मप्र राज्यसेवा प्रारंभिक परीक्षा-2013 रविवार को प्रदेशभर में आयोजित हुई। इसमें सामान्य अध्ययन के दो सवालों पर उम्मीदवारों ने आपत्ति दर्ज करवाई है। उधर शहर के कुछ परीक्षा सेंटरों पर परीक्षार्थियों के अंगूठे के निशान ही नहीं लिए गए।
पहले सवाल में स्वामी विवेकानंद के विश्वधर्म सम्मेलन में दिए भाषण का वर्ष पूछा गया था। इसके विकल्प में 1863, 1892, 1881 और 1894 सन दिए हैं। अभ्यर्थी चंद्रकांत त्रिवेदी के मुताबिक सही जवाब 1893 है, लेकिन उसे दिया ही नहीं। इसी तरह एक अन्य सवाल में पूछा गया कि कौन सी नदी डेल्टा नहीं बनाती है? इसके विकल्पों में गंगा, स्वर्णरेखा, नर्मदा और ताप्ती के विकल्प दिए गए। उम्मीदवारों के मुताबिक नर्मदा और ताप्ती दोनों डेल्टा नहीं बनाती हैं, ऐसे में किसी एक विकल्प को चुना ही नहीं जा सकता।
अंगूठे नहीं लगवाए
परीक्षा के दौरान सभी उम्मीदवारों के आंसरशीट पर अंगूठे के निशान दर्ज करने थे,लेकिन कुछ केंद्रों पर इसका पालन नहीं किया गया। इसमें राजेंद्रनगर स्थित आईपीएस एकेडमी और सिक्का स्कूल सेंटर शामिल हैं। जबकी नसिया रोड स्थित गुजराती कॉलेज और महावीर बाल मंदिर के केंद्रों पर एक पेपर में ही निशान दर्ज किए गए। संयोगितागंज के शासकीय कन्या विद्यालय क्रमांक 5 में बने केंद्र पर एक ही बैंच पर दो-दो उम्मीदवारों ने बैठकर परीक्षा दी।
कांग्रेस का विरोध
सामान्य अध्ययन में पूछे गए एक सवाल-डॉ. हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना कब की थी ? पर कांग्रेसियों ने भी विरोध जताया है। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े और सचिव महक नागर ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार संघ का प्रचार करना चाहती है। परीक्षा में संघ के सवाल नहीं पूछे जा सकते।
कई सेंटर पर नहीं मिला यात्रा भत्ता
कई सेंटर पर यात्रा भत्ता नहीं देने का मामला सामने आया है। परीक्षार्थियों ने आपत्ति जताई, तो ऑर्ब्जवरों ने प्रशासन के आदेश को सामने कर दिया। इसमें मालवा कन्या स्कूल (मोती तबेला), नंदानगर बॉयज हाई स्कूल समेत कई सेंटर पर यह समस्या परीक्षार्थियों को आई। बाद में बिना भत्ता दिए लौटा दिया गया। धीरत रावलिया ने बताया कि हमें इंटरव्यू में राशि देने की बात कहीं गई है। वहीं हमारे दोस्तों को जिनका सेंटर जीडीसी और जेएसीसी था। उन्हें पूरा भत्ता दिया है। वहीं सारणी के उत्तम नर्रे को महज एक तरफ का यात्रा भत्ता दिया है।
उत्तरप्रदेश का पेपर
परीक्षा के बाद पीएससी में शामिल अभ्यर्थियों ने कहा कि पेपर उत्तर प्रदेश के शिक्षकों ने सेट किया है। अभ्यर्थियों ने दावा किया कि भंवरकुआं स्थित पीएससी के एक कोचिंग संचालक ने अपने विद्यार्थियों से पहले ही कह दिया कि उत्तरप्रदेश को ज्यादा पड़ें। ज्यादातर सवाल उत्तरप्रदेश से जुड़े आए हैं। अभ्यर्थी कह रहे हैं कि कोचिंग वाले को पहले से इसका पता कैसे चल गया।
कठिन आया पेपर
पिछले साल के मुताबिक इस बार प्रश्न पत्र कठिन आया है। मगर पत्र का स्तर बेहतर हुआ है, जिसे पढ़ाई करने वालों को अच्छे नंबर आने की उम्मीद है।
- पुखराज गेहलोत, परीक्षार्थी
प्रदेश के बाहर के पूछे सवाल
हर बार परीक्षा में मप्र से जुड़े सवाल अधिक रहते हैं। मगर इस बार अन्य प्रदेशों व खेल संबंधी प्रश्न ज्यादा पूछे गए हैं, जिससे स्कोरिंग करने में आसानी हो गई है।
- अंकित मालवीय, परीक्षार्थी
समय बच गया
सवाल हल करने के लिए समय पर्याप्त रहा। यहां तक की समय से पहले ही मेरे दोनों पेपर हो चुके थे। सामान्य ज्ञान स्कोरिंग रहा।
- प्रदीप कुमार, परीक्षार्थी
इतिहास के सवाल थे बेहतर
सामान्य ज्ञान वाले प्रश्न पत्र में भारतीय खेलों को अधिक तवज्जो दी गई है। वहीं इतिहास के सवाल अच्छे पूछे गए हैं।
- राकेश सोलंकी, परीक्षार्थी
कोई शिकायत नहीं
परीक्षा बेहतर ढंग से संपन्न हुई। प्रदेश के किसी भी केंद्र से किसी तरह की गड़बड़ी की सूचना नहीं मिली है।
- मनोहर दुबे, सचिव मप्र पीएससी
पहले सवाल में स्वामी विवेकानंद के विश्वधर्म सम्मेलन में दिए भाषण का वर्ष पूछा गया था। इसके विकल्प में 1863, 1892, 1881 और 1894 सन दिए हैं। अभ्यर्थी चंद्रकांत त्रिवेदी के मुताबिक सही जवाब 1893 है, लेकिन उसे दिया ही नहीं। इसी तरह एक अन्य सवाल में पूछा गया कि कौन सी नदी डेल्टा नहीं बनाती है? इसके विकल्पों में गंगा, स्वर्णरेखा, नर्मदा और ताप्ती के विकल्प दिए गए। उम्मीदवारों के मुताबिक नर्मदा और ताप्ती दोनों डेल्टा नहीं बनाती हैं, ऐसे में किसी एक विकल्प को चुना ही नहीं जा सकता।
अंगूठे नहीं लगवाए
परीक्षा के दौरान सभी उम्मीदवारों के आंसरशीट पर अंगूठे के निशान दर्ज करने थे,लेकिन कुछ केंद्रों पर इसका पालन नहीं किया गया। इसमें राजेंद्रनगर स्थित आईपीएस एकेडमी और सिक्का स्कूल सेंटर शामिल हैं। जबकी नसिया रोड स्थित गुजराती कॉलेज और महावीर बाल मंदिर के केंद्रों पर एक पेपर में ही निशान दर्ज किए गए। संयोगितागंज के शासकीय कन्या विद्यालय क्रमांक 5 में बने केंद्र पर एक ही बैंच पर दो-दो उम्मीदवारों ने बैठकर परीक्षा दी।
कांग्रेस का विरोध
सामान्य अध्ययन में पूछे गए एक सवाल-डॉ. हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना कब की थी ? पर कांग्रेसियों ने भी विरोध जताया है। एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष विपिन वानखेड़े और सचिव महक नागर ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार संघ का प्रचार करना चाहती है। परीक्षा में संघ के सवाल नहीं पूछे जा सकते।
कई सेंटर पर नहीं मिला यात्रा भत्ता
कई सेंटर पर यात्रा भत्ता नहीं देने का मामला सामने आया है। परीक्षार्थियों ने आपत्ति जताई, तो ऑर्ब्जवरों ने प्रशासन के आदेश को सामने कर दिया। इसमें मालवा कन्या स्कूल (मोती तबेला), नंदानगर बॉयज हाई स्कूल समेत कई सेंटर पर यह समस्या परीक्षार्थियों को आई। बाद में बिना भत्ता दिए लौटा दिया गया। धीरत रावलिया ने बताया कि हमें इंटरव्यू में राशि देने की बात कहीं गई है। वहीं हमारे दोस्तों को जिनका सेंटर जीडीसी और जेएसीसी था। उन्हें पूरा भत्ता दिया है। वहीं सारणी के उत्तम नर्रे को महज एक तरफ का यात्रा भत्ता दिया है।
उत्तरप्रदेश का पेपर
परीक्षा के बाद पीएससी में शामिल अभ्यर्थियों ने कहा कि पेपर उत्तर प्रदेश के शिक्षकों ने सेट किया है। अभ्यर्थियों ने दावा किया कि भंवरकुआं स्थित पीएससी के एक कोचिंग संचालक ने अपने विद्यार्थियों से पहले ही कह दिया कि उत्तरप्रदेश को ज्यादा पड़ें। ज्यादातर सवाल उत्तरप्रदेश से जुड़े आए हैं। अभ्यर्थी कह रहे हैं कि कोचिंग वाले को पहले से इसका पता कैसे चल गया।
कठिन आया पेपर
पिछले साल के मुताबिक इस बार प्रश्न पत्र कठिन आया है। मगर पत्र का स्तर बेहतर हुआ है, जिसे पढ़ाई करने वालों को अच्छे नंबर आने की उम्मीद है।
- पुखराज गेहलोत, परीक्षार्थी
प्रदेश के बाहर के पूछे सवाल
हर बार परीक्षा में मप्र से जुड़े सवाल अधिक रहते हैं। मगर इस बार अन्य प्रदेशों व खेल संबंधी प्रश्न ज्यादा पूछे गए हैं, जिससे स्कोरिंग करने में आसानी हो गई है।
- अंकित मालवीय, परीक्षार्थी
समय बच गया
सवाल हल करने के लिए समय पर्याप्त रहा। यहां तक की समय से पहले ही मेरे दोनों पेपर हो चुके थे। सामान्य ज्ञान स्कोरिंग रहा।
- प्रदीप कुमार, परीक्षार्थी
इतिहास के सवाल थे बेहतर
सामान्य ज्ञान वाले प्रश्न पत्र में भारतीय खेलों को अधिक तवज्जो दी गई है। वहीं इतिहास के सवाल अच्छे पूछे गए हैं।
- राकेश सोलंकी, परीक्षार्थी
कोई शिकायत नहीं
परीक्षा बेहतर ढंग से संपन्न हुई। प्रदेश के किसी भी केंद्र से किसी तरह की गड़बड़ी की सूचना नहीं मिली है।
- मनोहर दुबे, सचिव मप्र पीएससी
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