सावन में सूखी रहने वाली नर्मदा नदी में इस समय भरपूर पानी है। दिन में ओंकारेश्वर बांध की 2 और रात में 4 से 5 टरबाइन चलाकर प्रतिदिन 208 मेगावॉट बिजली बनाई जा रही है। इधर भादौ में बारिश नहीं होने के बाद भी बांध से बिजली उत्पादन होने को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
लोगों का कहना है कि एक माह से बारिश नहीं हुई है, इसके बावजूद बिजली उत्पादन किया जा रहा है। बीते चार माह में बांध प्रशासन ने नर्मदा की जलधारा को रोककर पूर्ण रूप से बंद कर सुखा दिया था। बांध से पानी रोकने के कारण ओंकारेश्वर, सनावद, बड़वाह, महेश्वर में भीषण जलसंकट उत्पन्ना हो गया था। नर्मदा में पानी छोड़ने की मांग मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तक पहुंची थी। इसके बावजूद बांध से पानी नहीं छोड़ा गया। प्रशासन यह कहता रहा कि ओकारेश्वर-इंदिरासागर बांध में पानी नहीं है इसलिए यह संभव नहीं है।
आक्रोश व्यक्त किया
ओंकारेश्वर नर्मदा रक्षा मंच के प्रदीप ठाकुर का कहना है कि बांध प्रशासन सिर्फ बिजली उत्पादन के समय ही नर्मदा में पानी छोड़ सकता है। सावन में आए लाखों श्रद्धालुओं को नर्मदा में स्नान करने के लिए पानी तक नसीब नहीं हो सका। वहीं घाटों पर पानी नहीं होने से स्नान करने आए 6 लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत भी हो चुकी है। इस समय बारिश नहीं होने के बावजूद बिजली उत्पादन जारी है। आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा सूखे का संकट बना हुआ है, ऐसे में बांध में अचानक पानी कहां से आ गया है।-निप्र
छोड़ा जा रहा नर्मदा में पानी
ओंकारेश्वर बांध से दिन में दो टरबाइनों को चलाकर 950 क्यूमैक्स पानी नर्मदा में छोड़ा जा रहा है। रात्रि में बिजली की अधिक मांग होने पर 4 से अधिक टरबाइनों को भी शुरू कर दिया जाता है। नर्मदा में पर्याप्त पानी होने से सोमवती अमावस्या पर किसी भी प्रकार की घटना नहीं हुई।
- जगदीश गुहा, सीएमओ नगर पंचायत ओंकारेश्वर
लोगों का कहना है कि एक माह से बारिश नहीं हुई है, इसके बावजूद बिजली उत्पादन किया जा रहा है। बीते चार माह में बांध प्रशासन ने नर्मदा की जलधारा को रोककर पूर्ण रूप से बंद कर सुखा दिया था। बांध से पानी रोकने के कारण ओंकारेश्वर, सनावद, बड़वाह, महेश्वर में भीषण जलसंकट उत्पन्ना हो गया था। नर्मदा में पानी छोड़ने की मांग मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान तक पहुंची थी। इसके बावजूद बांध से पानी नहीं छोड़ा गया। प्रशासन यह कहता रहा कि ओकारेश्वर-इंदिरासागर बांध में पानी नहीं है इसलिए यह संभव नहीं है।
आक्रोश व्यक्त किया
ओंकारेश्वर नर्मदा रक्षा मंच के प्रदीप ठाकुर का कहना है कि बांध प्रशासन सिर्फ बिजली उत्पादन के समय ही नर्मदा में पानी छोड़ सकता है। सावन में आए लाखों श्रद्धालुओं को नर्मदा में स्नान करने के लिए पानी तक नसीब नहीं हो सका। वहीं घाटों पर पानी नहीं होने से स्नान करने आए 6 लोगों की नर्मदा में डूबने से मौत भी हो चुकी है। इस समय बारिश नहीं होने के बावजूद बिजली उत्पादन जारी है। आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा सूखे का संकट बना हुआ है, ऐसे में बांध में अचानक पानी कहां से आ गया है।-निप्र
छोड़ा जा रहा नर्मदा में पानी
ओंकारेश्वर बांध से दिन में दो टरबाइनों को चलाकर 950 क्यूमैक्स पानी नर्मदा में छोड़ा जा रहा है। रात्रि में बिजली की अधिक मांग होने पर 4 से अधिक टरबाइनों को भी शुरू कर दिया जाता है। नर्मदा में पर्याप्त पानी होने से सोमवती अमावस्या पर किसी भी प्रकार की घटना नहीं हुई।
- जगदीश गुहा, सीएमओ नगर पंचायत ओंकारेश्वर
No comments:
Post a Comment