Tuesday, 1 July 2014

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श्री अमरनाथ यात्रा के लिए 1458 श्रद्धालुओं का तीसरा जत्था बालटाल के लिए रवाना हुआ। यात्री निवास भगवती नगर से रविवार सुबह कड़े सुरक्षा प्रबंधों के बीच रवाना हुए जत्थे में 1097 पुरुष, 203 महिलाएं, 13 बच्चे और 145 साधु शामिल थे, जो 46 वाहनों में सवार होकर यात्रा पर रवाना हुए।

यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी शुरू हो गई है। पहलगाम के रास्ते यात्रा शुरू न होने पर श्रद्धालु बालटाल ट्रैक से यात्रा पर जा रहे हैं। प्रशासन ने साधुओं को भी यात्रा पर भेजना शुरू कर दिया है। हालांकि साधु यात्रा के पारंपरिक रूट पहलगाम से ही यात्रा पर जाते हैं, लेकिन तीसरे दिन साधुओं को यात्रा पर भेज दिया गया क्योंकि उनमें रोष व्याप्त था।

पहले दो दिन यात्री निवास में श्रद्धालुओं की संख्या कम होने के बाद अब भीड़ बढ़ने लगी है। अधिकतर श्रद्धालु यात्री निवास में पहुंचे बिना यात्रा पर रवाना हो रहे हैं। श्री अमरनाथ श्रईन बोर्ड के चेयरमैन राज्यपाल एनएन वोहरा सोमवार को पहलगाम रूट का जायजा लेकर फैसला करेंगे कि एक जुलाई से यात्रा शुरू होगी या नहीं। पहलगाम रूट पर अभी भारी बर्फ जमा है।

बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए 1458 श्रद्धालु रवाना-

बाबा अमरनाथ यात्रा के आधार शिविर यात्री निवास भगवती नगर में फैली अव्यवस्था से श्रद्धालुओं को भटकने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। प्रशासन की नाकामी से श्रद्धालु खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हैं। स्थिति यह है कि अगर कोई श्रद्धालु यात्री निवास से बाहर घूमने-फिरने या खाने-पीने के लिए बाहर जाता है तो फिर उसे अंदर प्रवेश करना मुश्किल हो जाता है।

शिरडी से आए पांच श्रद्धालुओं ने पंजीकरण स्लिप के साथ अंदर प्रवेश किया और स्लिप एक यात्री के पास थी। जब अन्य चार श्रद्धालु यात्री निवास से बाहर आए तो उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। हालांकि उन्होंने सुरक्षा कर्मियों से आग्रह किया कि उनके साथ आए चौथे यात्री के पास स्लिप है, लेकिन उन्हें अंदर प्रवेश नहीं करने दिया गया। कुछ यात्री मोबाइल का सिम कार्ड लेने के लिए बाहर आए तो उन्हें अंदर जाने नहीं दिया जा रहा था। ऐसा ही कुछ यात्री निवास में नजर आ रहा है।

यात्री निवास में तीन हजार से अधिक श्रद्धालुओं के ठहरने की व्यवस्था है और यात्रियों की संख्या कम है, लेकिन यात्री बाहर दरबदर हो रहे होते हैं। जिन श्रद्धालुओं का पंजीकरण नहीं हुआ है, उन्हें अंदर जाने की इजाजत नहीं है। कानपुर से आए श्रद्धालु भी परेशान दिखे। कुछ का करंट पंजीकरण हो गया और कइयों का नहीं हुआ है। ऐसे में उन्हें समझ नही आ रहा कि वे एक साथ यात्र कैसे करेंगे। वे फिर करंट पंजीकरण के लिए लाइन में लगेंगे। पंजीकरण में नंबर आएगा या नहीं, यह मालूम नहीं। उन श्रद्धालुओं को भी यात्री निवास में अंदर प्रवेश नही करने दिया जा रहा है, जिनका पंजीकरण एक दो दिन बाद का है। इस बारे में जम्मू के डिवीजनल कमिश्नर शांतमनु का कहना है कि निर्धारित तिथि वाले श्रद्धालुओं को ही एक दिन पहले अंदर प्रवेश करने की इजाजत है। बाबा अमरनाथ यात्रा के प्रबंधों का जायजा लेने के लिए मंत्री व प्रशासनिक अधिकारी यात्री निवास आते रहते हैं, लेकिन श्रद्धालुओं की परेशानी दूर नहीं हो रही है।

Source: Spiritual Hindi Stories & Rashifal 2014

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