प्रदेश में 3750 मेगावाट बिजली सप्लाई करने के लिए लगाई गई इकाईयों में उत्पादन कम और मेंटनेंस ज्यादा किया जा रहा है। तेजी से गहराते बिजली संकट के लिए इस बार भी इकाईयों को बंद कर मेंटेनेंस करने वाली एमपी पावर मैनेजमेंट कंपनी की पॉलिसी को दोष दिया जा रहा है।
कंपनी के अफसर दबी जुबान में इस बात को स्वीकार भी कर रहे हैं लेकिन कमजोर मानसून को बिजली किल्लत की प्रमुख वजह बताते हैं। इस बीच सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के अलर्ट के बाद प्रदेश के सात हाइडल प्रोजेक्ट को बंद करने के बाद संकट गहराने के आसार बन रहे हैं।
पावर जनरेशन कंपनी ने हालात पर नियंत्रण करने के लिए गुरुवार से श्रीसिंगाजी थर्मल पावर प्लांट को चालू कर दिया है। 600 मेगावाट बिजली पैदा करने वाले इस प्लांट में तमाम प्रयासों के बावजूद अभी भी महज 146 मेगावाट बिजली ही पैदा हो पा रही है। प्रदेश में बिजली की मांग अभी भी 5675 मेगावाट बनी हुई है। इसके मुकाबले घरेलू थर्मल बिजली 1670 और हाइडल से 654 मेगावाट ही बन रही है। शेष डिमांड को पूरा करने के लिए सेंट्रल ग्रिड और निजी सेक्टर से एमओयू में दर्शाई दरों पर बिजली की खरीदी की जा रही है।
मेंटेनेंस के नाम पर यूनिट बंद
-सतपुडा पावर प्लांट में लगी 210 मेगावाट की 7 नंबर यूनिट 14 अप्रैल से तीन दिनों तक बंद रही। प्लांट की ही 210 मेवा की 8 नंबर यूनिट 6 अप्रैल से चार दिनों तक बंद रही। इसी प्रकार 250 मेगावाट की 11 नंबर यूनिट 12 अप्रैल से और 1 नंबर की 62.5 मेवा वाली यूनिट 6 जनवरी से एक सप्ताह के लिए बंद रखी गई। प्लांट की 6 नंबर यूनिट 18 जून, 9 नंबर यूनिट 18 अगस्त और 11 नंबर यूनिट 17 अगस्त से अब तक बंद चल रही है।
-संजय गांधी ताप विद्युत गृह में भी यूनिट फोर्स आउटेड (जानबूझकर बंद करना) रखी गईं। यहां 210 मेवा की 3 नंबर यूनिट को 26 फरवरी से पांच दिनों तक बंद रखा गया। 14 जून से तीन दिनों के लिए प्लांट की 210 मेगावाट की 1 नंबर और 4 नंबर इकाईयां बंद रहीं । 1 नंबर यूनिट 31 जुलाई और 2 नंबर यूनिट 3 अगस्त से लगातार बंद हैं।
-अमरकंटक थर्मल पावर प्लांट मे लगी 120 मेगावाट की यूनिट नंबर 4 लंबे समय से बंद है। इसके अलावा 210 मेगावाट की 5 नंबर यूनिट 7 अगस्त से बंद चल रही है। यहां केवल एक यूनिट से बिजली उत्पादन हो रहा है।
-श्रीसिंगाजी थर्मल पावर प्लांट की 600 मेवा. की एक नंबर यूनिट 14 अप्रैल को चार दिनों के लिए बंद किया गया। अत्यधिक कोयला खपत करने की तकनीकी खामी के बाद प्लांट को 15 जुलाई से 20 अगस्त तक बंद रखा गया। यहां 21अगस्त से उत्पादन शुरू हुआ।
बिजली उत्पादन की स्थिति
प्लांट क्षमता उत्पादन
सतपुड़ा थर्मल स्टेशन 1330 762
संजय गांधी थर्मल प्लांट 1340 691
अमरकंटक थर्मल प्लांट 450 71
श्रीसिंगाजी स्टेशन 600 146
उत्पादन-थर्मल 1670, हाइडल 654, डिमांड 5675
इनका कहना है
मानसून में पावर यूनिट बंद कर मेंटेनेंस करना पावर जनरेशन कंपनी की पुरानी पॉलिसी रही है। इस बार बारिश नहीं होने से दिक्कताें का सामना करना पड़ रहा है। उत्पादन पर पड़ रहा प्रभाव स्थाई नहीं है।
- विजेंद्र नानावटी, एमडी, पावर जनरेशन
कंपनी के अफसर दबी जुबान में इस बात को स्वीकार भी कर रहे हैं लेकिन कमजोर मानसून को बिजली किल्लत की प्रमुख वजह बताते हैं। इस बीच सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के अलर्ट के बाद प्रदेश के सात हाइडल प्रोजेक्ट को बंद करने के बाद संकट गहराने के आसार बन रहे हैं।
पावर जनरेशन कंपनी ने हालात पर नियंत्रण करने के लिए गुरुवार से श्रीसिंगाजी थर्मल पावर प्लांट को चालू कर दिया है। 600 मेगावाट बिजली पैदा करने वाले इस प्लांट में तमाम प्रयासों के बावजूद अभी भी महज 146 मेगावाट बिजली ही पैदा हो पा रही है। प्रदेश में बिजली की मांग अभी भी 5675 मेगावाट बनी हुई है। इसके मुकाबले घरेलू थर्मल बिजली 1670 और हाइडल से 654 मेगावाट ही बन रही है। शेष डिमांड को पूरा करने के लिए सेंट्रल ग्रिड और निजी सेक्टर से एमओयू में दर्शाई दरों पर बिजली की खरीदी की जा रही है।
मेंटेनेंस के नाम पर यूनिट बंद
-सतपुडा पावर प्लांट में लगी 210 मेगावाट की 7 नंबर यूनिट 14 अप्रैल से तीन दिनों तक बंद रही। प्लांट की ही 210 मेवा की 8 नंबर यूनिट 6 अप्रैल से चार दिनों तक बंद रही। इसी प्रकार 250 मेगावाट की 11 नंबर यूनिट 12 अप्रैल से और 1 नंबर की 62.5 मेवा वाली यूनिट 6 जनवरी से एक सप्ताह के लिए बंद रखी गई। प्लांट की 6 नंबर यूनिट 18 जून, 9 नंबर यूनिट 18 अगस्त और 11 नंबर यूनिट 17 अगस्त से अब तक बंद चल रही है।
-संजय गांधी ताप विद्युत गृह में भी यूनिट फोर्स आउटेड (जानबूझकर बंद करना) रखी गईं। यहां 210 मेवा की 3 नंबर यूनिट को 26 फरवरी से पांच दिनों तक बंद रखा गया। 14 जून से तीन दिनों के लिए प्लांट की 210 मेगावाट की 1 नंबर और 4 नंबर इकाईयां बंद रहीं । 1 नंबर यूनिट 31 जुलाई और 2 नंबर यूनिट 3 अगस्त से लगातार बंद हैं।
-अमरकंटक थर्मल पावर प्लांट मे लगी 120 मेगावाट की यूनिट नंबर 4 लंबे समय से बंद है। इसके अलावा 210 मेगावाट की 5 नंबर यूनिट 7 अगस्त से बंद चल रही है। यहां केवल एक यूनिट से बिजली उत्पादन हो रहा है।
-श्रीसिंगाजी थर्मल पावर प्लांट की 600 मेवा. की एक नंबर यूनिट 14 अप्रैल को चार दिनों के लिए बंद किया गया। अत्यधिक कोयला खपत करने की तकनीकी खामी के बाद प्लांट को 15 जुलाई से 20 अगस्त तक बंद रखा गया। यहां 21अगस्त से उत्पादन शुरू हुआ।
बिजली उत्पादन की स्थिति
प्लांट क्षमता उत्पादन
सतपुड़ा थर्मल स्टेशन 1330 762
संजय गांधी थर्मल प्लांट 1340 691
अमरकंटक थर्मल प्लांट 450 71
श्रीसिंगाजी स्टेशन 600 146
उत्पादन-थर्मल 1670, हाइडल 654, डिमांड 5675
इनका कहना है
मानसून में पावर यूनिट बंद कर मेंटेनेंस करना पावर जनरेशन कंपनी की पुरानी पॉलिसी रही है। इस बार बारिश नहीं होने से दिक्कताें का सामना करना पड़ रहा है। उत्पादन पर पड़ रहा प्रभाव स्थाई नहीं है।
- विजेंद्र नानावटी, एमडी, पावर जनरेशन
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