हाईकोर्ट ने प्रदेशभर की सभी भर्तियों और प्रवेश में आवेदकों के स्व प्रमाणित प्रमाण पत्र को स्वीकार करने का आदेश दिया है। इस संबंध में मुख्य सचिव व सामान्य प्रशासन विभाग छत्तीसगढ़ को 30 दिनों के अंदर आदेश जारी करने के निर्देश दिया गया है।
संयुक्त संचालक स्वास्थ्य विभाग रायपुर ने स्टॉफ नर्स के रिक्त पदों को भरने विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित किए थे। इसमें परमेश्वरी चतुर्वेदी ने आवेदन दिया। परीक्षा में सफल होने के उपरांत उसे प्रमाण पत्रों की जांच के लिए बुलाया गया।
अंकसूची, जन्म प्रमाण पत्र समेत अन्य प्रमाण पत्र को उसने खुद से प्रमाणित किया था। राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित नहीं किए जाने से उसे अयोग्य कर दिया गया। इसके खिलाफ उसने अधिवक्ता पुष्पेंद्र पटेल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
इसमें बताया गया कि केंद्रीय समान्य प्रशासन विभाग ने 9 अगस्त 2014 को इस संबंध में आदेश जारी किया है कि सभी भर्तियों में मार्कशीट, जन्म प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज के स्व प्रमाणित छायाप्रति को स्वीकार किया जाना है।
पूर्व की स्थिति में शपथ पत्र व राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित छायाप्रति को स्वीकार किया जा रहा था। इसके अलावा साक्षात्कार व काउंसिलिंग के दौरान मूल दस्तावेज को दिखाया जाना अनिवार्य है। उसने कोर्ट में यह बात भी रखी कि शपथ पत्र बनवाने में नागरिकों पर आर्थिक भार पड़ता है।
इसके अलावा राजपत्रित अधिकारी से प्रमाणित कराए जाने पर अधिकारी व आवेदक का समय खराब होता है। हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए मुख्य सचिव व सामान्य प्रशासन विभाग को प्रदेश में हो रही और भविष्य में होने वाली सभी भर्तियों में स्व प्रमाणित प्रमाण पत्र को मान्य करने 30 दिन के अंदर आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं।
संयुक्त संचालक स्वास्थ्य विभाग रायपुर ने स्टॉफ नर्स के रिक्त पदों को भरने विज्ञापन जारी कर आवेदन आमंत्रित किए थे। इसमें परमेश्वरी चतुर्वेदी ने आवेदन दिया। परीक्षा में सफल होने के उपरांत उसे प्रमाण पत्रों की जांच के लिए बुलाया गया।
अंकसूची, जन्म प्रमाण पत्र समेत अन्य प्रमाण पत्र को उसने खुद से प्रमाणित किया था। राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित नहीं किए जाने से उसे अयोग्य कर दिया गया। इसके खिलाफ उसने अधिवक्ता पुष्पेंद्र पटेल के माध्यम से हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी।
इसमें बताया गया कि केंद्रीय समान्य प्रशासन विभाग ने 9 अगस्त 2014 को इस संबंध में आदेश जारी किया है कि सभी भर्तियों में मार्कशीट, जन्म प्रमाण पत्र समेत अन्य दस्तावेज के स्व प्रमाणित छायाप्रति को स्वीकार किया जाना है।
पूर्व की स्थिति में शपथ पत्र व राजपत्रित अधिकारी द्वारा प्रमाणित छायाप्रति को स्वीकार किया जा रहा था। इसके अलावा साक्षात्कार व काउंसिलिंग के दौरान मूल दस्तावेज को दिखाया जाना अनिवार्य है। उसने कोर्ट में यह बात भी रखी कि शपथ पत्र बनवाने में नागरिकों पर आर्थिक भार पड़ता है।
इसके अलावा राजपत्रित अधिकारी से प्रमाणित कराए जाने पर अधिकारी व आवेदक का समय खराब होता है। हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए मुख्य सचिव व सामान्य प्रशासन विभाग को प्रदेश में हो रही और भविष्य में होने वाली सभी भर्तियों में स्व प्रमाणित प्रमाण पत्र को मान्य करने 30 दिन के अंदर आदेश जारी करने के निर्देश दिए हैं।
Source: Chhattisgarh News & MP News in Hindi
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