कोंडागांव जिले के मर्दापाल थाना क्षेत्र के ग्राम कुदूर के 13 परिवारों को नक्सलियों ने गांव से बेदखल कर दिया है। दरअसल गांव का एक युवक मानकूराम पुलिस की नौकरी में चला गया है। इससे नाराज नक्सलियों ने मानकूराम के परिवार व उसके रिश्तेदारों को बेदखली का फरमान सुनाया है। 30 जुलाई को नक्सलियों ने मानकूराम के भाई मोहन सिंह कश्यप व उसके अन्य परिजनों तथा रिश्तेदारों की बुरी तरह पिटाई की और तत्काल गांव छोड़कर चले जाने को कहा। भयभीत ग्रामीणों ने गांव से भागकर जिला मुख्यालय कोंडागांव में अपने परिचितों के यहां शरण ली है।
मंगलवार शाम पीड़ित आदिवासी परिवार आईजी बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी के पास अपनी व्यथा सुनाने पहुंचे थे। इनमें दुधमुंहे बच्चों के साथ महिलाएं भी थीं। उन्होंने बताया कि मानकूराम हाल में ही आरक्षक के पद पर भर्ती हुआ है। वर्तमान में दुर्ग में प्रशिक्षण ले रहा है। उसके बड़े भाई मोहन सिंह कश्यप तथा परिवार को नक्सलियों ने पहले भी धमकी दी थी। मोहन पर पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने पिछले तीन साल से गांव से बाहर जाने पर बंदिश लगाया रखा था। 30 जुलाई को कुदूर एरिया कमेटी के कमांडर सुदराम व ओलधर ने गांव में बैठक बुलाई तथा शहीद दिवस मनाया। बैठक के बाद 12 से 15 नक्सलियों ने मोहन व उसकी पत्नी सुखारी के साथ मारपीट की। इसके बाद मोहन, उसके पिता ज्ञान सिंह तथा अन्य रिश्तेदारों रामनाथ, समरथ, मंगलदई, कौशल्या आदि के कुल 13 परिवारों को 24 घंटे के भीतर गांव छोड़ने का फरमान सुनाया। दहशतजदा ग्रामीण भागकर कोंडागांव पहुंचे व एसपी तथा कलेक्टर से शिकायत की। ग्रामीणों का कहना है कि नक्सल धमकी के चलते वे खेती-बाड़ी, मवेशी आदि छोड़कर भागने विवश हो गए हैं। फिलहाल ये लोग भेलवापारा कोंडागांव में परिचितों के घर रह रहे हैं तथा मजदूरी कर जीवन यापन रहे हैं।
प्रशासन ने नहीं की मदद
ग्रामीणों के मुताबिक कलेक्टर व एसपी को सूचना देने के बावजूद उन्हें फौरी तौर पर राहत नहीं मिली। न तो राशन दिया गया न ही आवास की व्यवस्था की गई। हालांकि उन्हें जमीन देने का आश्वासन कलेक्टर कोंडागांव ने दिया है। ग्रामणों से बात करने के बाद आईजी ने कोंडागांव एसपी व कलेक्टर से राहत कार्य के विषय में जानकारी ली तथा उचित मदद के लिए कहा है।
दो परिवार पहले से भगाए गए
मर्दापाल इलाके के आदापाल में सात अगस्त को गोपनीय सैनिक हरिश्चंद मंडावी की बुआ पर नक्सलियों ने कुल्हाड़ी से हमला कर दिया था। गंभीर हालत में उसे आरएनटी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इसके बाद उनका परिवार कोंडागांव तहसीलपारा में निवास कर रहा है। इसी प्रकार सात अगस्त को ही ग्राम पंचायत कुदूर के सरपंच बुधरू मंडावी की नक्सलियों ने धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। इसके बाद मुखबिरी के संदेह में ग्राम कोटवार मणिशंकर को घर से उठा लिया व उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। दहशत के चलते कोटवार लोहंडीगुड़ा स्थित सीएएफ कैम्प में रह रहा है।
इनका कहना है
'गांव से भगाए गए ग्रामीणों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। उनके बेहतर पुनर्वास के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया जारी है। जल्द ही उन्हें गांव वापस भेजा जाएगा। '
एसआरपी कल्लूरी,आईजी,बस्तर
मंगलवार शाम पीड़ित आदिवासी परिवार आईजी बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी के पास अपनी व्यथा सुनाने पहुंचे थे। इनमें दुधमुंहे बच्चों के साथ महिलाएं भी थीं। उन्होंने बताया कि मानकूराम हाल में ही आरक्षक के पद पर भर्ती हुआ है। वर्तमान में दुर्ग में प्रशिक्षण ले रहा है। उसके बड़े भाई मोहन सिंह कश्यप तथा परिवार को नक्सलियों ने पहले भी धमकी दी थी। मोहन पर पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने पिछले तीन साल से गांव से बाहर जाने पर बंदिश लगाया रखा था। 30 जुलाई को कुदूर एरिया कमेटी के कमांडर सुदराम व ओलधर ने गांव में बैठक बुलाई तथा शहीद दिवस मनाया। बैठक के बाद 12 से 15 नक्सलियों ने मोहन व उसकी पत्नी सुखारी के साथ मारपीट की। इसके बाद मोहन, उसके पिता ज्ञान सिंह तथा अन्य रिश्तेदारों रामनाथ, समरथ, मंगलदई, कौशल्या आदि के कुल 13 परिवारों को 24 घंटे के भीतर गांव छोड़ने का फरमान सुनाया। दहशतजदा ग्रामीण भागकर कोंडागांव पहुंचे व एसपी तथा कलेक्टर से शिकायत की। ग्रामीणों का कहना है कि नक्सल धमकी के चलते वे खेती-बाड़ी, मवेशी आदि छोड़कर भागने विवश हो गए हैं। फिलहाल ये लोग भेलवापारा कोंडागांव में परिचितों के घर रह रहे हैं तथा मजदूरी कर जीवन यापन रहे हैं।
प्रशासन ने नहीं की मदद
ग्रामीणों के मुताबिक कलेक्टर व एसपी को सूचना देने के बावजूद उन्हें फौरी तौर पर राहत नहीं मिली। न तो राशन दिया गया न ही आवास की व्यवस्था की गई। हालांकि उन्हें जमीन देने का आश्वासन कलेक्टर कोंडागांव ने दिया है। ग्रामणों से बात करने के बाद आईजी ने कोंडागांव एसपी व कलेक्टर से राहत कार्य के विषय में जानकारी ली तथा उचित मदद के लिए कहा है।
दो परिवार पहले से भगाए गए
मर्दापाल इलाके के आदापाल में सात अगस्त को गोपनीय सैनिक हरिश्चंद मंडावी की बुआ पर नक्सलियों ने कुल्हाड़ी से हमला कर दिया था। गंभीर हालत में उसे आरएनटी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। इसके बाद उनका परिवार कोंडागांव तहसीलपारा में निवास कर रहा है। इसी प्रकार सात अगस्त को ही ग्राम पंचायत कुदूर के सरपंच बुधरू मंडावी की नक्सलियों ने धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। इसके बाद मुखबिरी के संदेह में ग्राम कोटवार मणिशंकर को घर से उठा लिया व उसके साथ बुरी तरह मारपीट की गई। दहशत के चलते कोटवार लोहंडीगुड़ा स्थित सीएएफ कैम्प में रह रहा है।
इनका कहना है
'गांव से भगाए गए ग्रामीणों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए गए हैं। उनके बेहतर पुनर्वास के लिए प्रशासनिक प्रक्रिया जारी है। जल्द ही उन्हें गांव वापस भेजा जाएगा। '
एसआरपी कल्लूरी,आईजी,बस्तर
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