भूतभावन भगवान महाकालेश्वर की भादौ मास की पहली सवारी में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान सपत्नीक यहां पहुंचे। उन्होंने भगवान महाकाल की पूजा भी की।
सवारी में बाबा महाकालेश्वर चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर रूप में, हाथी पर मनमहेश रूप में, गरूड़ पर शिव तांडव, बैल पर उमा-महेश और बैलगाड़ी में विराजित होलकर मुखौटा आकर्षण का केंद्र होगा। श्रावण की ४ सवारियों के बाद यह भादौ की पहली सवारी है।
मंदिर प्रशासक जयंत जोशी ने बताया कि महाकाल मंदिर सभामंडप में पूजन के बाद पुलिस बल गार्ड ऑफ ऑनर देगा, जिसके बाद सवारी महाकाल रोड, गुदरी, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होकर रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा के जल से महाकालेश्वर का अभिषेक होगा।
तत्पश्चात सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी होकर महाकाल मंदिर पहुंचेगी।
राजाधिराज महाकाल की सवारी में शामिल होने के साथ शिवराजसिंह चौहान करीब ६ घंटे शहर में रहेंगे। वे श्रावण की आखिरी सवारी में शामिल होना चाहते थे, लेकिन स्वास्थ्य ठीक न होने से आ नहीं सके थे।
सवारी में बाबा महाकालेश्वर चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर रूप में, हाथी पर मनमहेश रूप में, गरूड़ पर शिव तांडव, बैल पर उमा-महेश और बैलगाड़ी में विराजित होलकर मुखौटा आकर्षण का केंद्र होगा। श्रावण की ४ सवारियों के बाद यह भादौ की पहली सवारी है।
मंदिर प्रशासक जयंत जोशी ने बताया कि महाकाल मंदिर सभामंडप में पूजन के बाद पुलिस बल गार्ड ऑफ ऑनर देगा, जिसके बाद सवारी महाकाल रोड, गुदरी, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होकर रामघाट पहुंचेगी। यहां शिप्रा के जल से महाकालेश्वर का अभिषेक होगा।
तत्पश्चात सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी होकर महाकाल मंदिर पहुंचेगी।
राजाधिराज महाकाल की सवारी में शामिल होने के साथ शिवराजसिंह चौहान करीब ६ घंटे शहर में रहेंगे। वे श्रावण की आखिरी सवारी में शामिल होना चाहते थे, लेकिन स्वास्थ्य ठीक न होने से आ नहीं सके थे।
Source: Chhattisgarh Hindi News & MP Hindi News
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