Tuesday 26 August 2014

Surrender jhiram valley couple accused of assault

झीरम कांड में शामिल रहे नक्सलियों के सेक्शन कमांडर चैतराम सलाम व उसकी पत्नी मंजुला ने एक अन्य महिला नक्सली सहित पुलिस के सामने आत्म समर्पण कर दिया है। सोमवार दोपहर आईजी दफ्तर में समर्पित नक्सलियों को पेश किया गया। इनसे पूछताछ में एनआईए को झीरम कांड के बारे में कई अहम जानकारी हाथ लगी है।

आईजी एसआरपी कल्लूरी ने पत्रवार्ता में कहा कि नक्सलियों के दोहरे चरित्र के चलते स्थानीय नक्सली पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर समाज की मुख्यधारा में लौट रहे हैं। झीरमकांड में शामिल रहे नक्सलियों के दरभा सेक्शन कमांडर चैतराम सलाम (32) निवासी बनछपई उसकी पत्नी मंजुला(25) निवासी कुरेली जिला नारायणपुर तथा राजनांदगांव क्षेत्र में सक्रि य महिला नक्सली रजनी निवासी छोटे पंखाजुर ने नारायणपुर पुलिस के समक्ष सरेंडर किया। रजनी राजनांदगांव जिले के मानपुर में हुए मुठभेड़ में शामिल बतायी गई है।

तीनों समर्पित नक्सलियों से पुलिस, सीआरपीएफ एवं एनआईए के वरिष्ठ अफसरों ने पूछताछ की। इनसे झीरमकांड के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। करीब 165 लोगों के नाम तथा प्रमाण भी जांच एजेंसी को मिले हैं। पत्रवार्ता के दौरान कोबरा के डीआईजी एमजे विजय, डीआईजी सीआरपीएफ केके सिन्हा, एसपी बस्तर अजय यादव, एसपी नारायणपुर अमित काम्बले, एसपी कांकेर राजेंद्र दास, एसपी कोंडागांव अभिषेक मीणा मौजूद थे।

देवजी ने रची थी झीरम की साजिश

समर्पित नक्सलियों से मिली जानकारी के अनुसार झीरम कांड की साजिश 13 मार्च 2013 को बीजापुर जिले के दोड़ी तुमनार गांव में रची गई थी। यहां टॉप मोस्ट नक्सल लीडर सेंट्रल कमेटी के सदस्य देवजी समेत दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी सदस्य एवं दक्षिण बस्तर डिवीजनल कमेटी के सचिव गणेश उईके, डिवीजनल कमांडर विनोद, देवा व श्याम ने हमले का षडंयंत्र रचा था। यह सभी एम्बुश में शाामिल थे। इनके साथ समर्पित नक्सली सेक्शन कमांडर चैतराम सलाम भी शामिल था। वहीं उसकी पत्नी घटना स्थल से कुछ दूरी पर रसोइए के रूप में मौजूद थी।

कई वारदात में संलिप्तता

सरेंडर नक्सल दंपत्ति का ओडिशा व बस्तर के कई बड़े हादसों में हाथ होना पाया गया है। ताड़मेटला में सीआरपीएफ के 76 जवानों की एम्बुश में फंसाकर हत्या, ओडिशा दामनजोड़ी नालको संयंत्र पर हमला समेत अन्य वारदातों में भी यह शामिल रहे हैं। चैतराम सलाम की पत्नी मंजुला सीआरसी साऊथ रीजनल कमांड 2 की सक्रि य सदस्य रही है।

छह हजार लोग आंध्र में रह रहे

आईजी एसआरपी कल्लूरी ने बताया कि नक्सलियों समर्थक कुछ संगठन यह दुष्प्रचार कर रहे हैं कि पुलिस बस्तर में नक्सली नहीं बल्कि आदिवासियों के खिलाफ आपरेशन चली रही है जबकि हकीकत यह है कि कोंटा के भेज्जी क्षेत्र के छह हजार आदिवासी नक्सल दहशत से कई सालों से आंध्र के खम्मम व अन्य जगहों पर रह रहे हैं। उनकी वापसी के लिए ठोस उपाय किए जा रहे हैं।

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