मानसून के कमजोर पड़ने के बाद पैदा हुआ बिजली का संकट और अधिक गहराने जा रहा है। एमपी पावर जनरेशन कंपनी ने सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी (सीईए) के अलर्ट के बाद प्रदेश के 15 में से 7 हाइडल प्रोजेक्ट से उत्पादन बंद कर दिया है, जिससे मांग और आपूर्ति में अंतर कई गुना बढ़ गया है। सीईए के मुताबिक इस साल कमजोर मानूसन के चलते मध्यप्रदेश सहित देश के तमाम राज्याें के प्रमुख जलाशय पूरी तरह से नहीं भरे हैं।वहीं कटौती का प्लान भी बना लिया गया है।
इस स्थिति में यदि हाइडल प्लांटाें को चालू रखा गया तो सिंचाई के लिए पानी का संकट हो सकता है। प्रदेश की 9 प्रमुख थर्मल इकाइयां पहले से बंद हैं जिसके चलते 5400 मेगावाट बिजली की मांग के मुकाबले घरेलू उत्पादन 2197 मेगावाट पर है। मांग और आपूर्ति के अंतर को पाटने सेंट्रल ग्रिड और निजी सेक्टर से लगभग तीन हजार मेगावाट बिजली खरीदी जा रही है बावजूद प्रदेश में अघोषित कटौती की स्थिति बनी हुई है।
महंगी पड़ी मेंटनेंस पॉलिसी
मानसून के सीजन में थर्मल इकाइयों को वार्षिक रखरखाव के लिए बंद करते हैं और बिजली की कमी हाइडल प्रोजेक्ट से पूरा करते हैं। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी की ये पॉलिसी लोगों को महंगी पड़ रही है। प्रदेश के चार प्रमुख थर्मल पावर प्लांटों में स्थापित 9 इकाइयां बंद हैं। इनमें 6 को रखरखाव के लिए बंद रखा गया है, सिंगाजी की एक इकाई 15 जुलाई से तकनीकी वजहों से बंद है जबकि 2 कोल शॉर्टेज के कारण।
हाईडल प्रोडक्शन एक नजर में
प्लांट जलस्तर मीटर क्षमता मेवा उत्पादन
गांधीसागर 1299.75 115 0
राणा प्रताप सागर 1155.23 172 43
जवाहर सागर 976.20 99 33
पेंच 484.92 160 0
बरगी 422.20 90 89
टोंस 279.10 315 84
बिरसिंहपुर 476.28 20 0
राजघाट 369.75 45 41
बाणसागर 339.91 60 0
सिलपरा 340 30 0
जिन्ना नहर 340 20 0
मढ़िखेड़ा 343.70 60 0
इंदिरासागर 258.51 1000 133
ओंकारेश्वर 189.0 520 52
सरदार सरोवर 121.06 1450 311
थर्मल प्रोडक्शन की स्थिति
प्लांट क्षमता उत्पादन बंद इकाइयां
सतपुड़ा 1330 591 3
संजय गांधी प्लांट 1340 749 3
अमरकंटक प्लांट 450 71 2
श्रीसिंगाजी स्टेशन 600 0 1
निजी सेक्टर से खरीदी
प्लांट खरीदी मेवा
आईएसजीएस 1716
दामोदर वैली कार्पो. 265
रिहंद माता 29
टोरंटो 22
सासन रिलांयस 897
इनका कहना है
केंद्रीय जल संसाधन विभाग के निर्देशन में हाइडल प्रोजेक्ट चालू और बंद किए जाते हैं। तकनीकी वजहों से बंद थर्मल इकाइयों को जल्द शुरू कर लिया जाएगा।
- विजेंद्र नानावटी, एमडी, पावर जनरेशन
इस स्थिति में यदि हाइडल प्लांटाें को चालू रखा गया तो सिंचाई के लिए पानी का संकट हो सकता है। प्रदेश की 9 प्रमुख थर्मल इकाइयां पहले से बंद हैं जिसके चलते 5400 मेगावाट बिजली की मांग के मुकाबले घरेलू उत्पादन 2197 मेगावाट पर है। मांग और आपूर्ति के अंतर को पाटने सेंट्रल ग्रिड और निजी सेक्टर से लगभग तीन हजार मेगावाट बिजली खरीदी जा रही है बावजूद प्रदेश में अघोषित कटौती की स्थिति बनी हुई है।
महंगी पड़ी मेंटनेंस पॉलिसी
मानसून के सीजन में थर्मल इकाइयों को वार्षिक रखरखाव के लिए बंद करते हैं और बिजली की कमी हाइडल प्रोजेक्ट से पूरा करते हैं। एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी की ये पॉलिसी लोगों को महंगी पड़ रही है। प्रदेश के चार प्रमुख थर्मल पावर प्लांटों में स्थापित 9 इकाइयां बंद हैं। इनमें 6 को रखरखाव के लिए बंद रखा गया है, सिंगाजी की एक इकाई 15 जुलाई से तकनीकी वजहों से बंद है जबकि 2 कोल शॉर्टेज के कारण।
हाईडल प्रोडक्शन एक नजर में
प्लांट जलस्तर मीटर क्षमता मेवा उत्पादन
गांधीसागर 1299.75 115 0
राणा प्रताप सागर 1155.23 172 43
जवाहर सागर 976.20 99 33
पेंच 484.92 160 0
बरगी 422.20 90 89
टोंस 279.10 315 84
बिरसिंहपुर 476.28 20 0
राजघाट 369.75 45 41
बाणसागर 339.91 60 0
सिलपरा 340 30 0
जिन्ना नहर 340 20 0
मढ़िखेड़ा 343.70 60 0
इंदिरासागर 258.51 1000 133
ओंकारेश्वर 189.0 520 52
सरदार सरोवर 121.06 1450 311
थर्मल प्रोडक्शन की स्थिति
प्लांट क्षमता उत्पादन बंद इकाइयां
सतपुड़ा 1330 591 3
संजय गांधी प्लांट 1340 749 3
अमरकंटक प्लांट 450 71 2
श्रीसिंगाजी स्टेशन 600 0 1
निजी सेक्टर से खरीदी
प्लांट खरीदी मेवा
आईएसजीएस 1716
दामोदर वैली कार्पो. 265
रिहंद माता 29
टोरंटो 22
सासन रिलांयस 897
इनका कहना है
केंद्रीय जल संसाधन विभाग के निर्देशन में हाइडल प्रोजेक्ट चालू और बंद किए जाते हैं। तकनीकी वजहों से बंद थर्मल इकाइयों को जल्द शुरू कर लिया जाएगा।
- विजेंद्र नानावटी, एमडी, पावर जनरेशन
Source: MP News in Hindi & Chhattisgarh Hindi News
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