जब हम अपना आशियाना बनाते हैं तो इसके लिए ईंट, पत्थर, बालू, लोहे की मदद से अपने आशियाने को सुंदर बनाते हैं। तब उस घर में वास्तु शास्त्र के नियमों का पालन करना आवश्यक हो जाता है।
ऐसे घर जिनमें वायु आर-पार होती है वहां वास्तु शास्त्र के नियम लागू नहीं होते हैं। यहां कुछ ऐसे ही वास्तु टिप्स हैं जिन्हें आजमाकर आप अपने आशियाने को सुंदर और खुशहाल बना सकते हैं।
भोजन हमेशा पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके खाना चाहिए।
जिस घर में सूर्य की किरणें और वायु प्रवेश नहीं करती वह शुभ नहीं होता है।
पूर्व में ऊंची भूमि पुत्र और धन का नाश करती है इसलिए ऐसी परिस्थिति में भूमि को समतल बनाकर ही घर बनाएं।
एक दीवार से मिले हुए दो मकान यमराज के समान गृहस्वामी का नाश करने वाले होते हैं। इसलिए भवन के चारों और मुख्य द्वार के सामने व पूछे कुछ जमीन छोड़ देना चाहिए।
घर के भीतर कोई पेड़ नहीं होना चाहिए। बड़े पेड़ के कारण उसकी जड़ में सांप, बिच्छू होने के कारण घर के स्वामी को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
मकान के किसी भी भाग को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए। यदि बढ़ाना हो तो सभी दिशाओं में समान रूप से आगे बढ़ाना चाहिए।
यदि मकान के किसी भी भाग को बढ़ाना अनिवार्य हो तो पूर्व या उत्तर की तरफ बड़ा सकते हैं। क्योंकि उसमें थोड़ा दोष होता है।
घर के अंदर मांसाहार पशुओं या पक्षियों के चित्र या पेंटिंग कभी भी नहीं लगाना चाहिए।
ध्यान रखें एक दूसरे को प्यार करते कबूतर, बच्चों को दाना खिलाती चि़ड़िया, घृणा, क्रोध और क्रूरता पैदा करना वाले चित्रों को कभी नहीं लगाना चाहिए।
ऐसे घर जिनमें वायु आर-पार होती है वहां वास्तु शास्त्र के नियम लागू नहीं होते हैं। यहां कुछ ऐसे ही वास्तु टिप्स हैं जिन्हें आजमाकर आप अपने आशियाने को सुंदर और खुशहाल बना सकते हैं।
भोजन हमेशा पूर्व या उत्तर की ओर मुंह करके खाना चाहिए।
जिस घर में सूर्य की किरणें और वायु प्रवेश नहीं करती वह शुभ नहीं होता है।
पूर्व में ऊंची भूमि पुत्र और धन का नाश करती है इसलिए ऐसी परिस्थिति में भूमि को समतल बनाकर ही घर बनाएं।
एक दीवार से मिले हुए दो मकान यमराज के समान गृहस्वामी का नाश करने वाले होते हैं। इसलिए भवन के चारों और मुख्य द्वार के सामने व पूछे कुछ जमीन छोड़ देना चाहिए।
घर के भीतर कोई पेड़ नहीं होना चाहिए। बड़े पेड़ के कारण उसकी जड़ में सांप, बिच्छू होने के कारण घर के स्वामी को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
मकान के किसी भी भाग को आगे नहीं बढ़ाना चाहिए। यदि बढ़ाना हो तो सभी दिशाओं में समान रूप से आगे बढ़ाना चाहिए।
यदि मकान के किसी भी भाग को बढ़ाना अनिवार्य हो तो पूर्व या उत्तर की तरफ बड़ा सकते हैं। क्योंकि उसमें थोड़ा दोष होता है।
घर के अंदर मांसाहार पशुओं या पक्षियों के चित्र या पेंटिंग कभी भी नहीं लगाना चाहिए।
ध्यान रखें एक दूसरे को प्यार करते कबूतर, बच्चों को दाना खिलाती चि़ड़िया, घृणा, क्रोध और क्रूरता पैदा करना वाले चित्रों को कभी नहीं लगाना चाहिए।
Source: Spiritual News & 2014 Ka Rashifal
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