Friday 6 June 2014

Than mahmud ghaznvi take somanth mandir door

आगरा किले में करीब 172 वर्षो से रखे गजनी दरवाजा को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने आम सैलानियों के खोल दिया है। गजनी दरवाजा का इतिहास काफी रोचक है।

ईस्ट इंडियन आर्मी के इतिहास के अनुसार वर्ष 1024 में महमूद गजनवी सोमनाथ मंदिर के चंदन के दरवाजों को उखाड़कर अपने साथ गजनी ले गया था।

वर्ष 1842 में प्रथम अफगान युद्ध के दौरान बंगाल नेटिव आर्मी की 1-जाट बटालियन गजनी स्थित महमूद गजनवी की मजार से छह सितंबर को दरवाजा उखाड़ लाई थी।

मुगल सल्तनत के स्वर्णिम दौर की गवाही देते आगरा किला में वर्षो से बंद दरवाजे में रखा 'गजनी दरवाजा' सैलानियों के लिए हालही में खोला गया है।

हजार वर्ष पुराने गजनी दरवाजा को देखकर सैलानी अभिभूत हो रहे हैं। मगर, बहुत कम लोगों को जानकारी होगी कि गजनी दरवाजे के हिलने (गजनी से उखाड़कर आगरा लाने) पर ब्रिटिश सरकार भी हिल गई थी।

कहते हैं यह दरवाजा सोमनाथ मंदिर नहीं पहुंच सका क्योंकि आजादी के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने 12 नवंबर, 1947 को सोमनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार का आदेश जारी किया था। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इस पर सरकारी खजाने से धनराशि खर्च न करने को कहा। मगर, कुछ ही दिनों बाद गांधी जी की हत्या कर दी गई और सरदार का भी स्वर्गवास हो गया।

नेहरू मंत्रिमंडल में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री केएम मुंशी को मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य कराना पड़ा। इस दौरान गजनी दरवाजा सोमनाथ ले जाने पर विचार हुआ था। मगर, ऐसा संभव नहीं हो सका।

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