प्रतिष्ठित सिंधिया स्कूल में कक्षा 9वीं के छात्र और बिहार के सहकारिता मंत्री जयकुमार सिंह के बेटे आदर्श सिंह के साथ सीनियर्स कई दिनों तक रैगिंग करते रहे। रैगिंग की वजह से ही 13 वर्षीय आदर्श ने खुदकुशी की कोशिश की। उसने रैगिंग की शिकायत स्कूल प्रबंधन से भी की थी, बावजूद इसके आरोपी छात्रों और स्कूल स्टॉफ के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसका खुलासा प्रशासनिक जांच में हुआ है। तीन सौ पेज की रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि स्कूल प्रबंधन ने मामले को छुपाने की पूरी कोशिश की। एसएसपी संतोष सिंह को रिपोर्ट भेजकर आरोपी छात्रों और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ एफआइआर दर्ज करने के लिए कहा गया है।
सोमवार को पत्रकार वार्ता में कलेक्टर पी. नरहरि ने बताया कि सिंधिया स्कूल के जिस महादजी हाउस हॉस्टल में आदर्श रह रहा था, वहां के हाउस मास्टर और क्लॉस टीचर को उसने सबसे पहले रैगिंग की जानकारी दी थी। लेकिन उन्होंने आदर्श की शिकायत को अनसुना कर दिया। उसके बाद उसने स्कूल प्रबंधन से भी शिकायत की पर कोई फायदा नहीं हुई। इससे सीनियर्स को बढ़ावा मिला और उन्होंने आदर्श को पहले से भी अधिक तंग करना शुरू कर दिया। नतीजतन आदर्श ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की।
फेसबुक को लेकर हुआ विवाद
कलेक्टर ने बताया कि सिंधिया स्कूल में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है। आदर्श के पास मोबाइल फोन था जिससे वह अपनी फोटो फेसबुक पर अपलोड कर रहा था। इसकी भनक जैसे ही कक्षा 12वीं में पढ़ने वाले कुछ छात्रों को लगी, वे भी अपनी फोटो फेसबुक पर अपलोड करने के लिए आदर्श से फोन देने की मांग करने लगे। इन्कार करने पर सीनियर्स ने आदर्श को तरह-तरह से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
इन नौ बिंदुओं पर मांगा जवाब
1. रैगिंग रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित की गई गाइडलाइन का पालन सिंधिया स्कूल में क्यों नहीं हो रहा था?
2. सीबीएसई के चेयरमैन विनीत जोशी ने 14 जुलाई, 2009 को ही सभी सीबीएसई स्कूलों को सर्कुलर जारी कर रैगिंग रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश जारी किए थे। आखिर उन निर्देशों का पालन यहां क्यों नहीं हुआ?
3. पहले भी सिंधिया स्कूल में रैगिंग की घटनाएं हो चुकी थी तो अब तक स्कूल में एंटी रैगिंग कमेटी का गठन क्यों नहीं किया गया?
4. रैगिंग रोकने के लिए जिस अनुशासन समिति के मौजूद होने की बात स्कूल प्रबंधन ने कही, क्या वह समिति नियमित तौर पर रैगिंग के संबंध में मीटिंग करने या निर्देश जारी करने का कोई काम करती थी।
5. पीड़ित छात्र ने जब पहले ही रैगिंग की सूचना दे दी थी तो तत्काल कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया?
6. घटना के दिन ही पुलिस और प्रशासन को इस संबंध में कोई सूचना क्यों नहीं दी गई?
7. घटना के एक दिन बाद बहोड़ापुर थाने में अंग्रेजी भाषा में पत्र भेजकर सिर्फ सूचना देना, स्कूल प्रबंधन का औपचारिकपूर्ण रवैया अपनाना दर्शाता है।
8. क्या स्कूल में रैगिंग रोकने संबंधी कोई डिस्प्ले बोर्ड लगाया गया है?
9. घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ स्कूल प्रबंधन ने अभी तक क्या कोई एक्शन लिया है? स्कूल में भविष्य में रैगिंग जैसी शर्मनाक घटनाओं को रोकने के लिए क्या कोई प्रभावी कदम उठाए गए हैं?
सिंधिया स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी कर मंगलवार तक जवाब पेश करने को कहा है। जवाब आने के बाद प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई तय की जाएगी।
सोमवार को पत्रकार वार्ता में कलेक्टर पी. नरहरि ने बताया कि सिंधिया स्कूल के जिस महादजी हाउस हॉस्टल में आदर्श रह रहा था, वहां के हाउस मास्टर और क्लॉस टीचर को उसने सबसे पहले रैगिंग की जानकारी दी थी। लेकिन उन्होंने आदर्श की शिकायत को अनसुना कर दिया। उसके बाद उसने स्कूल प्रबंधन से भी शिकायत की पर कोई फायदा नहीं हुई। इससे सीनियर्स को बढ़ावा मिला और उन्होंने आदर्श को पहले से भी अधिक तंग करना शुरू कर दिया। नतीजतन आदर्श ने फांसी लगाकर आत्महत्या करने की कोशिश की।
फेसबुक को लेकर हुआ विवाद
कलेक्टर ने बताया कि सिंधिया स्कूल में मोबाइल फोन के इस्तेमाल पर प्रतिबंध है। आदर्श के पास मोबाइल फोन था जिससे वह अपनी फोटो फेसबुक पर अपलोड कर रहा था। इसकी भनक जैसे ही कक्षा 12वीं में पढ़ने वाले कुछ छात्रों को लगी, वे भी अपनी फोटो फेसबुक पर अपलोड करने के लिए आदर्श से फोन देने की मांग करने लगे। इन्कार करने पर सीनियर्स ने आदर्श को तरह-तरह से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया।
इन नौ बिंदुओं पर मांगा जवाब
1. रैगिंग रोकने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित की गई गाइडलाइन का पालन सिंधिया स्कूल में क्यों नहीं हो रहा था?
2. सीबीएसई के चेयरमैन विनीत जोशी ने 14 जुलाई, 2009 को ही सभी सीबीएसई स्कूलों को सर्कुलर जारी कर रैगिंग रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने के निर्देश जारी किए थे। आखिर उन निर्देशों का पालन यहां क्यों नहीं हुआ?
3. पहले भी सिंधिया स्कूल में रैगिंग की घटनाएं हो चुकी थी तो अब तक स्कूल में एंटी रैगिंग कमेटी का गठन क्यों नहीं किया गया?
4. रैगिंग रोकने के लिए जिस अनुशासन समिति के मौजूद होने की बात स्कूल प्रबंधन ने कही, क्या वह समिति नियमित तौर पर रैगिंग के संबंध में मीटिंग करने या निर्देश जारी करने का कोई काम करती थी।
5. पीड़ित छात्र ने जब पहले ही रैगिंग की सूचना दे दी थी तो तत्काल कोई एक्शन क्यों नहीं लिया गया?
6. घटना के दिन ही पुलिस और प्रशासन को इस संबंध में कोई सूचना क्यों नहीं दी गई?
7. घटना के एक दिन बाद बहोड़ापुर थाने में अंग्रेजी भाषा में पत्र भेजकर सिर्फ सूचना देना, स्कूल प्रबंधन का औपचारिकपूर्ण रवैया अपनाना दर्शाता है।
8. क्या स्कूल में रैगिंग रोकने संबंधी कोई डिस्प्ले बोर्ड लगाया गया है?
9. घटना के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ स्कूल प्रबंधन ने अभी तक क्या कोई एक्शन लिया है? स्कूल में भविष्य में रैगिंग जैसी शर्मनाक घटनाओं को रोकने के लिए क्या कोई प्रभावी कदम उठाए गए हैं?
सिंधिया स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी कर मंगलवार तक जवाब पेश करने को कहा है। जवाब आने के बाद प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई तय की जाएगी।
Source: Chhattisgarh Hindi News & MP Hindi News
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