सिंध नदी पर बना प्रदेश का सबसे बड़ा पुल डूब सकता है।2 किमी लंबे इस पुल के निर्माण के साथ ही इसकी हाइट बढ़ाने के प्रयास शुरू कर दिए गए थे। लेकिन 5 वर्ष बीतने के बाद भी इसकी हाइट नहीं बढ़ पाई। अब मालवा अंचल में हो रही बारिश से पानी पुल की सतह से सिर्फ 5 फीट नीचे रह गया है।
2 किमी लंबा है पुल
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 27 सिंध नही पर बने अमोला पुल की लंबाई करीब 2 किमी है।एनएचआई प्रबंधन के मुताबिक शिवपुरी,झांसी,धोवनी,मार्ग बना यह ब्रिज मप्र का संभवत:सबसे बड़ा पुल है।इस ब्रिज से होकर रूांसी,कानपुर,दिनारा के लिए रोजाना हजारों वाहन आना जाना करते है।यदि इस पुल पर पानी आ जाएगा तो एहतियातन जब तक पानी ब्रिज से नीचे चला नहीं जाता तब तक वाहनों को रोका जा सकता है।
यह पड़ेगा प्रभाव
-राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 27 जयपुर कानपुर से होकर रोजाना करीब दस हजार से अधिक वाहनों का आना जाना है।
-इस मार्ग से होकर कानपुर से लेकर अहमदाबाद तक का मार्ग तय किया जा सकता है।
-यह हाइवे राजस्थान ही नहीं गुजरात को भी जोड़ता है।
-पुल से एक सड़क भी दतिया जाती है, इसी रोड से ग्वालियर से मोहना पोहरी को भी एक सड़क जोड़ती है,जो शिवपुरी,श्योपुर सड़क से बाद मे आकर मिलती है।
-राजमार्ग क्रमांक 76 कोटा शिवपुरी की जिले में लंबाई 90 किमी है। जो भी इस हाइवे से आकर जुड़ता है।
-टू वे बने इस पुल पर हाइट बढ़ाने के लिए पहले एक कोर पर काम शुरू होना था जिसके बाद दूसरे कोर पर एनएच काम शुरू करने वाली थी। यह प्रस्ताव काफी समय से दिल्ली लंबित पड़ा हुआ है।जिस पर विचार नहीं हो पारहा है।
सिर्फ 5 फुट नीचे रह गया पानी
मड़ीखेड़ा डेम की कुल जल भराव क्षमता 346 मीटर है। इस समय डेम में कुल जमा पानी 344 मीटर के आसपास हैं । मड़ी खेड़ा प्रबंधन का कहना है कि 346मीटर जल भराव होने के बाद हम डेम के गेट खेल सकते हैं यदि मालवा अंचल में हो रही बारिश अगले एक दो दिन तक इसी तरह होती रही तो मड़ी खेड़ा डेम के गेट खेलने पड़ सकते है। यदि ऐसा हुआ तो पुल डूब जाएगा।
बीते वर्ष भी डूब गया था पुल
बीते साल भी डेम के दरवाजे खेले गए थे पुल डूब गया था और पुल के उपर से होकर करीब 1 फुट पानी बहने लगा था।इसके बाद से एनएच के अधिकारी इस बात को कह रहे है। कि पुल की हाइट बढ़ाने का प्रस्ताव दिल्ली भेजा चुका है। परंतु मुजूर कब होगा इस विषय में कुछ भी बोलेन को तैयार नहीं है।
तैयार हुआ एस्टीमेंट डीपीआर पर नहीं हो पाया काम
पुल की हाइट बढ़ाने के लिए एनएच ने एस्टीमेंट तो कर लिया है। परंतु उसकी डीपीआर अब तक तैयार नहीं हो पाई है।एस्टीमेंट पर करीब एक साल पहले ही काम कर लिया गया था। कितुं हायर अॅाथारिटी से अब तक मंजूरी नही मिलने की वजह से आज आम आदमी को परेशान होना पड़ रहा है।
2 किमी लंबा है पुल
राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 27 सिंध नही पर बने अमोला पुल की लंबाई करीब 2 किमी है।एनएचआई प्रबंधन के मुताबिक शिवपुरी,झांसी,धोवनी,मार्ग बना यह ब्रिज मप्र का संभवत:सबसे बड़ा पुल है।इस ब्रिज से होकर रूांसी,कानपुर,दिनारा के लिए रोजाना हजारों वाहन आना जाना करते है।यदि इस पुल पर पानी आ जाएगा तो एहतियातन जब तक पानी ब्रिज से नीचे चला नहीं जाता तब तक वाहनों को रोका जा सकता है।
यह पड़ेगा प्रभाव
-राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 27 जयपुर कानपुर से होकर रोजाना करीब दस हजार से अधिक वाहनों का आना जाना है।
-इस मार्ग से होकर कानपुर से लेकर अहमदाबाद तक का मार्ग तय किया जा सकता है।
-यह हाइवे राजस्थान ही नहीं गुजरात को भी जोड़ता है।
-पुल से एक सड़क भी दतिया जाती है, इसी रोड से ग्वालियर से मोहना पोहरी को भी एक सड़क जोड़ती है,जो शिवपुरी,श्योपुर सड़क से बाद मे आकर मिलती है।
-राजमार्ग क्रमांक 76 कोटा शिवपुरी की जिले में लंबाई 90 किमी है। जो भी इस हाइवे से आकर जुड़ता है।
-टू वे बने इस पुल पर हाइट बढ़ाने के लिए पहले एक कोर पर काम शुरू होना था जिसके बाद दूसरे कोर पर एनएच काम शुरू करने वाली थी। यह प्रस्ताव काफी समय से दिल्ली लंबित पड़ा हुआ है।जिस पर विचार नहीं हो पारहा है।
सिर्फ 5 फुट नीचे रह गया पानी
मड़ीखेड़ा डेम की कुल जल भराव क्षमता 346 मीटर है। इस समय डेम में कुल जमा पानी 344 मीटर के आसपास हैं । मड़ी खेड़ा प्रबंधन का कहना है कि 346मीटर जल भराव होने के बाद हम डेम के गेट खेल सकते हैं यदि मालवा अंचल में हो रही बारिश अगले एक दो दिन तक इसी तरह होती रही तो मड़ी खेड़ा डेम के गेट खेलने पड़ सकते है। यदि ऐसा हुआ तो पुल डूब जाएगा।
बीते वर्ष भी डूब गया था पुल
बीते साल भी डेम के दरवाजे खेले गए थे पुल डूब गया था और पुल के उपर से होकर करीब 1 फुट पानी बहने लगा था।इसके बाद से एनएच के अधिकारी इस बात को कह रहे है। कि पुल की हाइट बढ़ाने का प्रस्ताव दिल्ली भेजा चुका है। परंतु मुजूर कब होगा इस विषय में कुछ भी बोलेन को तैयार नहीं है।
तैयार हुआ एस्टीमेंट डीपीआर पर नहीं हो पाया काम
पुल की हाइट बढ़ाने के लिए एनएच ने एस्टीमेंट तो कर लिया है। परंतु उसकी डीपीआर अब तक तैयार नहीं हो पाई है।एस्टीमेंट पर करीब एक साल पहले ही काम कर लिया गया था। कितुं हायर अॅाथारिटी से अब तक मंजूरी नही मिलने की वजह से आज आम आदमी को परेशान होना पड़ रहा है।
Source: Chhattisgarh Hindi News & MP Hindi News
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