छत्तीसगढ़ के वयोवृद्ध लोक कलाकारों के लिए एक अच्छी खबर है। उन्हें अब हर माह पेंशन मिलेगी। पेंशन के लिए अब कलाकारों को संस्कृति विभाग के चक्कर लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। पेंशन की राशि सीधे उनके खाते में जमा कर दिया जाएगी। इसके लिए संस्कृति विभाग द्वारा तैयारी की जा रही है। विभाग का कहना है कि आगामी दो माह के भीतर कलाकारों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।
राज्य के लोक कलाकारों की हालत दयनीय है। गरीबी और बीमारी के कारण वे बिना इलाज के मौत की गाल में समा जाते हैं। स्वीकृति के बाद भी कलाकारों को पेंशन की राशि नहीं मिलती । पेंशन का इंतजार करते-करते कई कलाकारों की सांसें थम जाती हैं। इस बात को नईदुनिया ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इसके बाद संस्कृति विभाग के संचालक राकेश चतुर्वेदी ने पेंशन देने की प्रक्रिया को सरल करने की दिशा में एक प्रयास शुरू किया है।
अभी ऑनलाइन पेंशन के लिए पेंशनधारियों से वेंडरफार्म भराया जा रहा है इसके लिए सभी कलाकारों को पत्र लिखा गया है। पेंशन एक बार स्वीकृत होने के बाद हर माह उनके खाते में जमा हो जाएगी। अभी तक कार्यालय के चक्कर लगाने में ही गरीब कलाकारों के आधी राशि समाप्त हो जाती थी, क्योंकि पेंशन छह माह में दिया जाता। वह भी समय पर नहीं मिल पाता था। इस समस्या को दूर करने के लिए संस्कृति विभाग ने यह कदम उठाए हैं।
आर्थिक सहायता को सरल करने की जरूरत
राज्य के गरीब लोक कलाकारों को इलाज के लिए दिए जाने वाले आर्थिक सहायता राशि कलाकार कल्याण कोष से दिया जाता है, लेकिन इसकी प्रक्रिया कठिन है। उल्लेखनीय है कि ज्यादातर कलाकार गरीब और कम पढ़े-लिखे हैं, जो कागजी प्रक्रिया को पूरा करने में असमर्थ होते हैं। इन प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए जरूरी फीस के पैसे भी उनके पास नहीं होते, इसलिए इस प्रक्रिया को सरल किया जाए, ताकि अभाव में जी रहे लोक कलाकारों को इसका लाभ मिल सके।
पेंशन देने की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जा रहा है। इसके लिए कलाकारों को पत्र भेजा गया है। पेनकार्ड और खाता नंबर के साथ वेंडर फार्म भरा जा रहा। इसके बाद कलाकारों के खाते में हर माह पेंशन की राशि जमा कर दी जाएगी। -राकेश चतुर्वेदी, संचालक, संस्कृति एवं पुरात्तव
राज्य के लोक कलाकारों की हालत दयनीय है। गरीबी और बीमारी के कारण वे बिना इलाज के मौत की गाल में समा जाते हैं। स्वीकृति के बाद भी कलाकारों को पेंशन की राशि नहीं मिलती । पेंशन का इंतजार करते-करते कई कलाकारों की सांसें थम जाती हैं। इस बात को नईदुनिया ने प्रमुखता से प्रकाशित किया है। इसके बाद संस्कृति विभाग के संचालक राकेश चतुर्वेदी ने पेंशन देने की प्रक्रिया को सरल करने की दिशा में एक प्रयास शुरू किया है।
अभी ऑनलाइन पेंशन के लिए पेंशनधारियों से वेंडरफार्म भराया जा रहा है इसके लिए सभी कलाकारों को पत्र लिखा गया है। पेंशन एक बार स्वीकृत होने के बाद हर माह उनके खाते में जमा हो जाएगी। अभी तक कार्यालय के चक्कर लगाने में ही गरीब कलाकारों के आधी राशि समाप्त हो जाती थी, क्योंकि पेंशन छह माह में दिया जाता। वह भी समय पर नहीं मिल पाता था। इस समस्या को दूर करने के लिए संस्कृति विभाग ने यह कदम उठाए हैं।
आर्थिक सहायता को सरल करने की जरूरत
राज्य के गरीब लोक कलाकारों को इलाज के लिए दिए जाने वाले आर्थिक सहायता राशि कलाकार कल्याण कोष से दिया जाता है, लेकिन इसकी प्रक्रिया कठिन है। उल्लेखनीय है कि ज्यादातर कलाकार गरीब और कम पढ़े-लिखे हैं, जो कागजी प्रक्रिया को पूरा करने में असमर्थ होते हैं। इन प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिए जरूरी फीस के पैसे भी उनके पास नहीं होते, इसलिए इस प्रक्रिया को सरल किया जाए, ताकि अभाव में जी रहे लोक कलाकारों को इसका लाभ मिल सके।
पेंशन देने की प्रक्रिया को ऑनलाइन किया जा रहा है। इसके लिए कलाकारों को पत्र भेजा गया है। पेनकार्ड और खाता नंबर के साथ वेंडर फार्म भरा जा रहा। इसके बाद कलाकारों के खाते में हर माह पेंशन की राशि जमा कर दी जाएगी। -राकेश चतुर्वेदी, संचालक, संस्कृति एवं पुरात्तव
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