Wednesday 20 August 2014

Raipur news

छातिम के पौधों से सर्दी, खांसी, एलर्जी और अस्थमा को लेकर संशय है। इसके बाद भी नगर निगम इस पौधे को बांट रहा है। हफ्ता-दस दिन पहले ही नगर निगम ने वन विभाग की नर्सरी से डेढ़ हजार छातिम के पौधे और मंगाए हैं।

छातिम के पौधे पर नोएडा समेत कुछ और बड़े शहरों में प्रतिबंध लगा दिया गया है। क्योंकि, पता चला है कि इस पौधे से ठंड में स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव पड़ता है। नगर निगम एक साल पहले कुछ स्कूलों, शहर के सभी पुलिस थानों और गार्डनों में छातिम के पौधे रोपे हैं। निगम के अधिकारियों का कहना है कि छातिम को लेकर कहीं से भी कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। इस कारण पुराने लगे पौधों को नहीं उखाड़ा जा सकता है। नईदुनिया की टीम निगम के मोतीबाग स्थित नर्सरी पहुंची तो यहां कई जगहों पर छातिम के पौधे रखे मिले। नर्सरी के कर्मचारियों से पता चला है कि कुछ पौघे बांट भी दिए गए हैं।

वन विभाग ने रिपोर्ट मांगी

छातिम के पौधे को राक्षसी पौधा कहा जाने लगा है। जब यह खबर आई कि इससे लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। तब, एपीसीसीएफ केसी यादव ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च दिल्ली, इंडियन काउंसिल ऑफ फॉरेस्ट्री रिसर्च एंड एजुकेशन, ऑल इंडिया मेडिकल ऑफ रायपुर, रायपुर मेडिकल कॉलेज, आयुर्वेद कॉलेज रायपुर और स्वास्थ्य सेवाएं संचालक रायपुर को पत्र भेजकर छातिम पौधों से हानि को लेकर रिपोर्ट मांगी है। गौरतलब है कि वन विभाग पिछले तीस साल में प्रदेशभर में लाखों की संख्या में छातिम रोप चुका है।

पर्यावरणविद् छातिम के पक्षधर

दूसरी ओर कुछ पर्यावरणविदें का मानना है कि छातिम से किसी तरह का नुकसान नहीं होता है। इसके लिए उन्होंने पुराने रिसर्च और बंगाल के शांति निकेतन में लगाए गए पौधों का हवाला दिया है। फिलहाल इस पौधे से हानि होने या न होने पर कहीं से आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई है।

छातिम को लेकर कोई स्पष्ट निर्देश नहीं आया है। निगम ने नए पौधे नहीं मंगाए हैं। बल्कि, शासन की तरफ से वन विभाग ने खुद से भेज दिया है। इस कारण निगम की नर्सरी में रखे हुए हैं। उन्हें बांटना है या नहीं, इस पर वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जाएगी।

बीपी राही, प्रभारी अधिकारी, उद्यानिकी नगर निगम

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