गांधी मेडिकल कॉलेज के पांच संदिग्ध मुन्नाभाइयों पर कार्रवाई पुलिस रिपोर्ट के इंतजार में लटक गई है। इन विद्यार्थियों के फोटो मिलान के लिए सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री अहमदाबाद भेजे गए हैं, लेकिन फॉरेंसिक जांच में देरी हो रही है। मामले की जांच कर रही पुलिस भी इसमें सुस्ती दिखा रही है।
गौरतलब है कि जीएमसी में 28 संदिग्ध विद्यार्थी मिले थे। इनके फोटो और हस्ताक्षर पीएमटी परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों से अलग मिले थे। फॉरेंसिक लैब सागर से फोटो मिलान संबंधी स्पष्ट रिपोर्ट नहीं मिलने पर फोटो मिलान के लिए सीएफएसल अहमदाबाद भेजे गए थे।
हाईकोर्ट ने अप्रैल में इन विद्यार्थियों के संबंध में दो महीने के भीतर निर्णय लेने के लिए कहा था। इसके बाद जीएमसी प्रबंधन ने संदिग्ध विद्यार्थियों को बुलाकर उनका पक्ष सुना था। फोटो मिलान नहीं होने के चलते 2009 बैच के एक दर्जन विद्यार्थियों को पहले निकाल दिया गया था।
इसके बाद दोनों साल के 8 और छात्रों को पिछले महीने कॉलेज से बाहर कर दिया गया। बचे पांच विद्यार्थियों पर फिलहाल अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस संबंध में जीएमसी के डीन डॉ. भानु दुबे ने कहा कि रिपोर्ट पुलिस के पास आनी है। कॉलेज को इसकी प्रति मिलने पर ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि जीएमसी में 28 संदिग्ध विद्यार्थी मिले थे। इनके फोटो और हस्ताक्षर पीएमटी परीक्षा में बैठने वाले उम्मीदवारों से अलग मिले थे। फॉरेंसिक लैब सागर से फोटो मिलान संबंधी स्पष्ट रिपोर्ट नहीं मिलने पर फोटो मिलान के लिए सीएफएसल अहमदाबाद भेजे गए थे।
हाईकोर्ट ने अप्रैल में इन विद्यार्थियों के संबंध में दो महीने के भीतर निर्णय लेने के लिए कहा था। इसके बाद जीएमसी प्रबंधन ने संदिग्ध विद्यार्थियों को बुलाकर उनका पक्ष सुना था। फोटो मिलान नहीं होने के चलते 2009 बैच के एक दर्जन विद्यार्थियों को पहले निकाल दिया गया था।
इसके बाद दोनों साल के 8 और छात्रों को पिछले महीने कॉलेज से बाहर कर दिया गया। बचे पांच विद्यार्थियों पर फिलहाल अभी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। इस संबंध में जीएमसी के डीन डॉ. भानु दुबे ने कहा कि रिपोर्ट पुलिस के पास आनी है। कॉलेज को इसकी प्रति मिलने पर ही इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
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