहने वाला ग्रह डेढ़ वर्ष तक कन्या राशि में रहेगा, जिससे कई राशियों पर प्रभाव पड़ेगा।

होंगे चार परिवर्तन

    12 जुलाई को राहु तुला छोड़ कन्या राशि में प्रवेश करेंगे। केतु मेष को छोड़कर मीन में प्रवेश करेंगे।

    12 जुलाई को गुस्र् अस्त होगा।

    13 जुलाई को शुक्र का राशि वृष से मिथुन में जाएंगे।

    14 जुलाई को मंगल कन्या राशि से तुला में जाएंगे।

उजागर होंगे पुराने भ्रष्टाचार

तुला का मंगल षडयंत्रकारी योग बनाएगा। इससे पुराने भष्टाचार उजागर होंगे। राजनीति में उथल पुथल करेगा। एक माह तक राजनीति से जुड़े लोगों को प्रभावित करेगा। वहीं कन्या का राहु शत्रुहंता योग बना रहा है जिससे आतंकी, नक्सली, माओवादी जैसी घटनाओं पर कमी आएगी।

कुप्रभाव से बचाव के उपाय

जिन राशियों पर कुप्रभाव पड़ रहा है उन्हें तिल तेल, नारियल, लौंग तथा काले व भूरे रंग के वस्त्र में सात प्रकार के अनाज बांधकर शाम के समय गरीबों व अपंगों को दान करना चाहिए। इसके अलावा राहु का बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।

राहु के कन्या में प्रवेश से राशियों पर प्रभाव

मेष- महासुख

वृष- धन क्षयकारी

मिथुन- अपमानजनक

कर्क- सौभाग्य दायक

सिंह- कलहकारी

कन्या- भयकारी

तुला- विनाशक

वृश्चिक- धनलाभ

धनु- विवादकारी

मकर- दुख देगा

कुंभ- धन क्षति

मीन- राजभय

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