महिला पार्षद से अभद्रता के मामले में नपा सीएमओ के विरूद्ध एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने से गुरूवार को विधायक देवती कर्मा ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सैकड़ों समर्थकों के साथ थाने पहुंची विधायक ने एफआईआर की मांग की। जिससे पुलिस ने जांच के बाद रिपोर्ट दर्ज करने की बात कही। इससे नाराज होकर विधायक थाने के सामने मुख्यमार्ग पर धरने पर बैठ गई।
इससे जाम की स्थिति निर्मित हो गई। वहीं इस मामले में जब प्रशासन की तरफ से एसडीएम शिव कुमार तिवारी ने हस्तक्षेप किया तो स्थिति और तनावपूर्ण बन गई। एसडीएम द्वारा विधायक की गिरफ्तारी के आदेश के बाद प्रदर्शन में शामिल सैकड़ों समर्थक आक्रोशित हो गए।
पुलिस के साथ समर्थकों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इससे माहौल और गर्मा गया। प्रशासन व पुलिस की इस एकतरफा कार्रवाई से नाराज विधायक ने भी धरने से उठने इंकार कर दिया। अंतत: उच्चाधिकारियों से चर्चा के बाद एसडीएम को गिरफ्तार का आदेश रद्द करना पड़ा, इससे पूर्व विधायक समेत उनके समर्थकों को जेल दाखिल करने की तैयार पुलिस व प्रशासन कर चुकी थी।
करीब 5 घंटे तक विधायक समर्थकों के साथ मौजूद रही और अंत में एसडीओपी मिर्जा जियारत बेग ने उच्चाधिकारियों के निर्देश पर गवाहों के बयान लेने के बाद एफआईआर दर्ज करने की बात कही। इस पर विधायक ने दो दिन के अंदर एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने पर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
विदित हो कि बुधवार को नगर की सफाई व्यवस्था को लेकर कांग्रेसियों ने रैली निकालकर नगर पालिका का घेराव कर दिया था। इसी बीच सीएमओ द्वारा वार्ड क्रमांक एक की महिला पार्षद आयती बाई के साथ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया था। इन्हीं सब बातों को लेकर कांग्रेसी आक्रोशित हो गए और सीएमओ के साथ झुमा-झटकी हो गई।
इस मामले की लिखित शिकायत थाने में दर्ज में की गई थी, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया। वहीं सीएमओ की शिकायत पर पुलिस ने कांग्रेसियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। इसे एकतरफा कार्रवाई मानकर गुरूवार को बचेली पहुंची विधायक ने पुलिस के समक्ष एफआईआर दर्ज करने की मांग की ।
विधायक के धरने के चलते करीब एक घंटे तक मुख्यमार्ग पर वाहनों के पहिए थमे हुए थे। मीडिया से चर्चा में विधायक ने आरोप लगाया कि सीएमओ को बचाने प्रशासन पर ऊपर से दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी आदिवासी महिला पार्षद के साथ सीएमओ द्वारा अभद्र व्यवहार निंदनीय है ।
सीएमओ ने लगाए गंभीर आरोप
पार्षदों और सीएमओ में झुमाझटकी के बाद पार्षदों के विरूद्ध सीएमओ ने संगीन आरोप लगाए है। लिखित में शिकायत पर पुलिस एफआईआर भी दर्ज कर चुकी है। इसी बात से गुरूवार को पुलिस को विधायक और उनके समर्थकों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। सीएमओ द्वारा महिला पार्षद आयतीबाई समेत अन्य लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने, अभद्र व्यवहार, जान से मारने की धमकी के आरोप लगाए गए थे। लिखित शिकायत पर पुलिस ने मामला पंजीबद्ध किया है।
इससे जाम की स्थिति निर्मित हो गई। वहीं इस मामले में जब प्रशासन की तरफ से एसडीएम शिव कुमार तिवारी ने हस्तक्षेप किया तो स्थिति और तनावपूर्ण बन गई। एसडीएम द्वारा विधायक की गिरफ्तारी के आदेश के बाद प्रदर्शन में शामिल सैकड़ों समर्थक आक्रोशित हो गए।
पुलिस के साथ समर्थकों ने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरू कर दी। इससे माहौल और गर्मा गया। प्रशासन व पुलिस की इस एकतरफा कार्रवाई से नाराज विधायक ने भी धरने से उठने इंकार कर दिया। अंतत: उच्चाधिकारियों से चर्चा के बाद एसडीएम को गिरफ्तार का आदेश रद्द करना पड़ा, इससे पूर्व विधायक समेत उनके समर्थकों को जेल दाखिल करने की तैयार पुलिस व प्रशासन कर चुकी थी।
करीब 5 घंटे तक विधायक समर्थकों के साथ मौजूद रही और अंत में एसडीओपी मिर्जा जियारत बेग ने उच्चाधिकारियों के निर्देश पर गवाहों के बयान लेने के बाद एफआईआर दर्ज करने की बात कही। इस पर विधायक ने दो दिन के अंदर एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने पर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन की चेतावनी दी है।
विदित हो कि बुधवार को नगर की सफाई व्यवस्था को लेकर कांग्रेसियों ने रैली निकालकर नगर पालिका का घेराव कर दिया था। इसी बीच सीएमओ द्वारा वार्ड क्रमांक एक की महिला पार्षद आयती बाई के साथ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग किया गया था। इन्हीं सब बातों को लेकर कांग्रेसी आक्रोशित हो गए और सीएमओ के साथ झुमा-झटकी हो गई।
इस मामले की लिखित शिकायत थाने में दर्ज में की गई थी, लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं किया। वहीं सीएमओ की शिकायत पर पुलिस ने कांग्रेसियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर ली थी। इसे एकतरफा कार्रवाई मानकर गुरूवार को बचेली पहुंची विधायक ने पुलिस के समक्ष एफआईआर दर्ज करने की मांग की ।
विधायक के धरने के चलते करीब एक घंटे तक मुख्यमार्ग पर वाहनों के पहिए थमे हुए थे। मीडिया से चर्चा में विधायक ने आरोप लगाया कि सीएमओ को बचाने प्रशासन पर ऊपर से दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारी आदिवासी महिला पार्षद के साथ सीएमओ द्वारा अभद्र व्यवहार निंदनीय है ।
सीएमओ ने लगाए गंभीर आरोप
पार्षदों और सीएमओ में झुमाझटकी के बाद पार्षदों के विरूद्ध सीएमओ ने संगीन आरोप लगाए है। लिखित में शिकायत पर पुलिस एफआईआर भी दर्ज कर चुकी है। इसी बात से गुरूवार को पुलिस को विधायक और उनके समर्थकों के आक्रोश का सामना करना पड़ा। सीएमओ द्वारा महिला पार्षद आयतीबाई समेत अन्य लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने, अभद्र व्यवहार, जान से मारने की धमकी के आरोप लगाए गए थे। लिखित शिकायत पर पुलिस ने मामला पंजीबद्ध किया है।
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