लक्जरी कारों और शान-ओ-शौकत का जीवन बिता रहे शहरी क्षेत्र के आसपास के किसानों पर अब आयकर विभाग की नजर है। छत्तीसगढ़ में तेजी से बढ़ रहे शहरों के कारण किसानों की जमीन के दाम चौगुने बढ़ गए। जमीन बेचकर किसान तो करोड़पति हो गए, लेकिन आयकर जमा करने में पीछे हैं। शहरी क्षेत्र के आसपास के ऐसे एक हजार से ज्यादा किसानों को टैक्स जमा करने का नोटिस भेजी गई है।
आयकर विभाग के इन्वेस्टिगेशन विंग के आला अधिकारियों के अनुसार प्रमुख शहरों के आसपास रहने वाले किसानों को नोटिस दी गई है। इसमें राजधानी रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, कोरबा, रायगढ़ के आसपास के लगभग एक हजार किसान शामिल हैं।
बढ़ गए जमीन के दाम
आयकर विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बड़े शहरों की जमीन के दाम चार गुना ज्यादा बढ़ गए हैं। सरकार ने भी जमीन की खरीदी-बिक्री पर दिए जाने वाली पंजीयन राशि में बढ़ोतरी की है। इसको आधार बनाकर किसानों से आयकर वसूली की जा रही है। आयकर विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार छह महीने पहले शराब कारोबारी सुभाष शर्मा के संस्थान में छापे के समय इस बात का खुलासा हुआ था कि गरीब किसानों के नाम से करोड़ों की जमीन खरीदी गई थी।
इसमें यह बात भी सामने आई थी कि यह जमीन बड़े शहरों के आसपास के इलाकों में छोटे किसानों के बड़े कारोबारियों ने खरीदी है। इसके बाद से आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने बड़े शहरों के आसपास हुए जमीन के सौदों की जांच-पड़ताल की। इन बड़े किसानों के खिलाफ आयकर व स्टाम्प ड्यूटी चोरी के मामलों में शिकंजा कसने की तैयारी की गई है।
शहर के आठ किमी का दायरा
आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आमतौर पर कृषि भूमि बताकर टैक्स में बड़े पैमाने पर चोरी की जाती है। इसकी शिकायत आयकर विभाग को मिलती है और आयकर विभाग का दस्ता भी इन मामलों पर नजर रखे होता है। इसके आधार पर कार्रवाई की जाती है। संयुक्त आयकर निदेशक इन्वेस्टिगेशन संजय कुमार ने बताया कि शहर के आठ किलोमीटर के दायरे में आने वाले किसानों को भी टैक्स देना होता है।
इसमें खरीदी और बिक्री के अंतर पर टैक्स जमा करना होता है। पिछले छह महीने में बहुत से बड़े किसानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिसमें किसानों ने टैक्स चोरी को स्वीकार किया है। इन किसानों ने टैक्स जमा भी किया है।
आयकर विभाग के इन्वेस्टिगेशन विंग के आला अधिकारियों के अनुसार प्रमुख शहरों के आसपास रहने वाले किसानों को नोटिस दी गई है। इसमें राजधानी रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, कोरबा, रायगढ़ के आसपास के लगभग एक हजार किसान शामिल हैं।
बढ़ गए जमीन के दाम
आयकर विभाग के अधिकारियों के अनुसार, बड़े शहरों की जमीन के दाम चार गुना ज्यादा बढ़ गए हैं। सरकार ने भी जमीन की खरीदी-बिक्री पर दिए जाने वाली पंजीयन राशि में बढ़ोतरी की है। इसको आधार बनाकर किसानों से आयकर वसूली की जा रही है। आयकर विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार छह महीने पहले शराब कारोबारी सुभाष शर्मा के संस्थान में छापे के समय इस बात का खुलासा हुआ था कि गरीब किसानों के नाम से करोड़ों की जमीन खरीदी गई थी।
इसमें यह बात भी सामने आई थी कि यह जमीन बड़े शहरों के आसपास के इलाकों में छोटे किसानों के बड़े कारोबारियों ने खरीदी है। इसके बाद से आयकर विभाग की इन्वेस्टिगेशन विंग ने बड़े शहरों के आसपास हुए जमीन के सौदों की जांच-पड़ताल की। इन बड़े किसानों के खिलाफ आयकर व स्टाम्प ड्यूटी चोरी के मामलों में शिकंजा कसने की तैयारी की गई है।
शहर के आठ किमी का दायरा
आयकर विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आमतौर पर कृषि भूमि बताकर टैक्स में बड़े पैमाने पर चोरी की जाती है। इसकी शिकायत आयकर विभाग को मिलती है और आयकर विभाग का दस्ता भी इन मामलों पर नजर रखे होता है। इसके आधार पर कार्रवाई की जाती है। संयुक्त आयकर निदेशक इन्वेस्टिगेशन संजय कुमार ने बताया कि शहर के आठ किलोमीटर के दायरे में आने वाले किसानों को भी टैक्स देना होता है।
इसमें खरीदी और बिक्री के अंतर पर टैक्स जमा करना होता है। पिछले छह महीने में बहुत से बड़े किसानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जिसमें किसानों ने टैक्स चोरी को स्वीकार किया है। इन किसानों ने टैक्स जमा भी किया है।
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