जीवन में हमेशा नएपन के लिए प्रयास करना चाहिए। जब हम कुछ नया करेंगे तो वह सीधे-सीधे हमारी प्रसन्नता की वजह बनेगा। अपने संस्थान में ऐसा माहौल बनाने के लिए कोशिश करना ही चाहिए।
हमारे जीवन में कुछ नया रचने या नया करने का महत्व हमेशा बना रहता है। अगर आप इसे (इनोवेशन) अपनी रचनात्मकता के साथ संभालते हैं तो आपका जीवन अधिक आनंददायक बनता है। आप का नजरिया कैसा है इसी से आप ऊंचाई हासिल करते हैं। अगर आप सबकुछ जानते हैं लेकिन कुछ नहीं करते तो वह ऐसे ही है कि आप कुछ भी नहीं जानते।
हमें इसे बहुत स्पष्ट शब्दों में समझने की जरूरत है कि 'अगर आप चीजों को उसी तरह करते रहते हैं जैसा कि पहले करते रहे हैं तो आप उतना ही पाएंगे जो पा चुके हैं।" इसलिए जीवन के हर क्षेत्र में कुछ नया करने की जरूरत होती है। जब आप नए प्रयोग करना छोड़ देते हैं तो आप चीजों को ढोने लगते हैं। वे आपको नई ऊंचाई भी नहीं देती।
एक छोटी-सी कहानी है। एक 10 वर्ष के बच्चे का बायां हाथ किसी दुर्घटना में जाता रहा और उसने अपने दाएं हाथ के सहारे ही जूडो सीखना शुरू किया। उसके गुरु ने उसे केवल एक वार सिखाया। तीन वर्षों तक धैर्य के साथ इसका अभ्यास करने के बाद उसने एक जूडो प्रतिस्पर्धा में भाग लिया और स्पर्धा जीत ली। उसने अपने गुरु से पूछा कि स्पर्धा में भाग लेने वाले
खिलाड़ी तरह-तरह से वार करना जानते थे जबकि उसे तो सिर्फ एक ही वार आता था फिर भी उसने सभी को परास्त कर दिया, कैसे? गुरु ने उत्तर दिया कि भले ही शारीरिक रूप से तुम पूर्ण नहीं थे लेकिन तुमने जो वार सीखा था उसकी काट के लिए प्रतिस्पर्धी को तुम्हारे बाएं हाथ को पकडना जरूरी था और इस तरह कमजोरी ही तुम्हारी ताकत बन गई। अगर हमारी कमजोरी ही हमारी ताकत बन जाए तो हम जीत सकते हैं। यही इनोवेशन है। अपनी कमजोरियों के साथ भी कुछ नया कर दिखाने का प्रयास ही जीत दिलाता है।
हममें से सभी को उन क्षेत्रों में इनोवेशन के लिए प्रयास करना चाहिए जिनसे हम जुड़े हैं। भले ही हम अपनी संस्था के लिए कुछ नया करें या फिर अपने जीवन में। अगर हम कुछ भी नया करने का प्रयास करेंगे तो उसका नतीजा हमारी खुशी के रूप में सामने आएगा। हम अपना महत्व समझेंगे और चीजों से जुड़ाव को महसूस कर सकेंगे। किसी संस्थान को अपने मूल लक्ष्य के साथ-साथ इसके लिए भी प्रयास करना ही चाहिए कि वहां लोग नयापन लाने के लिए कोशिश करें। नए प्रयोग करें।
अगर ऐसा किया जाता है तो हम पाएंगे कि उस संस्था में नया रचने का उत्साह दिखाई देने लगता है और वहां एक बढ़िया माहौल पैदा होता है। किसी संस्था में रिसर्च और नॉलेज मैनेजमेंट शाखा को इस बात का पता लगाना चाहिए कि संस्था के मिशन और विजन केवल एक रूटीन अभ्यास बनकर न रह जाएं बल्कि वे विचार के स्तर पर होने वाला अभ्यास हों। अगर ऐसा प्रयास नहीं होगा तो मिशन और विजन कभी पूरे नहीं होंगे।
लेकिन सिर्फ विचार ही सबकुछ नहीं है बल्कि कोई भी विचार वास्तविकता में बदलने लायक भी होना चाहिए। किसी भी विचार को कार्यरूप में कैसे बदलेंगे इसके लिए भी आपके पास एक योजना होना चाहिए। उदाहरण के लिए दांत का दर्द से गुजरने वाले व्यक्ति के लिए वह दर्द एक सचाई है।
ऐसे में कयास नहीं लगाए जा सकते बल्कि उसे राहत देना महत्वपूर्ण होता है। आशय है, सिर्फ कल्पना या बातें नहीं हों। कोई भी योजना ऐसी हो कि उसे कार्यरूप में बदला जा सके। आखिरकर किसी भी विचार का कार्यरूप में बदलना भी बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
किसी भी संस्था और संगठन की नीति ऐसी होना चाहिए कि सभी लोग उसके लिए काम करें न कि एक ढर्रे का पालन करें। अपनी रणनीति को लगातार बदलना, नॉलेज को लगातार अपडेट करना यह बहुत जरूरी होता है। यह एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। ऐसा नहीं है कि एक बार रणनीति बना दी और फिर हमेशा के लिए उससे मुक्ति पा ली जाए। यानी नएपन का महत्व यहां भी हमेशा बना रहता है।
इसके अलावा किसी भी संस्था में टीम भावना हमेशा होना चाहिए ताकि कर्मचारी अलग-अलग टुकडों में काम करने के बजाय समूह के रूप में अच्छा काम कर सकें। किसी भी संस्थान की स्थिति उसकी टीम से बेहतर होती है किसी एक व्यक्ति से नहीं। इसके अलावा संस्थान में उत्साहजनक वातावरण होना ही चाहिए।
ऐसे वातावरण में ही व्यक्ति बढ़िया प्रदर्शन कर पाता है। उत्साह से नए विचार आते हैं। ऐसा संस्थान जहां चीजें जम गई हों वहां नयापन नहीं दिखाई देता। यह उत्साह कैसे बनाया रखा जाए इसके लिए प्रयास करने चाहिए। उत्साह है तो ही इनोवेशन होगा।
हमारे जीवन में कुछ नया रचने या नया करने का महत्व हमेशा बना रहता है। अगर आप इसे (इनोवेशन) अपनी रचनात्मकता के साथ संभालते हैं तो आपका जीवन अधिक आनंददायक बनता है। आप का नजरिया कैसा है इसी से आप ऊंचाई हासिल करते हैं। अगर आप सबकुछ जानते हैं लेकिन कुछ नहीं करते तो वह ऐसे ही है कि आप कुछ भी नहीं जानते।
हमें इसे बहुत स्पष्ट शब्दों में समझने की जरूरत है कि 'अगर आप चीजों को उसी तरह करते रहते हैं जैसा कि पहले करते रहे हैं तो आप उतना ही पाएंगे जो पा चुके हैं।" इसलिए जीवन के हर क्षेत्र में कुछ नया करने की जरूरत होती है। जब आप नए प्रयोग करना छोड़ देते हैं तो आप चीजों को ढोने लगते हैं। वे आपको नई ऊंचाई भी नहीं देती।
एक छोटी-सी कहानी है। एक 10 वर्ष के बच्चे का बायां हाथ किसी दुर्घटना में जाता रहा और उसने अपने दाएं हाथ के सहारे ही जूडो सीखना शुरू किया। उसके गुरु ने उसे केवल एक वार सिखाया। तीन वर्षों तक धैर्य के साथ इसका अभ्यास करने के बाद उसने एक जूडो प्रतिस्पर्धा में भाग लिया और स्पर्धा जीत ली। उसने अपने गुरु से पूछा कि स्पर्धा में भाग लेने वाले
खिलाड़ी तरह-तरह से वार करना जानते थे जबकि उसे तो सिर्फ एक ही वार आता था फिर भी उसने सभी को परास्त कर दिया, कैसे? गुरु ने उत्तर दिया कि भले ही शारीरिक रूप से तुम पूर्ण नहीं थे लेकिन तुमने जो वार सीखा था उसकी काट के लिए प्रतिस्पर्धी को तुम्हारे बाएं हाथ को पकडना जरूरी था और इस तरह कमजोरी ही तुम्हारी ताकत बन गई। अगर हमारी कमजोरी ही हमारी ताकत बन जाए तो हम जीत सकते हैं। यही इनोवेशन है। अपनी कमजोरियों के साथ भी कुछ नया कर दिखाने का प्रयास ही जीत दिलाता है।
हममें से सभी को उन क्षेत्रों में इनोवेशन के लिए प्रयास करना चाहिए जिनसे हम जुड़े हैं। भले ही हम अपनी संस्था के लिए कुछ नया करें या फिर अपने जीवन में। अगर हम कुछ भी नया करने का प्रयास करेंगे तो उसका नतीजा हमारी खुशी के रूप में सामने आएगा। हम अपना महत्व समझेंगे और चीजों से जुड़ाव को महसूस कर सकेंगे। किसी संस्थान को अपने मूल लक्ष्य के साथ-साथ इसके लिए भी प्रयास करना ही चाहिए कि वहां लोग नयापन लाने के लिए कोशिश करें। नए प्रयोग करें।
अगर ऐसा किया जाता है तो हम पाएंगे कि उस संस्था में नया रचने का उत्साह दिखाई देने लगता है और वहां एक बढ़िया माहौल पैदा होता है। किसी संस्था में रिसर्च और नॉलेज मैनेजमेंट शाखा को इस बात का पता लगाना चाहिए कि संस्था के मिशन और विजन केवल एक रूटीन अभ्यास बनकर न रह जाएं बल्कि वे विचार के स्तर पर होने वाला अभ्यास हों। अगर ऐसा प्रयास नहीं होगा तो मिशन और विजन कभी पूरे नहीं होंगे।
लेकिन सिर्फ विचार ही सबकुछ नहीं है बल्कि कोई भी विचार वास्तविकता में बदलने लायक भी होना चाहिए। किसी भी विचार को कार्यरूप में कैसे बदलेंगे इसके लिए भी आपके पास एक योजना होना चाहिए। उदाहरण के लिए दांत का दर्द से गुजरने वाले व्यक्ति के लिए वह दर्द एक सचाई है।
ऐसे में कयास नहीं लगाए जा सकते बल्कि उसे राहत देना महत्वपूर्ण होता है। आशय है, सिर्फ कल्पना या बातें नहीं हों। कोई भी योजना ऐसी हो कि उसे कार्यरूप में बदला जा सके। आखिरकर किसी भी विचार का कार्यरूप में बदलना भी बहुत महत्वपूर्ण हिस्सा होता है।
किसी भी संस्था और संगठन की नीति ऐसी होना चाहिए कि सभी लोग उसके लिए काम करें न कि एक ढर्रे का पालन करें। अपनी रणनीति को लगातार बदलना, नॉलेज को लगातार अपडेट करना यह बहुत जरूरी होता है। यह एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। ऐसा नहीं है कि एक बार रणनीति बना दी और फिर हमेशा के लिए उससे मुक्ति पा ली जाए। यानी नएपन का महत्व यहां भी हमेशा बना रहता है।
इसके अलावा किसी भी संस्था में टीम भावना हमेशा होना चाहिए ताकि कर्मचारी अलग-अलग टुकडों में काम करने के बजाय समूह के रूप में अच्छा काम कर सकें। किसी भी संस्थान की स्थिति उसकी टीम से बेहतर होती है किसी एक व्यक्ति से नहीं। इसके अलावा संस्थान में उत्साहजनक वातावरण होना ही चाहिए।
ऐसे वातावरण में ही व्यक्ति बढ़िया प्रदर्शन कर पाता है। उत्साह से नए विचार आते हैं। ऐसा संस्थान जहां चीजें जम गई हों वहां नयापन नहीं दिखाई देता। यह उत्साह कैसे बनाया रखा जाए इसके लिए प्रयास करने चाहिए। उत्साह है तो ही इनोवेशन होगा।
Source: Spiritual News in Hindi & Rashifal 2014
No comments:
Post a Comment