किरंदुल कोत्तावालसा (केके) रेललाइन भारी बारिश के चलते बंद हो गई है। इससे बस्तर का रेल संपर्क टूट गया है। घने जंगलों, पहाड़ों व घाटियों से गुजरी केके रेललाइन की पटरी सोमवार रात जरती और मल्लीगुड़ा स्टेशनों के बीच तीन-चार स्थानों पर भूस्खलन के चलते बह गई। जरती के नजदीक 30 मीटर लंबे रेलपांत के नीचे की मिट्टी बह गई है जिससे पटरी क्षतिग्रस्त हो गई है।
इसके अलावा जरती से क्षत्रीपुट के बीच 35 किलोमीटर रेललाइन पर लगभग 29 जगहों पर पहाड़ों से गिरे मलबे का ढेर जमा हो गया है। मौके पर पहुंचे रेल अफसरों के मुताबिक इस रेलमार्ग को शुरू होने में चार-पांच दिन का समय लग सकता है। हालांकि यह तभी संभव होगा जब बारिश थम जाए। दरअसल घाट सेक्शन में जिन स्थानों पर रेललाइन बाधित है वहां दोनों ओर पहाड़ व गहरी खाइयां होने से मलबा हटाने का काम मुश्किल साबित हो रहा है।
बताया गया है कि अब भी पहाड़ों से स्खलन जारी है जो पटरी पर जमा हो रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वाल्टेयर रेलमंडल के डीआरएम अनिल कुमार मंगलवार को खुद घटनास्थल पहुंचे। नईदुनिया से फोन पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि रेलमार्ग को काफी क्षति पहुंची है। सैकड़ों मजदूरों को मलबा हटाने में लगाया गया है लेकिन बारिश और लगातार भूस्खलन से काम प्रभावित हो रहा है।
दुर्ग एक्सप्रेस अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
रेलमार्ग बाधित होने से यात्री ट्रेनों का संचालन भी पूरी तरह बंद करना पड़ा है। जगदलपुर-दुर्ग पैसेंजर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया है जबकि हावड़ा जगदलपुर समलेश्वरी एक्सप्रेस को आडिशा के टिटलागढ़ तक चलाया जा रहा है। भुवनेश्वर-जगदलपुर हीराखंड एक्सप्रेस व विशाखापटनम किरंदुल वन व्हीके पैसेंजर को कोरापुट तक चलाया जा रहा है। समलेश्वरी और पैसेंजर ट्रेन के रैक जगदलपुर में खड़े हैं। कोरापुट तक मार्ग बंद होने से किसी भी ट्रेन का संचालन कोरापुट से जगदलपुर के बीच नहीं किया जा रहा है।
इसके अलावा जरती से क्षत्रीपुट के बीच 35 किलोमीटर रेललाइन पर लगभग 29 जगहों पर पहाड़ों से गिरे मलबे का ढेर जमा हो गया है। मौके पर पहुंचे रेल अफसरों के मुताबिक इस रेलमार्ग को शुरू होने में चार-पांच दिन का समय लग सकता है। हालांकि यह तभी संभव होगा जब बारिश थम जाए। दरअसल घाट सेक्शन में जिन स्थानों पर रेललाइन बाधित है वहां दोनों ओर पहाड़ व गहरी खाइयां होने से मलबा हटाने का काम मुश्किल साबित हो रहा है।
बताया गया है कि अब भी पहाड़ों से स्खलन जारी है जो पटरी पर जमा हो रहा है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वाल्टेयर रेलमंडल के डीआरएम अनिल कुमार मंगलवार को खुद घटनास्थल पहुंचे। नईदुनिया से फोन पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि रेलमार्ग को काफी क्षति पहुंची है। सैकड़ों मजदूरों को मलबा हटाने में लगाया गया है लेकिन बारिश और लगातार भूस्खलन से काम प्रभावित हो रहा है।
दुर्ग एक्सप्रेस अनिश्चितकाल के लिए स्थगित
रेलमार्ग बाधित होने से यात्री ट्रेनों का संचालन भी पूरी तरह बंद करना पड़ा है। जगदलपुर-दुर्ग पैसेंजर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किया गया है जबकि हावड़ा जगदलपुर समलेश्वरी एक्सप्रेस को आडिशा के टिटलागढ़ तक चलाया जा रहा है। भुवनेश्वर-जगदलपुर हीराखंड एक्सप्रेस व विशाखापटनम किरंदुल वन व्हीके पैसेंजर को कोरापुट तक चलाया जा रहा है। समलेश्वरी और पैसेंजर ट्रेन के रैक जगदलपुर में खड़े हैं। कोरापुट तक मार्ग बंद होने से किसी भी ट्रेन का संचालन कोरापुट से जगदलपुर के बीच नहीं किया जा रहा है।
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