कांग्रेस के टिकट पर मैहर से विधानसभा चुनाव में जीते नारायण त्रिपाठी का कहना है कि मैंने कांग्रेस नहीं छोड़ी है। अगर विधायक अजय सिंह के पास ऐसा कोई प्रमाण है कि मैंने लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी के पक्ष में काम किया है तो सार्वजनिक करें। मेरे बीजेपी के महामंत्री अरविंद मेनन से पारिवारिक रिश्ते हैं और आज भी मैं उनसे बीजेपी ऑफिस में मुलाकात करने गया।
विधानसभा सचिवालय से दलबदल कानून का नोटिस मिलने के बाद नारायण त्रिपाठी गुरुवार को विधानसभा पहुंचे थे और वहां उन्होंने मीडिया से चर्चा में इन तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने विधानसभा के प्रमुख सचिव भगवान देव इसरानी से एक महीने का समय मांगा है। उन्हें यह नोटिस 24 अगस्त को मिल गया था।
त्रिपाठी ने अजय सिंह पर तीखे प्रहार किए और कहा कि उन्होंने ब्राह्मण और क्षत्रिय राजनीति को पनपने नहीं दिया है। वे कांग्रेस नहीं हैं और मैं आज भी कांग्रेस में ही हूं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मैं सबके सामने मिलता हूं, दूसरों जैसे नहीं जो छिपकर मुलाकात करते हैं। मेरी जो मुलाकात होती है वह क्षेत्र के विकास के मुद्दों को लेकर होती है। उनके साथ मंच साझा करना गौरव की बात है।
गौरतलब है कि विधानसभा सचिवालय ने दलबदल कानून का नोटिस कांग्रेस विधायक सुखेंद्र सिंह बना व यादवेंद्र सिंह की याचिका को लेकर जारी किया गया है। ये नोटिस त्रिपाठी के अलावा जतारा से कांग्रेस विधायक दिनेश अहिरवार को भी जारी किया गया है लेकिन अभी उन्होंने न तो इसका जवाब विधानसभा को दिया है और न ही उन्होंने विधानसभा के अधिकारियों से मुलाकात ही की है।
विधानसभा सचिवालय से दलबदल कानून का नोटिस मिलने के बाद नारायण त्रिपाठी गुरुवार को विधानसभा पहुंचे थे और वहां उन्होंने मीडिया से चर्चा में इन तमाम मुद्दों पर अपनी बात रखी। उन्होंने विधानसभा के प्रमुख सचिव भगवान देव इसरानी से एक महीने का समय मांगा है। उन्हें यह नोटिस 24 अगस्त को मिल गया था।
त्रिपाठी ने अजय सिंह पर तीखे प्रहार किए और कहा कि उन्होंने ब्राह्मण और क्षत्रिय राजनीति को पनपने नहीं दिया है। वे कांग्रेस नहीं हैं और मैं आज भी कांग्रेस में ही हूं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से मैं सबके सामने मिलता हूं, दूसरों जैसे नहीं जो छिपकर मुलाकात करते हैं। मेरी जो मुलाकात होती है वह क्षेत्र के विकास के मुद्दों को लेकर होती है। उनके साथ मंच साझा करना गौरव की बात है।
गौरतलब है कि विधानसभा सचिवालय ने दलबदल कानून का नोटिस कांग्रेस विधायक सुखेंद्र सिंह बना व यादवेंद्र सिंह की याचिका को लेकर जारी किया गया है। ये नोटिस त्रिपाठी के अलावा जतारा से कांग्रेस विधायक दिनेश अहिरवार को भी जारी किया गया है लेकिन अभी उन्होंने न तो इसका जवाब विधानसभा को दिया है और न ही उन्होंने विधानसभा के अधिकारियों से मुलाकात ही की है।
Source: Chhattisgarh News & MP Hindi News
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