Thursday, 24 July 2014

Shivnath river orgy danger of entering the water in 27 villages

भारी बारिश के साथ ही मोंगरा जलाशय से पानी छोड़ने के कारण शिवनाथ नदी में जल स्तर काफी तेजी के साथ बढ़ने लगा है। शिवनाथ के किनारे स्थित ग्राम जोंधरा के निचली बस्ती में बाढ़ का पानी घुसने के कारण हड़कंप मच गया है।

मौके पर मौजूद एसडीएम व अन्य प्रशासनिक अमले ने निचली बस्ती के आठ घरों को खाली कर ग्रामीणों को सुरक्षित प्राथमिक शाला भवन में ठहराया गया है। साथ ही 110 ग्रामीणों के लिए स्कूल भवन को अस्थाई राहत शिविर में तब्दील कर दिया गया है। भोजन की व्यवस्था ग्राम पंचायत द्वारा की जा रही है। रात के समय आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तहसीलदार,पटवारी व कोटवार को कैंप करने कहा गया है। इसके अलावा प्रभावित गांवों में दो-दो गोताखोरों की भी तैनाती कर दी गई है।

मनियारी और शिवनाथ नदी के तांडव के कारण नदी किनारे गांवों में बाढ़ का पानी घुसने का खतरा बढ़ गया है। बिल्हा व मस्तूरी ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले करीब 27 गांव ऐसे हैं जो नदी किनारे स्थित है। मोंगरा जलाशय का गेट खोले जाने के कारण शिवनाथ नदी का जल स्तर बीती रात से बढ़ने लगा था। दोपहर तक शिवनाथ के साथ ही इसकी सहायक नदी मनियारी के जल स्तर काफी तेजी के साथ बढ़ने लगा था।

शिवनाथ व मनियारी नदी में आई बाढ़ के कारण एनीकट व नालों का जल स्तर पर भी काफी बढ़ गया है। जोंधरा के निचली बस्ती इलाके में दोपहर बाद पानी घुसने के कारण ग्रामीण दहशत में आ गए और सामान छोड़कर सुरक्षित जगह की तलाश करते देखे गए। नदी के जल स्तर में तेजी के साथ वृद्धि को देखते हुए कलेक्टर सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेशी ने बुधवार की सुबह से ही अनुविभागीय अधिकारियों व मातहत अफसरों को अलर्ट करते हुए प्रभावित इलाकों में चौकसी बरतने फरमान जारी कर दिया था।

लिहाजा बुधवार की सुबह से ही मस्तूरी व बिल्हा अनुविभाग के आला अफसर प्रभावित गांवों की ओर नजर आए। मस्तूरी के एसडीएम जीपी चौधरी जाेंधरा और आसपास के इलाके में लगातार निगरानी कर रहे थे। जोंधरा में बाढ़ का पानी घुसने की सूचना मिलने के बाद वे गांव पहुंचे व निचली बस्ती इलाके को खाली कराने फरमान जारी किया । तहसीलदार व पटवारी की देखरेख में ग्रामीणों को घरों से सुरक्षित निकालकर गांव में स्थित प्राइमरी स्कूल में ठहराया गया है। ऐहतियात के तौर पर निचली बस्ती से लगे इलाके को भी खाली करा दिया गया है। प्राइमरी स्कूल को अस्थाई शिविर स्थल में बदल दिया गया है।

तहसीलदार व पटवारी करेंगे कैंप

बाढ़ प्रभावित इलाकों में ग्रामीणों की सुरक्षा के साथ ही आपातकालीन व्यवस्था के तहत तहसीलदार व पटवारी करेंगे। रात में कोटवार गांवों में मुनादी करेंगे। मुनादी के पीछे ग्रामीणों को सतर्क करना माना जा रहा है। स्कूल भवन,पंचायत भवन व सामुदायिक भवनों को राहत शिविर के लिए पूरी तरह तैयार करने कहा गया है। प्रभावित ग्रामीणों को स्कूल भवन व अन्य भवनों में ठहराने की व्यवस्था करने के अलावा बिजली की व्यवस्था करने निर्देशित किया गया है। राहत शिविर में रहने वाले ग्रामीणों को भोजन की व्यवस्था संबंधित ग्राम पंचायतों को करने कहा गया है।

स्वास्थ्य शिविर भी लगाए जाएंगे

संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए बाढ़ प्रभावित ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य शिविर लगाने निर्देशित किया गया है। इसके लिए बीएमओ व अन्य चिकित्साधिकारियों को कैंप लगाने व जांच पड़ताल करने के साथ ही दवाओं का वितरण करने की व्यवस्था करने फरमान जारी किया गया है।

इन गांवों में बढ़ा खतरा

अटर्रा,मंगला,पासीद,उड़नताल,कनेरी,मोहदा,डोमनडीह,अमेरीकांपा,पोड़ीफरहदा,सरवानी,अमलडीहा,मटियारी,जोंधरा,भिलौनी,रहटाटोर,मनवा व कुकुरदी केरा में बाढ़ का पानी घुसने का खतरा बना हुआ है।

इनका कहना है

मस्तूरी ब्लॉक के ग्राम जोंधरा व भिलौनी की स्थिति खतरनाक बनी हुई है। जोंधरा के निचली बस्ती इलाके में बाढ़ का पानी घुसने के कारण ग्रामीणों को उनके घरों से निकालकर प्राइमरी स्कूल में ठहराया गया है। शासकीय भवनाें की साफ-सफाई कराने व बिजली की व्यवस्था करने ग्राम पंचायत सचिव को निर्देशित किया गया है। स्थिति पर पूरी तरह नजर रखी जा रही है। ऐतिहात के तौर पर तहसीलदार व पटवारी को रात में कैंप करने कहा गया है।

जीपी चौधरी-एसडीएम,मस्तूरी

बिल्हा ब्लॉक के 16 गांव नदी किनारे स्थित है। शिवनाथ,मनियारी व अरपा के किनारे स्थित इन गांवों में फिलहाल खतरा नहीं है। बाढ़ का पानी बढ़ने के बाद शाम से स्थिर बना हुआ है। इसके बाद भी ग्रामीणों को सतर्क कर दिया गया है। अधिकारियों की टीम तैनात कर दी गई है। गोताखोरों की भी तैनाती कर दी गई है। स्थानीय अमले को अलर्ट कर दिया गया है। स्थिति पर पूरी तरह नजर रखी जा रही है।

अर्जुन सिंह सिसोदिया-एसडीएम,बिल्हा

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