Friday, 4 July 2014

It only vegetarian village

गुजरात का भावनगर शहर के नजदीक है जैन तीर्थ पलीताना शहर यह एक छोटा कस्बा है। यहां रहने वालों की चर्चा अमूमन यहां आने वाला हर व्यक्ति जरूर करता है क्योंकि यह देश का एकमात्र शहर है जहां शाकाहारी लोग रहते हैं।

यहां कई धर्मों के लोग रहते हैं जिनमें मुस्लिम और जैन धर्म को मानने वाले लोगों की तादात अन्य धर्मों की अपेक्षा अधिक है।

यहां रहने वाले जैन सन्यासी चाहते हैं कि सरकार भी इस कस्बे को शाकाहारी कस्बे का दर्जा दे। इस अनोखी मांग को लेकर करीब 200 जैन संन्यासी गुजरात सरकार यह मांग कर चुके हैं।

पलीताना के प्रशासनिक अधिकारी भी मानते हैं की यहां की जनसंख्या 65,000 है। जिसमें से 17,000 मुस्लिम हैं। यहां मुस्लिम धर्म को मानने वाले लोग भी अब शाकाहार को प्राथमिकता दे रहे हैं। शाकाहर का बढ़ावा देने के लिए पहले भी जैन संन्यासी विद्या सागर महाराज भी पहल कर चुके हैं।

करीब एक सप्ताह पहले ही पलीताना को हिंसा मुक्त शहर का दर्जा देने के लिए कई सामाजिक संगठनों ने सहमति प्रकट की है। यहां शाकाहार को बढ़ावा देने वाले इस आंदोलन की शुरूआत सन् 1999 से जारी है। जिसमें यहां के निवासियों ने कानूनी तौर पर लंबा अभियान चला चुके हैं।

जैन मुनियों की इस पहल को लेकर यहां का मुस्लिम वर्ग तैयार नहीं था पर धीरे-धीरे समय करवट लेता गया और जैन मुनियों के शाकाहार आंदोलन सहयोग देना शुरू कर दिया। आलम यह है कि यहां का हर घर आज शाकाहार को बढ़ावा दे रहा है।

इस क्षेत्र में रहने वाले मुस्लिम परिवार मानते हैं कि उन्हें नॉनवेज खाना जैसे अंडा, चिकिन खाना काफी पसंद है, पर यहां के लोगों का शाकाहार के प्रति बढ़ावा देखते हुए उन्होंने मांसाहर छोड़कर शाकाहारी बनना पसंद किया।

इसी तरह यहां कई साल पहले आईं एक इंग्लिश मीडियम स्कूल की प्रिसिंपल भी कहती हैं कि यहां आकर उनका पूरा परिवार शाकाहारी हो गया है।


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