हाईवे से गुजरने वाले हजारों वाहनों में सवार लोगों की जान की फिक्र एनएचएआई को नहीं है। तीन दिन पूर्व हुई बारिश में दो जगहों से हाईवे के किनारे की मिट्टी बह गई। आम तौर पर वाहन चला रहे व्यक्ति को देखने पर लगता है कि हाईवे ठीक है, लेकिन हकीकत में हाईवे इन जगहों पर खोखला हो गया है। यानी अगर कोई वाहन धोखे से भी इस खोखले हाईवे से गुजरता है तो वह सीधे बीहड़ की गहरी खाईयों में जा गिरेगा।
बाबा देवपुरी मंदिर से ठीक पहले मुरैना से धौलपुर की ओर जाने वाली सड़क की करीब पांच फीट की चौड़ाई में दो जगहों पर भारी बारिश के कारण मिट्टी बह गई है। इस बात की खबर जैसे ही एनएचएआई को मिली ठीक वैसे ही एनएचएआई की टीम मौके पर गई और पत्थरों के बीच में लकड़ियां लगाकर एनएचएआई ने रिबन बांध दिए। यह रिबन भी हवा के कारण गिर गए हैं। हाईवे पर आई इतनी बड़ी कमी को एनएचएआई अब तक ठीक नहीं कर पाई है।
यह है खतरा
दिन के समय तो एनएचएआई के रिबन दिख जाते हैं, लेकिन रात के समय यह जगह आसानी से दिखाई नहीं देती। ऐसे में अगर इस जगह पर कोई वाहन दूसरे वाहन को ओवर टेक करता है तो वह सीधे इस खोखली सड़क पर आ जाएगा और सड़क सहित नीचे धंसककर देवपुरी बाबा मंदिर के पीछे के बीहड़ में गिर जाएगा।
यह रही कमी
एनएचएआई ने बीहड़ के इलाके में हाईवे के किनारों पर पत्थर लगाकर और नालियां बनाकर यह इंतजाम किया था कि हाईवे से आने वाला सारा पानी इन नालियों के जरिए बाहर निकल जाए। लेकिन जिस जगह पर यह गड्ढा हुआ है वहां पर पत्थर निकल गए थे। जिसके चलते मिट्टी बहनी शुरू हो गई।
3 दिन में और बह गई मिट्टी
एनएचएआई को मौके पर रिबन लगाए हुए तीन दिन हो चुके हैं। इस दौरान यहां पर और मिट्टी बह गई। जिसके चलते सड़क और अधिक खोखली हो गई है। यानी अब अगर हाईवे की मरम्मत नहीं हुई तो यहां बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है। हाईवे पर और भी कई ऐसी जगहें हैं जहां इसी तरह के हालात बन रहे हैं।
इनका कहना है
जहां पर हाईवे के नीचे की मिट्टी बह गई है। वहां हमने रिबन लगाकर इसे सुरक्षित कर दिया है। पानी होने के कारण वहां मेटेरियल का ट्रक फिसल रहा है। पानी सूखने पर हम वहां मरम्मत करवा देंगे। तब तक वहां सुरक्षा के और इंतजाम किए जाएंगे।
एसके मिश्रा, प्राजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआई ग्वालियर
बाबा देवपुरी मंदिर से ठीक पहले मुरैना से धौलपुर की ओर जाने वाली सड़क की करीब पांच फीट की चौड़ाई में दो जगहों पर भारी बारिश के कारण मिट्टी बह गई है। इस बात की खबर जैसे ही एनएचएआई को मिली ठीक वैसे ही एनएचएआई की टीम मौके पर गई और पत्थरों के बीच में लकड़ियां लगाकर एनएचएआई ने रिबन बांध दिए। यह रिबन भी हवा के कारण गिर गए हैं। हाईवे पर आई इतनी बड़ी कमी को एनएचएआई अब तक ठीक नहीं कर पाई है।
यह है खतरा
दिन के समय तो एनएचएआई के रिबन दिख जाते हैं, लेकिन रात के समय यह जगह आसानी से दिखाई नहीं देती। ऐसे में अगर इस जगह पर कोई वाहन दूसरे वाहन को ओवर टेक करता है तो वह सीधे इस खोखली सड़क पर आ जाएगा और सड़क सहित नीचे धंसककर देवपुरी बाबा मंदिर के पीछे के बीहड़ में गिर जाएगा।
यह रही कमी
एनएचएआई ने बीहड़ के इलाके में हाईवे के किनारों पर पत्थर लगाकर और नालियां बनाकर यह इंतजाम किया था कि हाईवे से आने वाला सारा पानी इन नालियों के जरिए बाहर निकल जाए। लेकिन जिस जगह पर यह गड्ढा हुआ है वहां पर पत्थर निकल गए थे। जिसके चलते मिट्टी बहनी शुरू हो गई।
3 दिन में और बह गई मिट्टी
एनएचएआई को मौके पर रिबन लगाए हुए तीन दिन हो चुके हैं। इस दौरान यहां पर और मिट्टी बह गई। जिसके चलते सड़क और अधिक खोखली हो गई है। यानी अब अगर हाईवे की मरम्मत नहीं हुई तो यहां बड़ी परेशानी खड़ी हो सकती है। हाईवे पर और भी कई ऐसी जगहें हैं जहां इसी तरह के हालात बन रहे हैं।
इनका कहना है
जहां पर हाईवे के नीचे की मिट्टी बह गई है। वहां हमने रिबन लगाकर इसे सुरक्षित कर दिया है। पानी होने के कारण वहां मेटेरियल का ट्रक फिसल रहा है। पानी सूखने पर हम वहां मरम्मत करवा देंगे। तब तक वहां सुरक्षा के और इंतजाम किए जाएंगे।
एसके मिश्रा, प्राजेक्ट डायरेक्टर एनएचएआई ग्वालियर
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